सरपंच की लापरवाही से हो गई लगभग 100 गायों की मौत, ग्रामीणों में आक्रोश, किसानों ने लगाई इंसाफ की गुहार, एसडीएम- होगी जांच
Nearly 100 cows died due to negligence of Sarpanch anger among villagers farmers appealed for justice SDM investigation will be done
बिलासपुर/सीपत : बिलासपुर जिले में सीपत के ग्रामीण क्षेत्रों में गौ माता अब सिर्फ एक ही फायदे के लिए रह गई है. जब तक उससे दूध मिलता रहेगा तब तक ही लोग उन्हें अपने अपने घरों में बांध कर रखते हैं. चारा-पानी देते हैं और दूध की लालच में सेवा करते हैं. लेकिन जैसे ही उनका स्वार्थ खत्म हो जाता है वैसे ही गौ माता को सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया जाता है. यह समस्या तकरीबन हर जगह देखी जाती है.
सीपत क्षेत्र के झलमला गांव में गौमाता की समस्या गंभीर रुप से उभर कर सामने आ रही है. इन दिनों किसानों के खेतों में फसल लगी हुई है. सड़कों में भटकती गायें फसल पर चरने खेत मे चली जाती हैं. जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है. गांव के किसानों ने करीब तीन महीने पहले सरपंच से इस समस्या को हल करने की गुहार लगाई थी.
किसानों ने सरपंच से कहा था कि आवारा भटकती गायों को एक जगह पर इकठ्ठा किया जाए और उनके लिए उचित चारापानी की व्यवस्था की जाए. इस मांग के बाद सरपंच ने गायों को गांव के हिन्दू मुक्तिधाम में रखवाने का फैसला लिया. ताकि एक स्थान पर उन्हें संभाला जा सके.
मवेशियों को वहां रखा जरुर गया है. लेकिन वहां उचित चारा और पानी की व्यवस्था का अभाव नजर आ रहा है. जिसके कारण गायों की हालत बिगड़ने लगी है. ग्रामीणों के मुताबिक पिछले दो महीनों में करीब 100 गायों की मौत हो चुकी है. ग्रामीणों का कहना है कि जब किसी गाय की तबीयत ज्यादा खराब हो जाती है. तो सरपंच अपने आदमियों को भेजकर उसे मुक्तिधाम से बाहर निकलवा देता है. जिससे कई गायें बाहर ही मर गई हैं. इस अमानवीय व्यवहार की वजह से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है और वे प्रशासन से इसकी जांच की मांग कर रहे हैं.
प्रशासन पर उठे सवाल: कौन है जिम्मेदार?
ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच द्वारा बिना उचित व्यवस्था के गौ माताओं को मुक्तिधाम में भेजना ही उनके लिए काल साबित हो रहा है. प्रशासनिक अधिकारियों की भी इस मामले में चुप्पी समझ से परे है. सवाल यह उठता है कि इन बेजुबानों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या प्रशासन का यह कर्तव्य नहीं है कि वह गौ माताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे?
गौ माता को सड़कों पर छोड़ देना और चारापानी की कमी की वजह से मरने के लिए मजबूर करना न सिर्फ अमानवीय है बल्कि कानूनन भी गलत है. इस समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की जरुरत है. ताकि इन निर्दोष बेजुबानों की जानें बचाई जा सके.
सरपंच मिथलेश सूर्यवंशी…..
इस संबंध में जानकारी जुटाने के लिए जब झलमला के सरपंच मिथलेश सूर्यवंशी से चर्चा की गई तब उन्होंने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है.
एसडीएम मस्तूरी अमित सिन्हा…..
मस्तूरी एसडीएम अमित सिन्हा से इस मामले में जानकारी चाही गई तब उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराएंगे.
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