सायबर ठगी पर बड़ी कार्रवाई, कंबोडिया तक जुड़े फ्रॉड का पर्दाफाश, आरोपी गिरफ्तार, फर्जी सिम कार्ड एक्टिव करने वाले दो आरोपियों की गिरफ्तारी

Big action against cyber fraud, fraud linked to Cambodia exposed, accused arrested, two accused arrested for activating fake SIM cards

सायबर ठगी पर बड़ी कार्रवाई, कंबोडिया तक जुड़े फ्रॉड का पर्दाफाश, आरोपी गिरफ्तार, फर्जी सिम कार्ड एक्टिव करने वाले दो आरोपियों की गिरफ्तारी

सायबर ठगी पर बड़ी कार्रवाई, कंबोडिया तक जुड़े फ्रॉड का पर्दाफाश, आरोपी गिरफ्तार

रायगढ़ : रायगढ़ पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर फ्रॉड मामले में कामयाबी हासिल की है. रायगढ़ पुलिस ने साउथ ईस्ट एशिया के कंबोडिया में ट्रेडिंग फ्रॉड में इस्तेमाल किए जा रहे सिम कार्ड जारी करने वाले का पर्दाफाश किया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के मार्गदर्शन में साइबर डीएसपी अनिल विश्वकर्मा ने इस मामले में डिटेल जांच शुरु की. पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि मोबाइल नंबर 623221XXXX ग्राम मुनुन्द, थाना छाल के मुगली राठिया उम्र 24 साल के नाम पर पंजीकृत है
पूछताछ में मुगली राठिया ने बताया कि इस सिम का उपयोग उसके द्वारा नहीं किया जा रहा है. जांच को आगे बढ़ाते हुए साइबर टीम ने पता लगाया कि इस सिम कार्ड को ग्राम पुरंगा, थाना छाल के निवासी भूपेंद्र दास महंत उम्र 24 साल ने एक POS एजेंट के रुप में जारी किया था. भूपेंद्र दास महंत, जो जिओ और एयरटेल के लिए POS एजेंट के रूप में काम करता था. ने ग्राहकों के आधार कार्ड और थंब इम्प्रेशन का दुरुपयोग कर सिम कार्ड जारी किए और उन्हें अवैध रुप से साइबर ठगों को बेच दिया. गहन पूछताछ में भूपेंद्र दास ने कबूल किया कि उसने अपने गांव की मुगली राठिया के नाम पर फर्जी सिम कार्ड जारी कर एक अज्ञात व्यक्ति को ज्यादा कीमत पर बेच दिया था. इस सिम कार्ड का उपयोग कंबोडिया में साइबर ट्रेडिंग फ्रॉड में किया गया.
आरोपी भूपेंद्र दास महंत के खिलाफ थाना जूटमिल में अपराध क्रमांक 87/2025 के तहत धारा 318(2), 318(4) भारतीय न्याय संहिता और धारा 67(C) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया.
पुलिस आम जनता से अपील करती है कि अपने आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाते और अन्य संवेदनशील जानकारी को किसी अज्ञात व्यक्ति को न सौंपें. सिम कार्ड खरीदते समय केवल अधिकृत रिटेल काउंटर से ही सिम लें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें.
इस पूरे प्रकरण में डीएसपी साइबर सेल अनिल विश्वकर्मा, निरीक्षक मोहन भारद्वाज और साइबर सेल एवं जूटमिल पुलिस टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

फर्जी सिम कार्ड एक्टिव करने वाले दो आरोपियों की गिरफ्तारी

गौरेला पेंड्रा मरवाही : गौरेला थाना क्षेत्र में फर्जी सिम कार्ड एक्टिव करने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने दो सिम विक्रेताओं को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी ग्राहकों को धोखा देकर उनकी पहचान पत्र से फर्जी सिम कार्ड जारी कर रहे थे.
छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय ने प्रत्येक जिले में सक्रिय फर्जी POS संचालकों की जानकारी की जांच जिलों को दी थी. जिसके बाद अग्रिम जांच के दौरान अपराध की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने सायबर सेल जीपीएम को तत्काल आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. पुलिस अधिकारियों के सुपरविजन में थाना गौरेला और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने तत्परता से जांच कर गौरेला क्षेत्र के रहने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार किए गए सिम विक्रेताओं के नाम उमाशंकर चक्रधारी न्यू रायपुर मोबाइल दुकान, पुराना गौरेला, वार्ड नंबर 7 और मोहनीश श्रीवास्तव अहिरान टोला, वार्ड नंबर 14, थाना गौरेला है. आरोपियों के खिलाफ थाना गौरेला में अपराध क्रमांक 72/2025 के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 318(2), 318(3), 318(4), 316(2), 61(2)(b) एवं सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 66(सी) और 66(डी) और टेलीकॉम एक्ट 2023 की धारा 42 (3 e) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
जीपीएम पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और ओटीपी किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा न करें. फर्जी सिम कार्ड का उपयोग साइबर अपराधों में किया जा सकता है, जिससे अनजाने में आप कानूनी परेशानियों में फंस सकते हैं. यदि किसी व्यक्ति को संदेहास्पद कॉल, सिम कार्ड से संबंधित धोखाधड़ी या साइबर अपराध की कोई जानकारी मिलती है, तो तुरंत नजदीकी थाना या साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं.
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