विधायक की छवि धूमिल करने भाजपा नेताओं ने लगाया फर्जी आरोप, ओड़ीसा का धान छग में खपाने वालों का हौसला बुलंद -गोविंद नारायण रेंगे
BJP leaders made false allegations to tarnish the image of the MLA the morale of those who spend Odisha paddy in Chag will be high Govind Narayan
विधायक उत्तरी जांगड़े की छवि धूमिल करने भाजपा नेताओं ने लगाया फर्जी आरोप
सारंगढ़ : छत्तीसगढ़ प्रदेश में धान खरीदी की तैयारी के बाद धान खरीदी केंद्रों में धान की आवक शुरु हो चुकी है और किसान अपनी धान को लेकर मंडी पहुंच रहे हैं और सुचारु रुप से धान खरीदी संचालित हो रही है.
इसी कड़ी में ताजा मामला सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले का है जहां धान खरीदी उप केंद्र रक्सा में बिना धान लाए लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा की हेडिंग से एक खबर सारंगढ़ टाइम्स में छपी है. साथ ही खबर में सारंगढ़ विधायक पति गनपत जांगड़े के नाम पर बोगस धन बिक्री करने के संदर्भ में अखबार में खबर प्रकाशित हुई है.
इस खबर को संज्ञान में लेकर सारंगढ़ विधायक श्रीमती उतरी जांगड़े ने कहा कि उक्त अखबार में प्रकाशित खबर में जो भी आरोप लगे हैं सभी निराधार हैं. धान उप खरीदी केंद्र रक्सा में बिना धान लाये लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा का मामला बनता ही नहीं है. और मेरे पति गनपत जांगड़े के नाम पर फर्जी बोगस धान बेचने के आरोप भी राजनीति द्वेष चुनावी रंजिश से प्रेरित हैं. क्योंकि मेरे पति और हमारे घर के सभी किसान हैं और हमारे नाम में धान बिक्री करने पंजीयन है.
अखबार में प्रकाशित खबर मेरी छवि के साथ-साथ मेरे पति की भी छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है. यहां यह बताना जरुरी है कि मेरे पति के नाम पर 19/11/2024 को धान आवक टोकन पर्ची कटी थी और धान खरीदी केंद्र में धान ले जाने की तिथि 27/11/2024 थी धान खरीदी की मात्रा 108 किवंटल 80 किलो थी जिसको निर्धारित तिथि में हमारे घर के सदस्य द्वारा धान खरीदी केंद्र में 272 कट्टा पहुंचाया गया. उसके बाद धान खरीदी की गई.
अखबार में छपी ख़बर के अनुसार 28/11/2024को भाजपा के नेताओं ने सहकारिता विभाग सहित समस्त प्रशासनिक अमला को शिकायत किए की विधायक पति गनपत जांगड़े के नाम पर बिना धान लाये लाखों रुपए का धान बिक्री कर किया गया है.
इस तरह उनके द्वारा 28 11.2024 को देर रात मंडी में जांच टीम बुलाई गई और धान खरीदी केंद्र में मौजूद कर्मचारियों का दबाव पूर्वक बयान लेते हुए फड़ में धान नहीं पहुंचने की बात आई. जबकि बिना आवक पर्ची,तौल पर्ची के धान खरीदी नहीं हो पाती है. जिससे साफ जाहिर है कि भाजपा की नेताओं द्वारा सारंगढ़ विधायक श्रीमती उत्तरी जांगड़े की छवि धूमिल करने उनके पति की छवि धूमिल करने फर्जी शिकायत का सहारा लेकर राजनीति षड्यंत्र किया जा रहा है.
उल्लेखनीय हो कि वर्तमान में भाजपा की सरकार है और भाजपा के विहित प्राधिकारी सभी सेवा सहकारी समिति केंद्रों में पदस्थ हो चुके हैं. साथ ही भाजपा के नेताओं के करीबी लोग भी धान खरीदी केंद्र में जम गए हैं. ऐसे में भाजपा की नेताओं द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के जरिए सारंगढ़ विधायक श्रीमती उतरी जांगड़े की छवि धूमिल करने लेकर लगातार षड्यंत्र रचा जा रहा है.
इसी का हिस्सा यह मामला है जिसमें सारंगढ़ विधायक पति सहित सारंगढ़ विधायक के खिलाफ द्वेष पूर्ण राजनीति करते हुए उनकी छवि धूमिल की जा रही है और बदनाम किया जा रहा है.
यहां पर यह बताना जरुरी होगा कि ग्राम रक्सा के भाजपा नेता अरविंद खटकर जो की पूर्व में विधायक प्रत्याशी रहे हैं. और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. जिसकी वजह से चुनावी रंजिश में इस तरह के हथकंडे उनके एवं अन्य नेता के द्वारा पंचायत चुनाव के आते ही विधायक के ऊपर दबाव व छवि धूमिल करने के लिए यह पूरी कहानी रची गई है. धान खरीदी उपकेंद्र रक्सा में जो आवक प्रभारी सुरेश भारद्वाज पिता देवनारायण भारद्वाज, पंकज विष्णु भारद्वाज बार दाना प्रभारी का बयान लिया गया है वह अरविंद खटकर के गृह ग्राम का रिश्तेदार हैं. जो कि फर्जी बयान दिया है साथ ही फड़ प्रभारी को भी डरा धमकाकर फर्जी बयान दिलवाया गया है.
जबकि देर रात् तक चली जांच में धान उप खरीदी केंद्र रक्सा में भौतिक सत्यापन में धान की मात्रा किसी भी तरह का अंतर व गड़बड़ी नही मिली है. जिससे साफ जाहिर है कि किसी भी तरह की बोगस खरीदी या फर्जीवाड़ा नहीं हुआ है.
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तहसीलदार मनीष सूर्यवंशी ने बताया कि रक्सा उपधान खरीदी केंद्र में धान नहीं ले जाने के बाद भी खरीदी की शिकायत मिलने पर खाद्य विभाग व सहकारिता व राजस्व विभाग की टीम पहुंची थी. जहां कर्मचारियों से बयान लिया गया. जिसमें आवक प्रभारी बारदाना प्रभारी ने अपने बयान में बताया कि फड़ प्रभारी द्वारा उन्हें जबरदस्ती धान को चढ़ाने के लिए कहा गया. इस तरह मौके पर फड़ में भौतिक सत्यापन भी किया गया. जिसमें कुल खरीदी की मात्रा में किसी भी प्रकार की अंतर नहीं पाया गया.
बिलासपुर : बिलासपुर में राजनीतिक माहौल उस समय गरमा गया जब NSUI के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह को पुलिस ने उनके घर से हिरासत में लिया. यह गिरफ्तारी उस समय की गई जब उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी. NSUI नेता ने उच्च शिक्षा सचिव आर. प्रसन्ना के विश्वविद्यालय दौरे के दौरान काला झंडा दिखाने की चेतावनी दी थी.
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर, पिछले कुछ समय से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा हुआ है. छात्र संगठन NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और विश्वविद्यालय में हो रहे अनियमितताओं की जांच की मांग कर रहा है. इसके साथ ही संगठन स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति की भी पुरजोर मांग कर रहा है. ताकि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाई जा सके.
NSUI नेताओं का कहना है कि उन्होंने कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इन समस्याओं से अवगत कराया गया लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में जब विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा सचिव आर. प्रसन्ना का दौरा निर्धारित हुआ. तो NSUI ने इसका विरोध करने का फैसला लिया.
रंजेश सिंह और उनके साथियों ने यह साफ कर दिया था कि अगर विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की जांच और स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. तो वे विरोध स्वरूप काला झंडा दिखाएंगे. यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय के मोपका चौकी के सामने दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक निर्धारित था.
NSUI का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और उच्च शिक्षा विभाग ने छात्रों के हितों को अनदेखा किया है. भ्रष्टाचार की जांच और स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति जैसे मुद्दे छात्रों के भविष्य से सीधे जुड़े हुए हैं, लेकिन इन मुद्दों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है.
रंजेश सिंह का कहना है कि जब तक प्रशासन इन मांगों को पूरा नहीं करता. तब तक NSUI अपने विरोध को जारी रखेगा. उनका मानना है कि छात्रों के अधिकारों के लिए आवाज उठाना जरुरी है. और विश्वविद्यालय में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए स्थाई कुलसचिव की नियुक्ति जरुरी है.
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ओड़ीसा का धान छग में खपाने वालों का हौसला बुलंद -गोविंद नारायण रेंगे
गरियाबंद : जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद के प्रवक्ता गोविंद नारायण रेंगे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा उड़ीसा से लगातार धान छत्तीसगढ़ पहुंच रहा है. अवैध धान को रोकने राज्य सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है. जहां एक ओर राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य में धान खरीदी शुरु की गई है. वहीं इसके उलट देवभोग ब्लॉक के सीमावर्ती उड़ीसा के गांवों से बेधड़क धान गाड़ियों की बेखौफ आवाजाही हो रही है. कानून और प्रशासनिक दस्ते का डर ही नहीं रह गया है.
व्यापारी धान को पिकअप में लदवा कर आराम से सीमा पार कर रहे हैं और सीमा पर तैनात कर्मचारी जिनकी ड्यूटी लगी है. वह हाथ में हाथ धर कर मूकदर्शक बन कर बैठे हैं. शुरुआती दिनों में जहां प्रशासनिक अमले ने ताबड़तोड़ कार्यवाही किया. उससे जनमानस में यही संदेश गया कि अब उड़ीसा के धान को यहां खपाने की कोई जुर्रत नहीं कर पाएगा. अब इसके उलट धान खरीद कर छत्तीसगढ़ के मंडी में खपाने वालों के हौसले बुलंद हैं.
रेंगे ने कहा छत्तीसगढ़ के पट्टाधारी किसान अपनी ही फसल को मंडी तक लाने में सफल नहीं हों पा रहे है. उनके घर में रखे धान को बारम्बार जांच किया जा रहा है. और इधर उड़ीसा से धान खरीद कर छत्तीसगढ़ में लाने वाले को खुली छूट दी जा रही है.
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