Fake Call Center: नोएडा से अमेरिकी लोगों को ठगने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 84 लड़के-लडकियां गिरफ्तार

Fake Call Center: नोएडा फेज-1 पुलिस ने अमेरिकी नागरिकों को सोशल सर्विस देने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर खुलासा कर 84 युवकों और युवतियों को गिरफ्तार किया।

Fake Call Center: नोएडा से अमेरिकी लोगों को ठगने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 84 लड़के-लडकियां गिरफ्तार

Fake Call Center: नोएडा फेज-1 पुलिस ने अमेरिकी नागरिकों को सोशल सर्विस देने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर खुलासा कर 84 युवकों और युवतियों को गिरफ्तार किया। इनमें से ज्यादातर नार्थ ईस्ट के रहने वाले हैं। कॉल सेंटर चलाने वाले आरोपी मैनेजर हर्ष शर्मा और योगेश मुरारी मौके से भाग गए। पुलिस की टीमें उनकी तलाश में लगी हैं।

डीसीपी नोएडा हरीश चंदर ने बताया कि कुछ दिन पहले सेक्टर-6 में अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले कॉल सेंटर के संचालित होने की जानकारी मिली थी। इसके बाद मामले में फेज-1 पुलिस और साइबर सेल की टीम ने जांच कर बुधवार को सेक्टर-6 के ए-18 में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया। सभी गिरफ्तार लोग दिल्ली-एनसीआर में किराये पर रहते हैं। वे एक हफ्ते में दो से तीन दिन काम करते थे। आरोपी हर रोज 30 से 40 लाख रुपये की ठगी करते थे।

डार्क वेव से मिल रहा था डाटा डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए अरोपी सबसे पहले डार्क वेव के जरिए अमेरिकी नागरिकों का निजी डाटा और सोशल सिक्योरिटी नंबर हासिल करते थे। इसके बाद उनके पास एक सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ऑफ अमेरिका के नाम से वाइस ई-मेल भेजकर उनके साथ ठगी करते थे।

वॉइस ई-मेल भेजकर फंसाते थे
डीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने चार महीने पहले ही ऑफिस खोला था। उन्होंने अमेरिकी नागरिकों से 50 करोड़ से अधिक की ठगी की। पुलिस ने आरोपियों के पास से 150 लैपटॉप-कंप्यूटर, 13 मोबाइल, 20 लाख नगद, एक कार और 42 पेज अमेरिकी नागरिकों का डाटा बरामद किया है। आरोपी अमेरिकी नागरिकों के पास वॉइस ई-मेल भेजकर उनके गैरकानूनी गतिविधि में शामिल होने की बात कहते थे। अगर कोई उनके झांसे में आ जाता तो उसे धमकी देकर उगाही कर लेते थे।

सोशल सिक्योरिटी नंबर
जिस तरह भारतीय नागरिकों को आधार नंबर मिलता है। उसी तरह अमेरिकी नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी नंबर मिलता है। इस नंबर के जरिए अमेरिकी नागरिक के बारे में उसकी वित्तीय से लेकर निजी जीवन से जुड़ी सारी जानकारी हासिल की जा सकती है।

इंटरनेट कॉलिंग करते थे
डीसीपी ने बताया कि गिरफ्त में आए आरोपी अमेरिकी नागरिकों से इंटरनेट कॉलिंग के जरिए बात करते थे। इसके साथ ही, ठगी के रुपये, जो उनके पास क्रिप्टो करेंसी में आते थे, ये लोग विदेश में बैठे उनके अन्य साथियों के पास भेज देते, जो इनको बदल कर रुपये में भेज देते थे।

विदेश तक जाल
डीसीपी नोएडा हरीश चंदर ने कहा कि इस गिरोह के तार विदेश में बैठे कई अन्य जालसाजों से जुड़े हैं। पुलिस की टीमें जांच में जुटी हैं। इसके बारे में केद्रींय एजेसिंयों और संबंधित देश की एबेंसी को भी जानकारी दी जाएगी। जल्द ही गिरोह में शामिल अन्य जालसाजों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।