तार जोड़ते समय टूट गया बिजली पोल, मजदूर की गिरने से हुई दर्दनाक मौत, परिजनों और ग्रामीणों ने थाने में जमकर किया हंगामा
The electric pole broke while connecting the wires, the worker died a painful death after falling, the family members and villagers created a ruckus in the police station

बालोद : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में नया लगा बिजली का खंभा एक मजदूर का वजन भी नहीं सह सका. 25 फीट ऊंचाई पर तार जोड़ते समय बिजली पोल के टूटने पर मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई. हादसे के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर थाने में हंगामा किया. बिजली पोल की गुणवत्ता, निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए.
मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार शाम करीब 4 बजे गुरुर ब्लॉक के ग्राम डांडेसरा में किसानों को बिजली आपूर्ति के लिए नए पोल लगाए जा रहे थे. यह काम भिलाई की ओम साईं कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर कंपनी का मालिक सौरभ सिंह करवा रहा था. इनके काम को पूरा करने के लिए मटिया बी से 20 से ज्यादा मजदूर बुलाए गए थे. जो बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम कर रहे थे. इसी दौरान मजदूर युगल किशोर उम्र 28 साल पोल पर चढ़कर तार जोड़ने के लिए लोहे का एंगल लगा रहा था.
तभी खंभा अचानक टूट गया और वह नीचे गिरते ही उसी के नीचे दब गया. मजदूर की मौत के बाद जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के नेता चंद्रभान साहू ने बिजली खंभों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि खंबा इतना कमजोर था कि नीचे से ही टूट गया. जिससे मजदूर की जान चली गई. मजदूर सेफ्टी इक्विपमेंट के बिना ही काम कर रहे थे.
चंद्रभान ने बताया कि संबंधित ठेकेदार द्वारा लगाए गए सभी पोल और जिस फर्म से खंभे खरीदे गए हैं. उनकी गुणवत्ता की जांच के लिए वे मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे. साथ ही चेतावनी दी कि अगर मजदूरों को इंसाफ नहीं मिला तो पीड़ित परिवार की तरफ से अदालत की लड़ाई लड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
युगल किशोर अपने घर का इकलौता बेटा था और उसकी एक साल पहले ही शादी हुई थी. हादसे की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया और पूरा गांव शोक में डूब गया. गुस्साए ग्रामीणों ने गुरुर थाने में पहुंचकर जमकर हंगामा किया. हादसे की जांच और मुआवजे की मांग को लेकर दोपहर तक डटे रहे. स्थानीय जनप्रतिनिधियों की समझाइश के बाद रविवार दोपहर को पोस्टमॉर्टम कराया गया. जिसके बाद शाम 4 बजे गांव में अंतिम संस्कार किया गया.
इस दौरान पूरा गांव अंतिम विदाई देने उमड़ पड़ा. मजदूर की मौत जैसे गंभीर मामले में भी जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों ने चुप्पी साध ली. ठेकेदार सौरभ सिंह ने खुद को बयान देने के लिए अधिकृत नहीं बताया और सारा जिम्मा अधिकारियों पर डाल दिया.
मिडिया ने सीएसईबी प्रोजेक्ट के ईई डी. भारती और एई डी.के. साहू से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. गुरुर डीसी एई एच.के. हिरवानी ने कहा कि, वे छुट्टी पर हैं. जबकि बालोद के ईई एस.के. बांड ने दावा किया कि यह काम एक अलग एजेंसी के जरिए किया जा रहा था और सीएसईबी प्रोजेक्ट की निगरानी में पूरा काम हुआ. उन्होंने यह भी जोड़ा कि सिविल विभाग की जांच के बाद ही खामी की असली वजह सामने आ पाएगी.
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