रायपुर में 20 साल छात्रा चलकर आई MMI हॉस्पिटल, 24 घंटे में हो गई मौत, इलाज के दौरान लापरवाही और अस्पताल प्रबंधन पर उठे गंभीर सवाल
Raipur 20 year old student came to MMI Hospital after walking died within 24 hours negligence during treatment and serious questions raised on hospital management
रायपुर : चारामा की 20 साल की छात्रा के परिजनों को इस बात का अहसास ही नहीं था कि उनकी जो बेटी चलकर अस्पताल में जा रही है. 24 घंटे बाद उसकी डेडबॉडी आएगी. पचपेड़ीनाका स्थित एम एम आई अस्पताल में अनियमित पीरियड का इलाज कराने गई छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजन इस घटना के बाद सदमे में है. अस्पताल प्रबंधन इस मामले में लीपापोती करने पर जुट गया है.
परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार 25 नवंबर को छात्रा वीणा गजेंद्र रोज की तरह अपने कॉलेज गई और शाम को डॉक्टर से अपॉइंटमेंट के समय पर शाम को 5 बजे उसे उनके परिजनों के द्वारा एमएमआई अस्पताल लाया गया. छात्रा खुद चलकर अस्पताल आई. उन्हें नियमित पीरियड नहीं आने की समस्या के बाद गायनेकोलॉजी विभाग में भर्ती किया गया. जहां डॉक्टर ने सिर्फ 15 से 20 मिनट का एक प्रोसेस करने की बात कहकर भर्ती किया. लेकिन वीणा जब अंदर गई. फिर उसके बाद वो जिन्दा लौटने की बजाए मृत हालत मैं अस्पताल से बाहर निकली. उनके पिता पुरुषोत्तम गजेंद्र के मुताबिक उनकी बेटी को 25 नवंबर को शाम 5 बजे भर्ती किया गया.
कुछ देर बाद डॉक्टर ने जानकारी दी कि वह इलाज के दौरान बेहोश हो गई. कुछ देर में होश आएगा. परिजन शाम 5 बजे से दूसरे दिन तक वही अस्पताल मैं बच्ची के बाहर आने का इंतजार करते रहे. परिजन हर डॉक्टर और नर्सों से बेटी के बारे मैं पूछते. लेकिन कोई भी जिम्मेदारी से जवाब नहीं देता है.
इस पर डॉक्टर कोई जवाब नहीं दे रहे थे और न ही परिजनों को बच्ची से मिलने या उसे देखने तक नहीं दे रहे थे. जब पिता को कुछ गड़बड़ी का अंदेशा हुआ तो उन्होंने अपने रिश्तेदारों को अस्पताल बुलाया. दोपहर 2 बजे जब रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे और सभी ने बेटी को देखने जब जिद किया और कुछ रिश्तेदार जब जबरजस्ती बेटी वीणा के रुम मैं घुसे तो बेटी वेंटिलेटर पर थी और वीणा के चेहरे पर सूजन भी आ गई थी. अस्पताल के द्वारा शाम 5 बजे वीणा को मृत घोषित किया गया. मौत की बात सुनकर सबके होश उड़ गए. छोटे से इलाज मैं किसी की जान कैसे जा सकती है. जो जांच का विषय तो है. साथ ही अस्पताल की यह लापरवाही की बेटी को परिजन से 24 घंटे तक मिलने या देखने तक क्यों नहीं दिया गया. क्या वीणा की मौत 25 नवंबर को ही हो गई थी.
इतना ही नहीं अस्पताल की बेशरमाई हद इतनी कि 5 बजे मृत की सूचना के बाद परिजनों को बेटी के इलाज का 5 लाख का बिल भी थमा दिया और बिल भरकर बॉडी ले जाने की बात कही.
जिसके बाद बहुत हंगामा शुरु हुआ. जिसके बाद प्रबंधन ने बिल कम करने की बात कही. यह जांच का विषय हैं कि वीणा की मौत कब और कैसे हुई?
भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने क्या पैसों के लिए मृत हुआ वीणा को 24 घंटे वेंटिलेटर पर रखा?
विदित हो कि एम एम आई अस्पताल में इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं. लेकिन कही न कही जांच के कमी में अस्पताल के डॉक्टर कई जिंदगियों को ले चुके हैं और आज 20 साल की वीणा जो कि शाम को चारामा अपने सहेली के शादी मैं शामिल होने के लिए आने वाली थी. चारामा उसकी बॉडी आई.
ताजा खबर से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
https://chat.whatsapp.com/CvTzhhITF4mGrrt8ulk6CI