शासकीय शिक्षक और शिक्षिका के बीच अवैध संबंध उजागर, महिला आयोग में हुई सुनवाई, शिक्षक-शिक्षिका को निलंबित करने डीईओ को भेजा गया पत्र

Illegal relationship between government teacher and teacher exposed hearing held in Womens Commission letter sent to DEO to suspend teacher-teacher

शासकीय शिक्षक और शिक्षिका के बीच अवैध संबंध उजागर, महिला आयोग में हुई सुनवाई, शिक्षक-शिक्षिका को निलंबित करने डीईओ को भेजा गया पत्र

रायपुर : अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित कई मामलों पर सुनवाई की. महिला आयोग के एक मामले में शासकीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिका के बीच अवैध संबंध का मामला सामने आया. जिसमें पहली बार दोनों कर्मचारियों ने अवैध संबंध कबुल भी किया. इसे जुर्म मानते हुए दोनों कर्मचारियों को निलंबित करने डीईओ को पत्र भेजा गया.
बता दें कि शासकीय सेवा में रहते हुए अवैध रिश्तों में रहना कानूनी जुर्म है. जिसे देखते हुए दोनों अनावेदकों को सेवा से निकालकर उसकी विस्तृत जांच करने मुंगेली और बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा गया. वहीं अनावेदिका को सुधरने का मौका देकर 2 महीने के लिए नारी निकेतन भेजे जाने का आयोग ने आदेश जारी किया.
दरअसल आवेदिका ने अपने पति के अवैध संबंध को लेकर आयोग में मामला दर्ज कराया था. आवेदिका के पति शासकीय विद्यालय में शिक्षक है. जिसका अवैध संबंध उसी विद्यालय में नियुक्त शिक्षिका के साथ था. जो दोनों अनावेदकों द्वारा कबुल किया. इसके साथ ही आवेदिका का पति पिछले 3 साल से अपनी पत्नी और बच्चों से अलग रह रहा है. आवेदिका के 12 और 9 साल के दो बच्चे हैं. 62 हजार वेतन होने के बावजूद अपने बच्चों का भरण-पोषण नियमित खर्च उठाने आयोग ने अनावेदक में आनाकानी देखी. आयोग ने दोनों ही अनावेदकों को शासकीय सेवा में अवैध संबंध के जुर्मध होने की जानकारी पर सवाल किया. जिस पर दोनों ने ही जानकारी होना कबुल किया.
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया. छत्तीसगढ़ के आधे से ज्यादा मामले राजधानी से आते हैं. जिसमें लगातार अवैध संबंधों के मामले बढ़ रहे हैं. आयोग का पहला मामला ऐसा था. जिसमें शासकीय सेवा में कार्यरत अनावेदकों ने अवैध संबंध कबूला है. शासकीय सेवा में रहते हुए अवैध रिश्तों में रहना कानूनी जुर्म है और आवेदिका का मामला साबित होने पर आयोग ने मामले में सख़्ती दिखाते हुए अनावेदकों के मुंगेली और बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबन के लिए पत्र भेजा गया. दोनों के खिलाफ जांच की जाएगी और आगे चलकर दोनों शासकीय कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया जा सकता है.
शासकीय सेवा में रहते हुए अवैध रिश्तों में रहना कानूनी अपराध : किरणमयी
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