कुदरत के कहर के आगे अमेरिका मजबूर, Los Angeles की आग को भड़काने आ रही तेज हवाएं, करोड़ों का नुक्सान, 27 लोगों की मौत, कई लोग लापता
America is helpless in front of the fury of nature, strong winds are inflaming the fire in Los Angeles, loss of crores, 27 people dead, many people missing

अमेरिका का कैलिफोर्निया और लॉस एंजिल्स शहर के जंगलों में 7 जनवरी 2025 से भयानक आग फैली है. सिर्फ 11 दिनों में लॉस एंजेलिस के 40 हजार एकड़ खाक हो गई. इस बीच ऐसी खबर आई है जिसने अमेरिका की चिंता और बढ़ा दी है. मौसम विभाग ने दावा किया है कि आग को भड़काने वाली तेज हवाएं फिर से लौट सकती है.
पिछले 7 जनवरी से अमेरिका के कैलिफ़ॉर्निया राज्य स्थित लॉस एंजिल्स शहर के बाहरी हिस्सों में बसे जंगलों में आग लगी है. यह आग पिछले 5 दिनों में शहर और आसपास के क्षेत्रों में कहर बरपा रही है. लॉस एंजिल्स शहर के बाहर करीब छह अलग-अलग जगहों पर जंगल और इसके आस-पास सटे खलिहान और रिहायशी इलाक़े आग की चपेट में आ चुके हैं. इन छह स्थलों में खासकर पैलिसेड्स और इटॉन कैनयन में आग बेहद भयावह रुप ले चुकी है.
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों की माने तो लॉस एंजिल्स के पश्चिम में स्थित पैलिसेड्स इलाक़े का करीब 22,000 एकड़ क्षेत्रफल आग की चपेट में आ चुका है. वहीं लॉस एंजिल्स से उत्तर-पूर्व में स्थित इटॉन कैनयन में आग करीब 14,000 एकड़ क्षेत्रफल तक फ़ैल चुकी है. इन इलाक़ों में आग लगने की वजह से बड़ी तादाद में वन्य जीव मारे गए हैं. साथ ही वन्य क्षेत्रों का एक बड़ा हिस्सा झुलस चुका है. इस आग की घटना में अब तक 16 लोग मारे गए हैं और दर्ज़नों घायल हुए हैं. कई घर और खलिहान जलकर ख़ाक हो गए हैं. साथ ही आग के बीच 30 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं.
अब जब कई जगहों पर लगी आग तेज़ी से लॉस एंजिल्स शहर की तरफ बढ़ रही है. अब यह आशंका जतायी जा रही है कि हताहतों की तादाद अभी और बढ़ेगी. लॉस एंजिल्स के आस-पास के उप-नगरीय इलाक़ों (सब-अर्बन) तक यह आग पहुंच चुकी है. लोग अपने घरों को छोड़कर भागने को मजबूर हैं. बीते 10 जनवरी को लॉस एंजिल्स प्रशासन ने अलग अलग इलाकों से करीब 130000 लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश दिया है.
जो संयुक्त राज्य अमेरिका विज्ञान व तकनीकी के मामले में दुनिया के उन्नत देशों की फ़ेहरिस्त में पहले नम्बर पर आता है और जिसकी सामरिक शक्ति की बराबरी दुनिया में कोई देश नहीं कर सकता है उस अमेरिका की सरकार इतने दिनों के बाद भी आग पर काबू क्यों नहीं पा सकी है? यह इस बात का ज्वलन्त उदाहरण है कि विज्ञान व तकनीकी का इस्तेमाल मानवीय जरुरत को पूरा करने और इंसानी ज़िन्दगी को बचाने के साधन के तौर पर नहीं किया जा रहा है. इसकी बजाय इसका इस्तेमाल चन्द लोगों के मुनाफ़े को बढ़ाने व सामरिक शक्ति को बढ़ाने के नाम पर विनाश के हथियार बनाने में किया जा रहा है. यही वजह है कि अमेरिका जैसे देश के पास भी इतने बड़े पैमाने पर लगी आग से निपटने के लिए उचित तकनीक का कमी है.
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