प्रशासन के लिए चुनौती बने झोलाछाप डॉक्टर, अवैध और अनियमित इलाज को लेकर प्रशासनिक सख्ती, दो क्लीनिक सील, अवैध दवाइयां भी जब्त

Quack doctors became a challenge for the administration administrative strictness regarding illegal and irregular treatment two clinics sealed illegal medicines also seized

प्रशासन के लिए चुनौती बने झोलाछाप डॉक्टर, अवैध और अनियमित इलाज को लेकर प्रशासनिक सख्ती, दो क्लीनिक सील, अवैध दवाइयां भी जब्त

बिलासपुर : ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे अवैध और अनियमित उपचार को लेकर प्रशासनिक सख्ती बढ़ती जा रही है. कलेक्टर के निर्देशानुसार, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिल्हा के अधीन ग्राम पंचायत पौड़ी में झोलाछाप डॉक्टर की क्लिनिक सील की गई और अवैध दवाइयां जब्त की गई. यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध चिकित्सा सेवाओं को रोकने और नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस. के. गुप्ता के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्राम पंचायत पौड़ी में व्यापक जागरुकता अभियान चलाया. इस अभियान के तहत ग्रामीणों को झोलाछाप डॉक्टरों के खतरों के बारे में जानकारी दी गई और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया. टीम ने गांव का दौरा कर नागरिकों को समझाया कि झोलाछाप डॉक्टरों के पास आवश्यक चिकित्सा योग्यता नहीं होती. जिससे उनका इलाज खतरनाक और जानलेवा हो सकता है.
इस दौरान झोलाछाप डॉक्टरों का झोला और अन्य चिकित्सा सामग्री भी जब्त की गई. इसके साथ ही उन्हें आगे किसी भी प्रकार का इलाज न करने की सख्त हिदायत दी गई.
यह अभियान सिर्फ स्वास्थ्य विभाग तक सीमित नहीं था. बल्कि राजस्व विभाग के अधिकारी भी इसमें सक्रिय रुप से शामिल हुए. तहसीलदार संदीप साय, अनिल गढ़ेवाल, शैलेंद्र श्रीवास्तव, डॉ. प्रखर गुप्ता और चंद्र किरण श्रीवास ने भी इस कार्रवाई में भाग लिया.
झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्रों में एक बड़ी समस्या बन गए हैं. जहां चिकित्सा सुविधाओं की कमी की वजह से लोग इनके पास जाने के लिए मजबूर होते हैं. इन डॉक्टरों के पास न तो किसी मान्यता प्राप्त डिग्री होती है और न ही वे किसी आधिकारिक संस्था से पंजीकृत होते हैं. ऐसे में इनका इलाज कई बार रोगियों के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है. झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा दी गई गलत या अवैध दवाइयां रोगियों की स्थिति को और बिगाड़ सकती है.
ग्रामीणों को सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध मुफ्त और सुलभ चिकित्सा सेवाओं का फायदा उठाने के लिए प्रेरित करना इस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. सरकारी अस्पतालों में योग्य और प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा मरीजों का इलाज किया जाता है. जो उन्हें बेहतर और सुरक्षित चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर सकते हैं.
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