कम उम्र के बच्चों को अभिभावकों के बिना पटाखा न बेचें, कलेक्टर का सख्त निर्देश, दिवाली पर सिर्फ 2 घंटे कर सकेंगे आतिशबाजी
Do not sell firecrackers to underage children without parents strict instructions from Collector fireworks will be allowed only for 2 hours on Diwali
कम उम्र के बच्चों को अभिभावकों के बिना पटाखा न बेचें, कलेक्टर का सख्त निर्देश
बेमेतरा : कलेक्टर एवं ज़िला दंडाधिकारी श्री शर्मा ने जारी संदेश मैं कहा कि बेमेतरा ज़िले में आयातित पटाखे बेचना और उनका उपयोग प्रतिबंधित रहेगा. ऐसा करने पर “एक्सप्लोसिव एक्ट” की संबंधित धारा के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ज़िले की जनता से अपील की है कि स्थानीय उत्पादों को खरीदा जाए. दीपावली के दौरान मिट्टी के दिये खरीदें. जिससे स्थानीय कुम्हारों को रोजगार मिले. छत्तीसगढ़ में दिवाली, छठ, गुरुपर्व पर दो घंटे पटाखे फोड़े जा सकेंगे. इसके साथ ही ऑनलाइन पटाखों के बिक्री पर बैन लगा दिया है. सरकार ने ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेशों का कड़ाई से पालन का निर्देश दिया है.
कलेक्टर ने ज़िले के सभी पटाखों के विक्रेताओं से भी आग्रह किया कि वे कम उम्र के बच्चों को सीधे पटाखे न बेचे. बच्चों को अभिभावक की मौजूदगी में ही पटाखे दें. छोटे पटाखे जैसे फुलझड़ी, चकरी, अनार भी दुकानदार अभिभावक के सामने ही बच्चों को विक्रय करें. ताकि किसी तरह की घटना, दुर्घटना न हो सके. किसी पटाखा दुकान पर 18 साल से कम उम्र के बच्चों को काम पर रखने वालों के खिलाफ भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी. नए निर्देशों के तहत प्रशासन और संबंधित थाना पुलिस पटाखा दुकान पर नजर रखेगी. जो विक्रेता नियमों का उल्लंघन करते मिलेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. आयातित पटाखों से ध्वनि प्रदूषण ज्यादा होने के साथ सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है.
कलेक्टर शर्मा ने बताया कि विस्फोटक अधिनियम के अंतर्गत अवैध पटाखों के भंडारण, वितरण और विक्रय एवं उपयोग पर 2 साल की सजा का प्रावधान है. इसलिए कोई भी पटाखों का भंडारण, वितरण, विक्रय या उपयोग न करें.
पटाखों के विक्रय के बारे में उच्चतम न्यायालय द्वारा भी जारी गाईड लाइन के उपयोग किए जाने के बारे में ज़ोर दिया गया है. जो कि न सिर्फ अवैधानिक आयातित पटाखों के बारे में बल्कि देश में निर्मित पटाखों के उपयोग के बारे में है. इसके तहत आयातित आतिशबाजी को बेचना या भंडारण करना गैरकानूनी है.
यह आतिशबाजी संवदेनशील कैमिकल से बनी होती है और ध्वनि मानक के अनुरुप नहीं होती. ऐसी आतिशबाजी का उपयोग व्यक्ति की सेहत को खतरे में डाल सकता है. केमिकल्स इंसानों के लिए खतरनाक होने के साथ पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह है. अनाधिकृत आतिशबाजी खरीदी-बिक्री करने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ विस्फोटक नियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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दिवाली पर सिर्फ 2 घंटे कर सकेंगे आतिशबाजी
राजस्थान सरकार पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने दीपावली को लेकर एक आदेश जारी किया है. राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा भी पटाखों की बिक्री और उपयोग के बारे में परामर्शदात्री 15 अक्टूबर 2021 और विभागीय आदेश 9 नवंबर 2023 की बात कही गई है. गृह विभाग की परामर्शदात्री ने 15 अक्टूबर 2021 के मुताबिक सिर्फ ग्रीन आतिशबाजी की इजाजत होगी.
2023 में जारी हुए थे ये आदेश
शांत क्षेत्र (Silence Zone) जैसे अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राथमिक एवं जिला स्वास्थ्य केन्द्र, शिक्षण संस्थाएं, न्यायालय, धार्मिक स्थानों से 100 मीटर के क्षेत्र में पटाखें (Fireworks) नहीं चलाए जाएंगे. दीपावली, गुरू पर्व आदि पर पटाखें रात में 8 बजे से 10 बजे तक ही चलाए जाएंगे. क्रिसमिस और नव वर्ष के मौके पर पटाखें रात में 11:55 बजे से 12:30 तक ही चलेंगे.
राज्य का वह क्षेत्र, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं निकटवर्ती क्षेत्र की परिधि में आता है, ऐसे क्षेत्र में केवल दीपावली एवं अन्य त्यौहारों पर पटाखें चलाए जाने हेतु क्षेत्र चिन्हित किए जाए एवं इसकी जानकारी आमजन को प्रदान की जाए. ऐसे क्षेत्र में विवाह समारोहों में भी उन्नत किस्म एवं हरित किस्म के पटाखें ही इस्तेमाल किए जाएं.
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पटाखे का धुआं छिन सकती है बच्चों की आंखों की रोशनी
पटाखों से होने वाला प्रदूषण से बच्चों की आंखों में नुकसान हो सकता है. पटाखों से जो धुआं निकलता है उसमें कई नुकसानदेह केमिकल होते हैं. जिनसे बच्चों की आंखों में जलन हो सकती है. ये दर्द की वजह बन सकते हैं और काफी नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. जब बच्चे इस धुएं के संपर्क में आते हैं, तो छोटे-छोटे कण उनकी आंखों में जा सकते हैं. जिससे रेडनेस, खुजली और आंखों में इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है.
बच्चों की सेहत के लिए क्यों खतरनाक हैं पटाखे?
पटाखे से निकलने वाला धुआं बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक होता है. बच्चों की इम्युनिटी अभी विकसित हो रही होती है. पटाखों के धुएं में पाए जाने वाले हानिकारक तत्व जैसे लेड और बेरियम एलर्जी पैदा कर सकते हैं और कॉर्निया (आंख का पारदर्शी हिस्सा जो देखने के लिए जरुरी है) को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. लंबे समय तक धुएं के संपर्क में रहने से आंखों में लगातार सूखापन की परेशानी हो सकती है. जो देखने में कठिनाई और आंखों को और भी कई नुकसान पहुंच सकते हैं.
क्या पटाखे की वजह से अंधे हो सकते हैं?
पटाखों के धुएं में प्रदूषक होते हैं. ये बच्चों में अस्थायी अंधेपन और रोशनी के प्रति सेंसिटिविटी बढ़ा सकते हैं. जिससे बाहर खेलना और अन्य एक्टिविटीज में शामिल होना मुश्किल हो सकता है. इसके साथ ही, प्रदूषित वातावरण में कंजक्टिवाइटिस का खतरा भी बढ़ जाता है. जो बच्चों में तेजी से फैल सकता है.
आंखों में हो सकती है गंभीर समस्या
पटाखों के धुएं का खतरा यहीं खत्म नहीं होता. इस प्रकार के प्रदूषण का नियमित संपर्क आंखों में गंभीर और क्रॉनिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे मोतियाबिंद, जो समय के साथ आंखों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. इन जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, माता-पिता के लिए यह जरूरी है कि वे बच्चों को इन खतरों से बचाने के लिए कदम उठाएं.
बच्चों को पटाखों के धुएं से ऐसे बचाएं
बच्चों को पटाखों के धुएं से दूर रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि उनकी आंखें विशेष रूप से संवेदनशील होती हैं और हानिकारक धुएं और गैसों से स्थायी नुकसान हो सकता है. इसलिए कोशिश करें कि पटाखे बिल्कुल न जलाएं, लेकिन अगर आपके आस-पास के लोग पटाखे जला रहे हैं, तो वहां से बच्चों को बिल्कुल दूर रखें और आप खुद भी वहां से दूर रहें.
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अगर आपके बच्चे छोटे हैं तो उन्हें पॉप-अप पटाखे न दें. इन पटाखों में सिल्वर फल्मिनेट होता है जो काफी खतरनाक होता है. साथ ही इसमें मार्बल के छोटे-छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल होता है. यही नहीं, अगर कोई बच्चा इन पटाखों को खा ले तो ये मुंह में फट सकता है और यहां तक कि बच्चे की जान तक जा सकती है. क्योंकि पिछले साल गुजरात के सूरत से ऐसा ही एक मामले सामने आया था जहां पर तीन साल के एक बच्चे ने पॉप-अप पटाखे खा लिए थे. ऐसे में बच्चे को दस्त और उल्टी हुई जिसकी वजह से वो गंभीर तरीके से बीमार पड़ गया और अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.
अगर आपके बच्चे भी पॉप-अप पटाखे फोड़ना पसंद करते हैं तो आपको ध्यान रखना चाहिए और अपने छोटे बच्चों को ये पटाखे नहीं देने चाहिए. अगर कोई बच्चा इनको मुंह में डाल ले तो बड़ी अनहोनी तक हो सकती है. इसलिए बच्चों को ऐसे पटाखे देने से बचें.
अगर आपके बच्चे पॉप-अप पटाखे फोड़ते हैं तो इस दौरान आपको खुद उनके साथ रहना चाहिए या घर के किसी बड़े को बच्चों की देखरेख करनी चाहिए. आप अपने सामने ही बच्चों को ये पटाखे फोड़ने को कहें और उन्हें अलग से रखने को ये न दें, ताकि वो इसका इस्तेमाल आपके पीठ पीछे न कर सकें.
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