लैप्स इंश्योरेंस पॉलिसी की रकम वापसी का झांसा देकर 48 लाख की ठगी, साइबर अपराधियों के अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना समेत तीन गिरफ्तार
Cheating of Rs 48 lakh on the pretext of refund of lapsed insurance policy three arrested including leader of inter state gang of cyber criminals

बिलासपुर : बिलासपुर पुलिस ने गाजियाबाद उत्तर प्रदेश के एक ऐसे साइबर ठग गिरोह को पकड़ा है. जो लोगों को उनके लैप्स इंश्योरेंस के पैसा वापस दिलाने के नाम पर अपना शिकार बनाते थे. सारंगढ़ निवासी सुभाषचंद्र गुरु के पास साल 2022 से 2024 तक अलग-अलग मोबाइल नंबर से किए गए कॉल के दौरान उन्हें उनके लैप्स रिलायंस इंश्योरेंस पॉलिसी का जमा पैसा वापस दिलाने का झांसा दिया गया.
इसके एवज में उन्हें शुल्क अनापत्ति के नाम पर बातों में उलझा कर पैसों की मांग की जाती रही. झांसे मैं आकर उन्होंने 48 लाख 42 हजार 75 रुपए दे दिया. ठगे जाने का एहसास होने पर उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई. पुलिस ने मोबाइल नंबर और जिन खातों में ट्रांजैक्शन हुए थे उनके जरिए अपराधियों की पता साजी शुरु की.
पुलिस की टीम अपराधियों की तलाश में दिल्ली और उत्तर प्रदेश पहुंची जहां कड़ाके की सर्दी में 5 दिनों तक कैंप लगाकर ठगो का पता लगाया गया. इसी दौरान पुलिस के हाथ नोएडा निवासी कुलदीप सिंह लगा.
पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने साथी गौतम बुद्ध नगर निवासी नितेश कुमार और शैलेश मिश्रा, मनीष मिश्रा, हिमांशु आदि के साथ लोगों को लैप्स इंश्योरेंस पॉलिसी का पैसा वापस दिलाने के नाम पर उलझाकर ठगी करता था. इन लोगों ने बकायदा अपना फर्जी कॉल सेंटर बनाया था जो मोबाइल कंपनी से डाटा हासिल कर लोगों को फोन लगाते थे.
यह काम शैलेश मिश्रा और उसका भाई मनीष मिश्रा करता था. फर्जी कॉल सेंटर के जरिए लोगों को फसाया जाता था. फिर फर्जी सिम कार्ड और प्रोक्सी बैंक अकाउंट के जरिए रुपयों की लेनदेन की जाती थी. इसके लिए फर्जी तरीके से मोबाइल सिम भी हासिल किया गया था. इन लोगों ने ठगी की रकम से भारी अचल संपत्ति बनाई है. जिन्हें जप्त करने की कार्यवाही पुलिस कर रही है.
इस मामले में पुलिस ने नोएडा उत्तर प्रदेश निवासी कुलदीप सिंह, गौतम बुद्ध नगर निवासी नितेश कुमार और सुल्तानपुर निवासी शैलेश कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया है. पुलिस उनके अन्य साथियों की भी तलाश कर रही है.
एक बार फिर साबित हुआ है कि लोग इन ठगो के झांसे में किसी न किसी लालच की वजह से ही आते हैं. चाहे वह लालच उनकी डूबी हुई रकम वापसी की ही क्यों ना हो. लोगों को समझना होगा कि कोई भी अनजान व्यक्ति केवल अपने हित की ही बात करेगा. अगर वह आपके हित की बात करें तो वही सतर्क होने की जरुरत है. फिलहाल पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के तीन शातिर ठगों को पकड़ा है. जिन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को अपना शिकार बनाया है.
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गिरफ्तार आरोपी
01. कुलदीप पिता स्व. मदनपाल सिंह उम्र 42 साल निवासी गली नम्बर 4 सदरपुर कॉलोनी, सोम बाजार के पास सेक्टर 45 थाना सेक्टर 39 नोएडा उत्तरप्रदेश, स्थाई निवासी पारपा थाना धौलना जिला गाजियाबाद (उप्र)
02. नितेश कुमार पिता जगदिशचंद उम्र 34 साल निवासी सदरपुर कॉलोनी सेक्टर 45, सोमबाजार थाना सेक्टर 39 नोएडा जिला गौतमबुद्ध नगर उत्तरप्रदेश स्थाई निवासी जलालाबाद थाना गुरसाईगंज जिला कन्नौज (उप्र)
03. शैलेष कुमार मिश्रा पिता मनोरम मिश्रा उम्र 36 साल निवासी ब्लॉक जी मकान नं. 446 संगम विहार, थाना संगम विहार जिला दक्षिण दिल्ली स्थाई निवासी कुट्टा पो.आ. पिपरगांव थाना धनपतगंज जिला सुल्तानपुर (उप्र)
जप्त सामान :-
एटीएम कार्ड, पासबुक, मोबाईल फोन, ठगी के हिसाब-किताब की डायरी, आधार कार्ड, चेकबुक
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साइबर ठग आए दिन नये नये तरीको के जरिए आम जनता से धोखाधड़ी करने का प्रयास करते हैं
शेयर मार्केट में निवेश कर अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देने वाले अनजान कॉल से सावधान रहें और किसी भी तरह के व्हाट्सएप ग्रुप में न जुडे़ और न ही किसी तरह की जानकारी साझा करें.
कोई भी व्यक्ति अनजान नम्बर से अपने आप को कस्टम विभाग, पुलिस अधिकारी, सी.बी.आई. अथवा ई.डी. का अधिकारी बताकर बताकर ठगी करने का प्रयास करते है जिसमें पार्सल कैंसल हो गया है पार्सल में 11 नग एटीएम कार्ड ड्रग्स मिला है जिसे कस्टम विभाग द्वारा जप्त किया गया है कहकर ‘‘डिजीटल अरेस्ट’’ के नाम पर ठगी किया जा रहा है इस प्रकार के ठगी से सावधान रहे.
पार्सल के नाम पर मोबाईल नंबर पर कॉल करने कहा जाता है जिससे कस्टमर का कॉल फारवर्ड एक्टिवेट हो जाता है और कॉल तथा मैसेज की जानकारी ठगों के पास चली जाती है तो इस प्रकार के कॉल से सावधान रहे.
किसी भी लुभावने या सस्ती कीमतों पर मिलने वालों सामानों को खरीदते समय नगद, कैश, ऑन डिलीवरी) में लेन-देन करें.
अनजान व्यक्ति जिसका नम्बर आपके मोबाईल पर सेव नही है उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी, बैंकिग जानकारी, ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करे.
अनजान वेबसाईट एवं अनाधिकृत एप डॉउनलोड या सर्च करने से बचे.
कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दुगना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहे खुद को स्वयं होकर ठगो के पास न पहॅुचाये.
खुद की पहचान छुपाकर सोशल मिडीया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से ईंटिमेट (अश्लील लाईव चैंट) करने से बचे.
परीक्षा में अधिक अंको से पास करा देने की झांसा देने वाले व्यक्तियो खासकर +92 नम्बरो से होने वाले साइबर फ्रॉड की घटना घटित होने पर निम्न प्रकार से त्वरित रिपोर्ट दर्ज करा सकते है : –
तत्काल नजदीकी थाना में अपनी शिकायत दर्ज करें.
हेल्पलाईन नम्बर 1930 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते है.
https://cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते है.
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