चीन के लोगों के साथ मिलकर डिजिटल अरेस्ट करने वाला मास्टरमाइंड 12वीं पास, प्रयागराज का रोहन अग्रवाल और हर्ष वर्धन गुप्ता गिरफ्तार
The mastermind behind the digital arrest in connivance with the Chinese people is 12th pass, Rohan Aggarwal and Harsh Vardhan Gupta of Prayagraj have been arrested

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने दो अपराधियों, रोहन अग्रवाल और हर्ष वर्धन गुप्ता को साइबर फ्रॉड के आरोप में गिरफ्तार किया. ये अपराधी चीनी नागरिकों के साथ मिलकर डिजिटल अरेस्ट और ऐप्स के जरिए धोखाधड़ी करते थे. इनके पास से कई फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन और नकदी बरामद हुई है. पुलिस ने इनके खिलाफ मामला दर्ज किया है.
उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. ये अपराधी चीनी नागरिकों के साथ मिलकर संगठित गिरोह बनाकर डिजिटल अरेस्ट, गेमिंग और ट्रेडिंग ऐप के जरिए साइबर फ्रॉड करते थे.
गिरफ्तार किए गए अपराधियों की पहचान रोहन अग्रवाल और हर्ष वर्धन गुप्ता के रुप में हुई है. रोहन अग्रवाल प्रयागराज का निवासी है. जबकि हर्ष वर्धन गुप्ता कानपुर नगर का निवासी है. 28 साल का हर्ष वर्धन कलिंगा यूनिवर्सिटी में बीएएलएलबी का छात्र है. जबकि 29 साल का रोहन 12वीं पास है.
पुलिस ने इनके पास से कई अहम दस्तावेज और सामग्री बरामद की है. जिनमें 14 डेबिट/क्रेडिट कार्ड, 3 आधार कार्ड, 1 पैन कार्ड, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, 1 पासपोर्ट, 7 मोबाइल फोन और 4 लाख रुपये नगद शामिल हैं.
ये अपराधी चीनी नागरिकों के साथ मिलकर साइबर फ्रॉड करते थे और अपने साथियों को कमीशन के आधार पर म्यूल बैंक खाते उपलब्ध कराते थे. ये खाते उन्हें कई शहरों में बैठे अपने साथियों से हासिल होते थे.
ये अपराधी टेलीग्राम ऐप के जरिए चीनी नागरिकों के साथ संपर्क में रहते थे और उन्हें साइबर फ्रॉड करने के लिए एपीआई टूल के जरिए बैंक खातों को कनेक्ट करते थे.
पुलिस ने इन अपराधियों के खिलाफ थाना सूरजपुर, गौतमबुद्धनगर में मामला दर्ज किया है और आगे की जांच की जा रही है.
ऐप से पता चल जाता है खाता धारक के मोबाइल का ओटीपी
चीन के साइबर ठग बैंक खाता धारक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को एक फोन में डालते थे. फिर उसमें चाइनीज ड्रेगेन मैसेज ऐप डाउनलोड करते है. इस ऐप की मदद से साइबर ठग खाता धारक के मोबाइल पर आने वाले ओटीपी को देख लेते हैं. फिर ऐप ऑटोमैटिक खाते से पैसा ट्रांसफर करने के लिए एपीआई टूल से जोड़ देता है. एपीआई टूल में एक खाते से दूसरे खाते में पैसा भेजने की सुविधा होती है. ठगी की रकम से क्रिप्टो करेंसी खरीदते थे. साथ ही डॉलर के रूप में भारत में गिरोह के सदस्यों का हिस्सा देते हैं.
रोहन के पास आ चुके है अब तक 3.49 करोड़
पूछताछ में रोहन ने एसटीएफ को बताया है कि नवंबर, 2024 से अब तक उसके खाते में 3.49 करोड़ रुपये आ चुके हैं. जो चीन के साइबर ठगों से मिले है. इस धनराशि को हवाले के जरिए नकद में बदलवा लेता था. आरोपी से 150 अकाउंट की जानकारी मिली है. जिनका प्रयोग साइबर ठगी के लिए किया जा रहा है. इन अकाउंट के खिलाफ यूपी के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में 471 से ज्यादा साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं.
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