अस्तित्व का गेट में ऑल इंडिया रैंक 99वां, छत्तीसगढ़ में तीसरा, पहले ही प्रयास में सफलता

छत्तीसगढ़ संवाददाता दुर्ग, 20 मार्च। प्रतिभाशाली छात्र अस्तित्व चौबे ने गेट की परीक्षा में 7 लाख परीक्षार्थियों के बीच 99 वां आल इंडिया रैंक हासिल कर क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है। वहीं वे छत्तीसगढ़ स्तर में तीसरे स्थान पर रहे है पहले ही प्रयास में उन्होंने यह सफलता अर्जित की। अस्तित्व ग्राम देऊरगांव निवासी अतिरिक्त तहसीलदार राजनांदगांव अजीत चौबे एवं अनीता चौबे के सुपुत्र है तथा वर्तमान में पुष्पक नगर दुर्ग में निवासरत है। वे शुरू से होनहार प्रतिभाशाली छात्र रहे हैं। उन्होंने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक अर्जित किया था। वहीं बारहवी बोर्ड की परीक्षा 90 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। एनआईटी रायपुर से इंफर्मेशन टेक्नालाजी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद से ही वे गेट की तैयारी में जुट गए थे। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग के बाद उन्हें 22 लाख रुपए सालाना पैकेज पर नौकरी मिल रही थी, मगर उनका उद्देश्य आईआईटी करना था इसलिए उन्होंने ड्राप लेकर गेट की तैयारी की और इसमें पहले प्रयास में बेहतर प्रदर्शन करते हुए गेट की परीक्षा सफलता हासिल कर ली उनका कहना है कि वे एमटेक कर साइंटिफीक रिसर्च पेपर लिखकर अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते ह।ै आईआईटी दिल्ली उनकी पहली प्राथमिकता है। दिल्ली नहीं मिलने पर कानपुर या बेंगलोर आईआईटी उनकी प्राथमिकता रहेगी वे अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता- पिता को देते है। वहीं गेट की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए उन्होंने कहा कि बहुत साधारण तैयारी करें प्रिवियस ईयर के प्रश्नों को हल करें तो सफलता जरूर मिलेगी।

अस्तित्व का गेट में ऑल इंडिया रैंक 99वां, छत्तीसगढ़ में तीसरा,  पहले ही प्रयास में सफलता
छत्तीसगढ़ संवाददाता दुर्ग, 20 मार्च। प्रतिभाशाली छात्र अस्तित्व चौबे ने गेट की परीक्षा में 7 लाख परीक्षार्थियों के बीच 99 वां आल इंडिया रैंक हासिल कर क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है। वहीं वे छत्तीसगढ़ स्तर में तीसरे स्थान पर रहे है पहले ही प्रयास में उन्होंने यह सफलता अर्जित की। अस्तित्व ग्राम देऊरगांव निवासी अतिरिक्त तहसीलदार राजनांदगांव अजीत चौबे एवं अनीता चौबे के सुपुत्र है तथा वर्तमान में पुष्पक नगर दुर्ग में निवासरत है। वे शुरू से होनहार प्रतिभाशाली छात्र रहे हैं। उन्होंने दसवीं बोर्ड की परीक्षा में 95 प्रतिशत अंक अर्जित किया था। वहीं बारहवी बोर्ड की परीक्षा 90 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। एनआईटी रायपुर से इंफर्मेशन टेक्नालाजी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद से ही वे गेट की तैयारी में जुट गए थे। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग के बाद उन्हें 22 लाख रुपए सालाना पैकेज पर नौकरी मिल रही थी, मगर उनका उद्देश्य आईआईटी करना था इसलिए उन्होंने ड्राप लेकर गेट की तैयारी की और इसमें पहले प्रयास में बेहतर प्रदर्शन करते हुए गेट की परीक्षा सफलता हासिल कर ली उनका कहना है कि वे एमटेक कर साइंटिफीक रिसर्च पेपर लिखकर अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहते ह।ै आईआईटी दिल्ली उनकी पहली प्राथमिकता है। दिल्ली नहीं मिलने पर कानपुर या बेंगलोर आईआईटी उनकी प्राथमिकता रहेगी वे अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता- पिता को देते है। वहीं गेट की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए उन्होंने कहा कि बहुत साधारण तैयारी करें प्रिवियस ईयर के प्रश्नों को हल करें तो सफलता जरूर मिलेगी।