युवतियों की रोल मॉडल बनी खेल हस्तियां

रेखा, रेणुका और ज्ञानेश्वरी खेल के क्षेत्र में पुरूषों को दे रही टक्कर छत्तीसगढ़ संवाददाता राजनांदगांव, 8 मार्च। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शहर की कुछ खेल जगत की महिला खिलाडिय़ों के योगदान को याद करने का दिन है। राजनांदगांव जैसे छोटे से शहर से अब खेल के क्षेत्र में महिलाएं पुरूषों को बराबरी का टक्कर दे रही हंै। यही खेल हस्तियां युवतियों की रोल मॉडल क रूप में गिनी जा रही है। वैसे भी खेल के क्षेत्र में राजनांदगांव की एक अलग पहचान है। महिलाओं ने कठिन चुनौतियों के बीच राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। राजनंादगांव शहर अब इन हस्तियों की वजह से अपनी पहचान बना चुका है। छत्तीसगढ़ ने बीते समय की और मौजूदा महिला खिलाडिय़ों की पृष्ठभूमि को सामने लाया है। रेखा पदम उस समय खेल के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई, जब महिलाओं का दायरा बेहद सिमटा रहता था। बात 90 के दशक की है। 1992 में जब देश बाबरी मस्जिद विध्वंस के चलते तनाव से गुजर रहा था, उस समय रेखा पदम भारतीय वॉलीबॉल टीम में जगह बनाया। मलेशिया में अच्छे प्रदर्शन के चलते वह खेल जगत में जगह बनाने में कामयाब हुर्इं। वर्तमान में वह स्थानीय रेल्वे स्टेशन में रेल्वे अफसर हैं। छत्तीसगढ़ से उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आगे बढऩे का अब का वक्त काफी बदल गया है। पुरानी जैसी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में बराबरी का योगदान दे रही हैं। बेहद ही निचले तबके से हॉकी खेल के जरिये वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने वाली महिला खिलाड़ी रेणुका यादव उस समय चर्चा में आई, जब 2016 में ब्राजील की राजधानी रियो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम के सदस्य के तौर पर चुनी गर्इं। रियो ओलंपिक में भाग लेकर उन्होंने छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया। वह छत्तीसगढ़ की पहली ओलंपियन है। वह रेल्वे में एक कर्मचारी के तौर पर कार्यरत है। शहर की ज्ञानेश्वरी यादव भारोत्तोलन खेल में काफी आगे जा चुकी है। नागर कोइल तमिलनाडु में आयोजित राष्ट्रीय सब जूनियर, जूनियर व सीनियर महिला एवं पुरूष भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग) चैम्पियनशिप स्पर्धा में अपनी जगह बनाई। वह ग्रीस देश में भी अपने खेल का जौहर दिखा चुकी हैं। फोटो - भूमिक्षा साहू , अनिशा साहू वहीं हॉकी के खेल में भूमिक्षा साहू भी अपने खेल का शानदार प्रदर्शन किया। जूनियर इंडिया टीम से 4 नेशन टूर्नामेंट जर्मनी में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वह जूनियर नेशनल 2023 में गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुकी हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में सिल्वर मेडल प्राप्त कर चुकी हंै। जूनियर नेशनल 2023 में सबसे ज्यादा गोल मारने का रिकॉर्ड भी भूमिक्षा साहू के नाम है। वहीं हॉकी खिलाड़ी अनिशा साहू भी इस खेल के जरिये आगे बढ़ रही है। अनिक्षा जूनियर इंडिया कैम्प में बैंगलोर में है, जो 2025 वर्ड कप की तैयारी कर रही हैं।

युवतियों की रोल मॉडल बनी खेल हस्तियां
रेखा, रेणुका और ज्ञानेश्वरी खेल के क्षेत्र में पुरूषों को दे रही टक्कर छत्तीसगढ़ संवाददाता राजनांदगांव, 8 मार्च। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शहर की कुछ खेल जगत की महिला खिलाडिय़ों के योगदान को याद करने का दिन है। राजनांदगांव जैसे छोटे से शहर से अब खेल के क्षेत्र में महिलाएं पुरूषों को बराबरी का टक्कर दे रही हंै। यही खेल हस्तियां युवतियों की रोल मॉडल क रूप में गिनी जा रही है। वैसे भी खेल के क्षेत्र में राजनांदगांव की एक अलग पहचान है। महिलाओं ने कठिन चुनौतियों के बीच राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। राजनंादगांव शहर अब इन हस्तियों की वजह से अपनी पहचान बना चुका है। छत्तीसगढ़ ने बीते समय की और मौजूदा महिला खिलाडिय़ों की पृष्ठभूमि को सामने लाया है। रेखा पदम उस समय खेल के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई, जब महिलाओं का दायरा बेहद सिमटा रहता था। बात 90 के दशक की है। 1992 में जब देश बाबरी मस्जिद विध्वंस के चलते तनाव से गुजर रहा था, उस समय रेखा पदम भारतीय वॉलीबॉल टीम में जगह बनाया। मलेशिया में अच्छे प्रदर्शन के चलते वह खेल जगत में जगह बनाने में कामयाब हुर्इं। वर्तमान में वह स्थानीय रेल्वे स्टेशन में रेल्वे अफसर हैं। छत्तीसगढ़ से उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए आगे बढऩे का अब का वक्त काफी बदल गया है। पुरानी जैसी स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में बराबरी का योगदान दे रही हैं। बेहद ही निचले तबके से हॉकी खेल के जरिये वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने वाली महिला खिलाड़ी रेणुका यादव उस समय चर्चा में आई, जब 2016 में ब्राजील की राजधानी रियो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम के सदस्य के तौर पर चुनी गर्इं। रियो ओलंपिक में भाग लेकर उन्होंने छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया। वह छत्तीसगढ़ की पहली ओलंपियन है। वह रेल्वे में एक कर्मचारी के तौर पर कार्यरत है। शहर की ज्ञानेश्वरी यादव भारोत्तोलन खेल में काफी आगे जा चुकी है। नागर कोइल तमिलनाडु में आयोजित राष्ट्रीय सब जूनियर, जूनियर व सीनियर महिला एवं पुरूष भारोत्तोलन (वेटलिफ्टिंग) चैम्पियनशिप स्पर्धा में अपनी जगह बनाई। वह ग्रीस देश में भी अपने खेल का जौहर दिखा चुकी हैं। फोटो - भूमिक्षा साहू , अनिशा साहू वहीं हॉकी के खेल में भूमिक्षा साहू भी अपने खेल का शानदार प्रदर्शन किया। जूनियर इंडिया टीम से 4 नेशन टूर्नामेंट जर्मनी में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वह जूनियर नेशनल 2023 में गोल्ड मैडल प्राप्त कर चुकी हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में सिल्वर मेडल प्राप्त कर चुकी हंै। जूनियर नेशनल 2023 में सबसे ज्यादा गोल मारने का रिकॉर्ड भी भूमिक्षा साहू के नाम है। वहीं हॉकी खिलाड़ी अनिशा साहू भी इस खेल के जरिये आगे बढ़ रही है। अनिक्षा जूनियर इंडिया कैम्प में बैंगलोर में है, जो 2025 वर्ड कप की तैयारी कर रही हैं।