स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से फहराया राष्ट्रीय ध्वज, देश की जनता को किया सम्बोधित

On Independence Day Prime Minister Narendra Modi hoisted the national flag from the ramparts of the historic Red Fort addressed the people of the country

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से फहराया राष्ट्रीय ध्वज, देश की जनता को किया सम्बोधित

नई दिल्ली : 15 अगस्त यानी आज भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। यह देश के नाम उनका लगातार 11वां संबोधन है और लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने के बाद उनका पहला संबोधन है.
स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इस बार खास बात यह है कि पेरिस ओलंपिक 2024 में हिस्सा लेने वाले भारतीय खिलाड़ी भी इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बतौर अतिथि पहुंचे.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं आज लाल किले से अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं. हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि समाज से मैं यह भी कहना चाहूंगा कि जब महिलाओं पर बलात्कार और अत्याचार की घटनाएं होती हैं तो उस पर व्यापक चर्चा होती है, लेकिन जब ऐसी राक्षसी प्रवृत्ति के व्यक्ति को सजा दी जाती है तो वह खबरों में नहीं दिखती, बल्कि एक कोने तक ही सीमित रहती है समय की मांग है कि सजा पाने वालों पर व्यापक चर्चा की जाए ताकि यह पाप करने वाले समझें कि इससे फांसी होती है, मुझे लगता है कि यह डर पैदा करना बहुत जरुरी है.
महिलाओं के लिए सरकार ने किए कई काम
पीएम मोदी ने कहा कि बीते साल में महिलाओं के नेतृत्व में विकास मॉडल पर हमने काम किया है. हर क्षेत्र में महिलाओं के कदम बढ़ते जा रहे हैं. महिलाएं नेतृत्व दे रही हैं. हमारी वायुसेना हो. आर्मी हो, नौसेना हो या हमारा स्पेस सेक्टर हो, हर जगह हम महिलाओं का दमखम देख रहे हैं.
पीएम मोदी ने भारतीय मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) की वैश्विक सफलता और इन स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं की उपलब्धियों के बीच एक समानता को रेखांकित करते हुए कहा कि जहां हमारे सीईओ वैश्विक मान्यता प्राप्त कर रहे हैं, वहीं एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन रही हैं. सरकार ने इन समूहों को 10 लाख से 20 लाख रुपये आवंटित करने का फैसला किया है. मोदी ने कहा कि हमारे महिला स्वयं सहायता समूहों को मदद देने के लिए अब तक नौ लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जा चुके हैं. इस मदद से वे अपने अनेक वित्तीय कामों को बढ़ा रहे हैं.
ताजा खबर से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/LEzQMc7v4AU8DYccDDrQlb
2036 का ओलंपिक भारत में हो, मेडिकल की 75 हजार सीटें बढ़ाएंगे

उन्होंने कहा कि आज हमारे साथ तिरंगे के नीचे वो नौजवान बैठे हैं. जिन्होंने ओलिंपिक की दुनिया में नया परचम लहराया है. हम देशवसियों की तरफ से उन्हें बधाई देता हूं. जी 20 का आयोजन कर हमने दिखाया कि भारत में बड़े से बड़े आयोजन कर सकता है. भारत चाहता है कि 2036 का ओलिंपिक भारत में हो. इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. हम 2030 तक रेलवे को नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं.
इलेक्ट्रिकल व्हीकल की मांग बढ़ रही है. हम ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को लेकर ग्लोबल हब बनना चाहते हैं. इसलिए आने वाले समय में ग्रीन जॉब्स का कल्चर बढ़ता है तो भारत के युवा इसमें सबसे आगे रहेंगे. आज दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग का विषय चर्चा में है. हमने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाया।ए हमने रिन्यूबल एनर्जी पर काम किया है. जी20 के जिन देशों ने लक्ष्य निर्धारित किए थे, उनमें सिर्फ हिंदुस्तान ने वो कर दिखाया है जो और कोई नहीं कर सका।भारत के पास गेमिंग की बहुत बड़ी विरासत है. भारत के बच्चे, नौजवान, एआई प्रोफेशनल गेमिंग की दुनिया को लीड करें. भारत में बने गेम दुनियाभर में खेले जाएं.
मैं हर राज्य को कहना चाहता हूं कि वो ऐसे नियम बनाएं कि निवेशक उनके पास आएं. फैक्ट्री लगती है तो उनके राज्य में लगती है. इसमें केंद्र सरकार को बीच में नहीं आना चाहिए. ये आपके राज्य के लिए बेहतरी का अवसर है. अब दुनिया के लिए डिजाइनिंग इंडिया पर बल देना है. अब इंडियन स्टैंडर्ड, इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बनने चाहिए. डिजाइन के क्षेत्र में हम दुनिया को बहुत कुछ दे सकते हैं।हम मैन्यूफैक्चरिंग में बल दिया है. स्किल डेवलेपमेंट में जनभागीदारी को जोड़ा है. वो दिन दूर नहीं होगा, जब भारत इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरिंग का हब बनेगा. दुनिया की बड़ी कंपनियां भारत में निवेश करना चाहते हैं. तीसरे कार्यकाल में बड़े निवेशक मुझसे मिलना चाह रहे हैं.
आज डिफेंस मैनयूफैक्चरिंग का हब बने हैं। दुनिया में हथियार एक्सपोर्ट कर रहे हैं. हमने एक जमाना देखा था 2जी के लिए कैसे संघर्ष करते थे, आज 5जी पूरे देश में रोल आउट हो गया है. दुनिया में आगे बढ़ रहे हैं. हम रुकने वाले नहीं है. हम 6जी पर तेजी से काम कर रहे हैं. किसी जमाने में कहा जाता था कि खिलौने बाहर से आते थे. आज देश के खिलौने दुनिया के बाजार में हैं. हम मोबाइल फोन इंपोर्ट करते थे. आज फोन एक्सपोर्ट करने लगे. भविष्य के साथ सेमीकंडक्टर और एआई जुड़ा है. हम इस पर काम रहे हैं.
विकसित भारत 2047, स्वस्थ भारत भी होना चाहिए। इसलिए विकसित भारत की पहली पीढ़ी के लिए पोषण अभियान चलाया है। हमें कृषि को रिफॉर्म करना है। पुरानी परंपराओं से मुक्ति पानी होगी। हम किसानों की मदद कर रहे हैं, आसान लोन दे रहे हैं, उसे टेक्नोलॉजी दे रहे हैं। उसे एंड टु एंड होल्डिंग मिले उस दिशा में काम रहे हैं। धरती माता की उत्पादन क्षमता कम हो रही है, ऐसे में वो किसान जो प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। उनके लिए बजट में बड़ा प्रावधान है। आज दुनिया के लिए ऑर्गेनिक फूड बनाने वाला फूड बॉस्केट हमारे देश का किसान बना सकता है.
रिसर्च को लेकर निरंतर बल मिले, रिसर्च फाउंडेशन यह काम कर रहा है। हमने बजट में 1 लाख करोड़ रिसर्च के लिए दिया है। हमारे देश में मेडिकल एजुकेशन के लिए बच्चे विदेश पढ़ने जा रहे हैं। ऐसे-ऐसे देशों में जा रहे हैं, जिसके बारे में सोचकर आश्चर्य होता है। हमने 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब 1 लाख कर दिया है। अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75000 नई सीटें बनाई जाएंगी।
नई शिक्षा नीति में मातृ भाषा को बल मिला। भाषा टैलेंट के रास्ते नहीं आनी चाहिए। जीवन में मातृ भाषा को बल देना होगा। आज दुनिया में जैसा बदलाव हो रहा है, तब जाकर स्किल का महत्व बढ़ गया है। हम जीवन के हर क्षेत्र में, एग्रीकल्चर में भी स्किल डेवलेपमेंट चाहते हैं, स्किल इंडिया प्रोग्राम को आगे बढ़ाया। नौजवानों की स्किल बढ़े, बाजार में उनकी ताकत दिखाई दे। आज दुनिया की परिस्थिति को देखते हुए कह सकता हूं कि नौजवान दुनिया में अपनी धमक बनाए, इसे लेकर आगे चल रहे हैं।
मोदी बोले- हमने 1500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया। छोटी गलती के चलते जेल जाने वाले कानूनों को खत्म कर दिया। आज हमने जो आजादी की विरासत की गर्व की बात करते हैं। सदियों से जो पुराने क्रिमिनल लॉ थे, उन्हें खत्म किया है। हमने दंड नहीं न्याय पर फोकस रखा।
पिछले दशक में रेल, रोड, गवर्नमेंट कनेक्टिविटी, गांव में स्कूल, अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, आयुष्मान, ऑप्टिकल फाइबर, नहरों का जल, पक्के घर बनना, हमारा पूर्वी भारत इंफ्रास्टक्चर के लिए जाना जाने लगा है। इसका सबसे ज्यादा लाभ उन्हें मिला, जिन्हें कोई नहीं देखता था। दूर सूदुर पहाड़ों, आदिवासियों की जरूरत को पूरा किया है। हमने सर्वांगीण विकास किया है। हमने स्पेस सेक्टर में भी रिफॉर्म किए हैं। उसके बंधनों को खोल दिया है। सैकड़ों स्टार्टअप इसमें आ रहे हैं। हम इसको दूर की सोच के साथ मजबूती दे रहे हैं। आज प्राइवेट सैटेलाइट राकेट लॉन्च हो रहे हैं। जब नीति और नियत सही होती है तो परिणाम मिलता है।आज देश में नए अवसर बने। तब मैं कह सकता हूं कि दो चीजें और हुई, जिसने विकास को गति दी है। पहला- इंफ्रास्टक्चर को आधुनिक बनाना, दूसरा- ईज ऑफ लिविंग का सपना, जिसमें बल दिया।
युवा, बुजुर्ग, गांववासी, शहरवासी दलित आदिवासी हर किसी ने 2047 में जब देश आजादी का 100 साल मनाएगा तो उसके लिए अनमोल सुझाव दिए हैं। कुछ लोगों ने कहा- दुनिया की स्किल कैपिटल बनाएं। किसी ने मैन्यूफैक्चरिंग का ग्लोबल हब का सुझाव दिया। किसी ने यूनिवर्सिटी हब का सुझाव दिया। हमारा स्किल युवा दुनिया की पहली पसंद बनना चाहिए। भारत को जल्द से जल्द हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहिए। हमारे किसानों के मोटे अनाज को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर लगाना है। हमारे देश की न्याय व्यवस्था में रिफार्म होने चाहिए। बहुत लोगों ने सपना देखा है- अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन बनना चाहिए। हमारी पारंपरिक औषधि को विकसित करना चाहिए.