कबीरधाम में DEO को थमाया फर्जी लेटर, नियुक्ति पत्र जारी, खुली पोल, मचा हड़कंप, FIR दर्ज, पुलिस ने व्याख्याता दयाल सिंह को किया गिरफ्तार

Fake letter handed over to DEO in Kabirdham appointment letter issued open poll created panic FIR registered police arrested lecturer Dayal Singh

कबीरधाम में DEO को थमाया फर्जी लेटर, नियुक्ति पत्र जारी, खुली पोल, मचा हड़कंप, FIR दर्ज, पुलिस ने व्याख्याता दयाल सिंह को किया गिरफ्तार

कबीरधाम : पुलिस ने दयाल सिंह व्याख्याता, शासकीय हाई स्कूल बेंदरची को फर्जी आदेश पत्र के आधार पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) का पद हासिल करने की कोशिश में गिरफ्तार कर लिया है. ये पूरा मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है.
मिली जानकारी के मुताबिक बेंदरसी शासकीय हाई स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर दयाल सिंह बघेल की पोस्टिंग है. बीईओं बनने की चाह रखने वाले दयाल सिंह ने 19 सितंबर को छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय रायपुर के नाम से एक कूटरचित आदेश पत्र तैयार किया. इस पत्र में आरोपी ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बोड़ला के पद पर नियुक्त किए जाने का उल्लेख था.
आरोपी ने यह फर्जी आदेश पत्र जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) योगदास साहू के सामने पेश किया. जिसके आधार पर डीईओ ने आदेश जारी कर दिया.
इस आदेश के बाद डीईओं को अपर सचिव के आदेश पत्र में कूटरचना होने का शक हुआ. लिहाजा डीईओं ने उक्त लेटर के बारे में अपर सचिव कार्यालय में पत्राचार कर हकीकत जानने का प्रयास किया गया. जवाब में उक्त पत्र फर्जी होने की जानकारी सामने आने के बाद डीईओं योगदास साहू का माथा चकरा गया.
जिसके बाद फौरन डीईओ योगदास साहू ने आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया और संबंधित मामले की रिपोर्ट थाना कोतवाली में दर्ज कराई. शुरुआती जांच में यह साफ़ हो गया कि आरोपी ने शासन और विभाग को धोखा देने के लिए कूटरचित दस्तावेज का इस्तेमाल किया था.
कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (IPS) ने इस गंभीर मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए अपनी टीम को निर्देशित किया. सिंह के मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज पटेल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल की निगरानी में पुलिस टीम ने तेजी से मामले की जांच की.
एसडीओपी प्रतीक चतुर्वेदी और कोतवाली थाना प्रभारी उप निरीक्षक शांता लकड़ा की टीम ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जरुरी कानूनी कदम उठाए और दयाल सिंह को गिरफ्तार किया.
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336(3), 338, 340(2) BNS के तहत सभी कार्यवाही की. पुलिस की जांच में यह भी साफ हुआ कि आरोपी ने प्रशासनिक सिस्टम को धोखा देने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किया था. जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई थी.
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (IPS) ने मामले की प्रभावी जांच के लिए अपनी पूरी टीम की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस विभाग इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई करेगा. ताकि सार्वजनिक संस्थानों में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की कोई गुंजाइश न रहे.
इससे पहले भी कई बार दयाल सिंह विवादों में रहे हैं. दो साल पहले विकासखंड शिक्षा कार्यालय में महिला स्टाफ से बदसलूकी के मामले में बोड़ला बीईओ दयाल सिंह के खिलाफ थाने में FIR हुई थी. मामले में थाना तलब कर बीईओ सिंह की गिरफ्तारी हुई. कागजी कार्रवाई के बाद करीब आधे घंटे के भीतर मुचलके पर रिहा भी हो गए. गौरतलब हो कि विकासखंड शिक्षा कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड- 2 आरती अग्रवाल अपने अधिकारी दयाल सिंह के खिलाफ बदसलूकी करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी. उनकी रिपोर्ट पर पुलिस ने FIR दर्ज करते हुए मामले को संज्ञान में लिया था.
महिला स्टाफ के साथ बदसलूकी मामले में बोड़ला के प्रभारी BEO दयाल सिंह को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया था. विकासखंड शिक्षा कार्यालय में महिला स्टाफ से बदसलूकी का मामला सामने आया था. बोड़ला बीईओ दयाल सिंह के खिलाफ थाने में एफआईआर हुई थी. मामले में थाना तलब कर बीईओ श्री सिंह की गिरफ्तारी हुई. हालांकि कुछ देर बाद उन्हें रिहा भी कर दिया गया था. इतना ही नहीं इस खबर को प्रकाशित किए जाने पर बीईओ ने पत्रकारों को भी धमकी दे दी थी. मामले में विभागीय स्तर पर शिकायत के बाद जांच करायी गयी थी. जिसके बाद डीपीआई ने प्रभारी बीईओ दयाल सिंह को सस्पेंड कर दिया था. दयाल सिंह की जांच एसडीएम बोड़ला और डीईओ कबीरधाम की तरफ से करायी गयी थी. जिसमें बीईओ को दोषी माना गया था. लेकिन इस बार उनकी मुश्किलें बढ़ गयी हैं.
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