मृत्यु भोज में खाना खाने के बाद 60 लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार, सभी अस्पताल में भर्ती, पूरे गांव में मच गया हड़कंप, मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग का टीम
60 people fell victim to food poisoning after eating food at a funeral feast, all admitted to hospital, panic spread in the entire village, health department team reached the spot

कोंडागांव : केशकाल विकासखंड के ग्राम चारभाठा में मृत्यु भोज में भोजन करने से 60 से ज्यादा ग्रामीणों के फ़ूड पॉइजनिंग का शिकार होने की घटना ने पूरे गांव में हड़कंप मचा दिया। भोजन के बाद अचानक उल्टी और दस्त की तकलीफ शुरु होने से ग्रामीणों में घबराहट फैल गई. खबर मिलते ही स्वास्थ्य विभाग का टीम मौके पर पहुंची और एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर ग्रामीणों की जांच की गई.
इस घटना में करीब 40 गंभीर मरीजों को केशकाल अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां उनका इलाज जारी है. जिन्हें पूरी तरह ठीक होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा.
इस बारे में केशकाल बीएमओ डॉ. डीके बिसेन ने बताया कि चारभाठा में ग्रामीणों को फूड पॉइजनिंग होने की खबर मिली है. हमने तत्काल स्वास्थ्य अमला गांव भेजा. जहां ग्रामीणों का प्राथमिक उपचार कर जरुरी दवाइयां दी गईं. साथ ही हमारी टीम ने रात में उसी गांव में कैप भी किया. अगले दिन फॉलोअप लेने पर अन्य ग्रामीण भी संक्रमित पाए गए. सभी को केशकाल अस्पताल लाया गया था.
फ़िलहाल सभी मरीजों की हालत सामान्य है. फूड पॉइजनिंग से ग्रसित ग्रामीण रोशन नेताम, नाथूराम नेताम और संतोषी ने बताया कि हमने सिर्फ दाल-चावल, गोभी और बैगन की सब्जी खाई थी. पता नहीं खाने में ऐसा क्या था कि अगले दिन पूरे गांव वालों को उल्टी-दस्त होने लगी. डॉक्टरों से मिली दवाइयों व इलाज के बाद फिलहाल हम स्वस्थ महसूस कर रहे हैं.
मामला केशकाल विकासखंड के ग्राम चारभाठा का है, जहां यह दुर्घटना घटी. स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से स्थिति पर निगरानी रखे हुए है और प्रभावित लोगों को इलाज और जरुरी मदद दी जा रही है.
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वहीं पिछले साल 10 दिसंबर को बीजापुर जिले में संचालित माता रुक्मिणी बालिका आश्रम धनोरा में पनीर खाने से अचानक बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. जिसको खाने से बालिका आश्रम की 34 बच्चियां फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गई. जिसके बाद नौ बच्चियों को पीआईसीयू में भर्ती करवाया गया. वहीं दो बच्चियों को मेडिकल कालेज जगदलपुर भेजने के दौरान एक बच्ची ने रास्ते में दम तोड़ दिया. वहीं दूसरे बच्ची का इलाज जगदलपुर में चल रहा है. एफएसएल की टीम बीजापुर अस्पताल पहुंचकर तीनों बच्चों का सैंपल मेडिकल कालेज जगदलपुर भेजा गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक धनोरा में संचालित माता रुक्मिणी बालिका आश्रम में रविवार की शाम को पनीर खाने से 34 बच्चे फूड पाइजनिंग का शिकार होना पड़ा. जिसे खाने के बाद अचानक बच्चों की तबीयत बिगड़ी. सोमवार सुबह तीन से चार बजे के आसपास उल्टी- दस्त, बुखार आने लगा. जिसके बाद आनन फानन में आश्रम के 34 बीमार बच्चों को अस्पताल में भर्ती करवाया और 9 बच्चे पीआईयूसी में भर्ती हैं. घटना की जानकारी मिलते ही माता रूक्मिणी संस्था के संस्थापक और स्वतंत्रता सेनानी धर्मपाल सैनी आनन- फानन में बीजापुर अस्पताल पहुंचे.
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