देर रात नक्सली बताकर 70 वर्षीय बुजुर्ग समेत 6 ग्रामीणों की गिरफ्तारी!, आक्रोशित आदिवासी ग्रामीण पहुंचे थाने, दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
Late night arrest of 6 villagers including a 70 year old man on the pretext of calling them Naxals!, Angry tribal villagers reached police station, warned of violent agitation

कांकेर : कांकेर में पुलिस ने शनिवार-रविवार की रात मुरागांव के आश्रित ग्राम भैसगांव और टोंडामरका से नक्सली बताकर छह ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया. जिससे ग्रामीणों में गुस्सा फैल गया. पुलिस के मुताबिक ये सभी 2015 से फरार नक्सली आरोपी थे. जिन्होंने ग्राम भैसगांव और टोंडामरका में तीन ग्रामीण परिवारों के साथ मारपीट कर उन्हें धमकी दी थी और गांव छोड़ने पर मजबूर किया था. गुरुवार को इस घटना के विरोध में कोतवाली थाने में ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई.
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने 70 साल चंदन के ग्रामीण को भी गिरफ्तार किया है. ये सभी खेती-किसानी करने वाले निर्दोष किसान हैं. और किसी भी नक्सली गतिविधि में शामिल नहीं हैं. जिला पंचायत सदस्य मृदुला भास्कर ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस ने कांकेर, कोरर और आमाबेड़ा थाने के अलावा पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक चक्कर कटवाया. लेकिन ग्रामीणों की गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया गया.
पूर्व जिला पंचायत सदस्य नरोत्तम पडोटी ने कहा कि दो गांवों के छह ग्रामीणों को बिना किसी ठोस सबूत के नक्सली होने का आरोप लगाकर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस घटना की जानकारी लेने के लिए पूरे क्षेत्र के ग्रामीण कांकेर पहुंचे. लेकिन अब तक उन्हें कोई साफ जानकारी नहीं मिल सकी.
पुलिस ने एनआईए टीम के आने का हवाला दिया. लेकिन गिरफ्तार ग्रामीणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. पडोटी ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर रविवार तक पुलिस ने स्थिति साफ नहीं की. तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि गिरफ्तार किए गए ग्रामीण खेती-किसानी करने वाले आम नागरिक हैं. जिन्हें नक्सली बताकर फंसाया जा रहा है. पकड़े गए लोगों में टोंडामरका के 70 साल के चंदन सिंह सलाम, सन्तु राम हुपेंडी और कार्तिक राम उसेण्डी शामिल हैं. भैसगांव से सोमारु राम कावड़े, फूलसिंह कावड़े और लक्ष्मण नुरेटि को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस के अनुसार, ये सभी 2015 से फरार नक्सली आरोपी थे, जिन्होंने ग्राम भैसगांव ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर रविवार तक पुलिस ने जानकारी नहीं दी. तो वे उग्र आंदोलन करेंगे. स्थानीय नेताओं का कहना है कि पहाड़ी क्षेत्र के ये ग्रामीण नक्सली नहीं हैं.
वहीं, पुलिस ने ग्रामीणों को समझाइश देते हुए बताया कि संदिग्ध गतिविधियों की खबर के आधार पर ही लोगों को पकड़ा गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. पुलिस के मुताबिक जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों को आश्वासन दिए जाने के बाद वे वापस लौट गए. लेकिन इस घटना से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है.
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