सुप्रीम कोर्ट ने दिया बहुत बड़ा झटका, आदेश से रद्द हुए 2 टेंडर, डिप्टी सीएम से इस्तीफे की मांग, कांग्रेस ने भी खोला मोर्चा
Supreme Court gave a big blow, 2 tenders cancelled by order, demand for resignation from Deputy CM, Congress also opened front

मुंबई : महाराष्ट्र में 14,000 करोड़ रुपये की दो बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के टेंडर रद्द होने के बाद सियासी पारा तेजी से चढ़ गया है. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एमएमआरडीए द्वारा 6,000 करोड़ की एलिवेटेड रोड और 8,000 करोड़ की रोड टनल परियोजना के टेंडर रद्द कर दिए गए हैं. एमएमआरडीए के मुताबिक यह फैसला जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
लेकिन इस फैसले ने उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को विपक्ष के निशाने पर ला दिया है. क्योंकि एमएमआरडीए उनके विभाग के अधीन आता है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर गंभीर आरोप लगाए हैं और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग की है कि जब तक स्वतंत्र जांच पूरी नहीं होती. तब तक शिंदे को मंत्रिमंडल से हटाया जाए.
शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा है कि टेंडर-ब्लंडर के इस मामले ने शिंदे के भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है. उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से शिंदे का इस्तीफा लेने की मांग की है. साथ ही इस पूरे मामले की ईडी से जांच कराए जाने की मांग की गई है. आदित्य ने कहा कि इस मामले की जांच होने तक शिंदे को मंत्री पद से अलग रखा जाए. वहीं कांग्रेस ने भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में महाभ्रष्टाचार है.
आदित्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से महायुति सरकार को बहुत बड़ा झटका दिया है. जो लोग सरकार में शामिल होकर अपनी जेवें भर रहे थे. वे अब कट गई हैं. मैं एलएनटी को बधाई देता हूं. जिन्होंने कोर्ट जाने की हिम्मत दिखाई.
आदित्य ठाकरे का आरोप है कि इन परियोजनाओं में शुरु से ही धांधली की जा रही थी. टेंडर प्रक्रिया में कंपनियों को शुरुआत में सिर्फ 20 दिन का समय दिया गया था. जिसे बाद में न्यायिक हस्तक्षेप के चलते 60 दिन तक बढ़ाया गया. उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी बताते हुए स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है. कांग्रेस ने भी इस पूरे मामले में न्यायिक जांच की मांग का समर्थन किया है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने आरोप लगाया है कि इस पूरी टेंडर प्रक्रिया में करीब 3 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है. आखिर टेंडर हासिल करने वाली मेघा इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी किसकी है. इस सरकार ने एक भ्रष्टाचार का कॉरिडोर तैयार किया है. जिसमें एमएमआरडीए, म्हाडा, सिडको, एसआरए जैसी संस्थाएं शामिल हैं.
वहीं शिवसेना के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने आदित्य ठाकरे के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है. कदम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों को सीधे एकनाथ शिंदे से जोड़ना गलत है. उन्होंने आरोप लगाया कि आदित्य ठाकरे इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रहे हैं. योगेश कदम ने यह भी दावा किया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एमएमआरडीए ने कई परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी की हैं.
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद विपक्ष को एकनाथ शिंदे पर हमला करने का बड़ा मौका मिल गया है. अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर टिकी हैं कि वे इस मामले में जांच के आदेश देते हैं या नहीं.
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