दुर्ग में बोधगया का महाबोधि महाविहार पूरी तरह बौद्धों को सौंपने की मांग, बौद्ध समुदाय ने शांति रैली निकाल कर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
Demand to hand over Mahabodhi Mahavihar of Bodhgaya in Durg completely to Buddhists Buddhist community took out a peace rally and submitted memorandum to the collector
दुर्ग : संविधान दिवस की हीरक जयंती पर संपूर्ण भारत के बौद्ध समाज ने शासन प्रशासन को ज्ञापन सौंपने का संकल्प लिया. इसी श्रृंखला में दुर्ग में आंदोलन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. बिहार राज्य मे स्थित महाबोधि महाविहार (बोधगया) को गैर बौद्ध लोगों से मुक्त करने की मांग की गई. भारी तादाद में दुर्ग जिले के बौद्ध समाज के लोग शामिल हुए और शांति रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा.
समता सुरक्षा सेना छत्तीसगढ़ के महासचिव अनिल जोग ने कहा कि भारतीय संविधान लागू होने के बाद 1950 के पहले के सभी कानून या नियमों को शून्य घोषित किया गया है. इसके बावजूद आज भी यहां 1949 एक्ट के तहत समिति क्रियान्वित हो रही है. 9 सदस्यीय समिति में चार गैर बौद्ध, चार बौद्ध और एक गया जिला अधिकारी शामिल है.
उन्होंने मांग की है कि बोधगया महाबोधि महाविहार कमेटी में पूर्ण संख्या बौद्धों की हो. यह पूरी तरह बौद्धों के हस्ते सौंपा जाए. इसके लिए आंदोलन की शुरुआत अनागरिक धम्मपाल ने की थी.
इसके बाद भंते नागार्जुन सुरई ससाई के नेतृत्व में यह आंदोलन चलता रहा और वर्तमान में आकाश लामा द्वारा यह फिर गतिमान हुआ है. कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में आंदोलनकारियों ने कहा कि बौद्ध/आंबेडकरी समाज महाबोधि महाविहार मुक्ति के लिए आखरी समय तक लड़ाई लड़ने के लिए संकल्पित हैं.
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