गिरजाबाई का अनोखा शौक, खाना खाए या नहीं 30 सालों से रोजाना पत्थर-ईंट खा रही महिला, बोली -नहीं खाती तो जी मचलता है, जानिए डॉक्टर की सलाह

Girjabai's unique hobby, whether she eats food or not, the woman has been eating stones and bricks every day for 30 years, said - if she doesn't eat, she feels nauseous, know the doctor's advice

गिरजाबाई का अनोखा शौक, खाना खाए या नहीं 30 सालों से रोजाना पत्थर-ईंट खा रही महिला, बोली -नहीं खाती तो जी मचलता है, जानिए डॉक्टर की सलाह

जांजगीर चांपा : खाने के नाम सुनते ही लोगों के मन में अलग अलग तरह के पकवान खाने के मन में आने लगता है. हर किसी को अलग-अलग डिश खाने का शौक रहता है. लेकिन जांजगीर चांपा जिले के खोखरा गांव की रहने वाली एक महिला को पत्थर और ईट खाने का शौक है. यहां की महिला रोजाना ईट या पत्थर खाती है. और इसे खाते हुए उन्हें 25 से 30 साल हो गए हैं.
ग्राम खोखरा की रहने वाले गिरजाबाई बरेठ ने बताया कि वह रोजाना पत्थर ईट खाती है. क्योंकि उन्हें अब यह खाने में अच्छा लगने लगा है. और यह खाने हुए उन्हें करीब 30 साल हो गए इसलिए पत्थर ईट खाने की आदत सी हो है. अब इसके बिना रहना मुश्किल हो गया है.
पत्थर और ईट खाने की कैसे शुरुआत की. इसके बारे में महिला गिरजा बाई ने बताया कि जब 30 साल पहले चुना से घर की पुताई कर रही थी तो इसकी खुशबु अच्छी लगी और उसी में से सुखा चुना खाया उसके बाद 2-3 साल तक खाने लगी उसके बाद तालाब नहाने जाती थी. तो वहां कुरकुरिया पत्थर मिला. उसे खाने लगी क्योंकि यह पत्थर दांत से आसानी से टूट जाता है. और साथ ही ईट भी खाने लगी और बताया कि अब ईट और पत्थर खाने की आदत इतनी हो गई हैं कि जिस दिन नहीं खाती है उसे दिन जी मचलता है. दांत किनकिनाने लगता है. पहले उसके बेटे बहु लोग खाने से मना करते थे. लेकिन अब कोई कुछ नहीं बोलता है.
वही उसके पोते करन बरेठ ने बताया कि उसकी दादी पत्थर ईट खाती है. पत्थर को थोड़ा कम करवाए हैं. लेकिन फ़िलहाल वह ईट इतना ज्यादा खाती है कि दिनभर में आधा से ज्यादा खा जाती हैं. जैसे लड़के लोग गुटखा खाते हैं वैसे वह ईट को खाते रहती है.
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डॉक्‍टर्स से जब बात की तो उनका कहना है कि यह एक पाइका बीमारी जैसा है. इस बीमारी में व्‍यक्ति कुछ भी खाने को तैयार हो जाता है. जबकि वो वस्‍तु खाने लायक नहीं रहती. इस बीमारी का नाम पाइका पक्षी के नाम पर रखा है. यह पक्षी कुछ भी खा लेता है. उसी के नाम पर इस बिमारी का नाम रखा गया है.
किसी भी घर में जब महिलाएं मिट्टी या इससे जुड़े किसी तत्‍व का सेवन करती हैं तो कहा जाता है कि कैल्शियम की कमी हो गई है. जबकि ऐसा नहीं है. इस बीमारी का संबंध आयरन की कमी को दर्शाता है. आयरन की कमी की वजह से महिला को बार-बार मिट्टी खाने की तलब आती है. जब वह बार-बार मिट्टी का सेवन करती है तो उसके पेट में कई तरह की परेशानी होने लगती है.
डॉक्‍टर्स बताते हैं कि कोई भी इंसान अगर लगातार मिट्टी या इसी तरह के तत्‍व खाता है तो उसका असर पेट की आंतों पर होगा. उसकी आंत में रुकावट होने लगेगी. इसके अलावा लीवर पर भी नकारात्मक असर पड़ना शुरु हो जाता है. इतना ही नहीं मिट्टी या इसी तरह की अन्‍य वस्‍तु खाने वाले बच्चों और बड़ों के शरीर में सूजन आना शुरु हो जाती है.
साथ ही पाचन क्रिया प्रभावित होने लगती है. इससे भोजन नहीं पच पाता है. मिट्टी, पत्‍थर समेत दूसरी वस्‍तुओं के सेवन से भूख लगना भी बंद हो सकती है. विशेषज्ञों की माने तो मिट्टी पानी के अंदर घुल नहीं पाती है. इसके अलावा कंकड़ धीरे-धीरे किडनी स्टोन में तब्‍दील होना शुरु हो जाते हैं.
मिट्टी खाने से इंसान कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकता है. सबसे ज्‍यादा खतरा एनीमिया का रहता है. शरीर में हिमोग्लोबिन की कमी को ही एनीमिया कहते हैं. हिमोग्लोबिन कम होने की वजह से खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. इससे एनीमिया की बीमारी हो जाती है.
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