महिला शक्ति की नई पहल, शराबबंदी के लिए महिला कमांडो दल का गठन, रजनी निषाद बनीं अध्यक्ष, गांव को शराब मुक्त करने महिलाओं ने छेड़ी मुहिम
New initiative of Mahila Shakti, formation of women commando team for prohibition of liquor, Rajni Nishad became president, women started campaign to make the village liquor free

बिलासपुर : कारिछापर, जुहली, मड़ई, खम्हरिया, गुड़ी के बाद अब रांक गांव की महिलाएं नशे के खिलाफ लामबंद हो रही हैं. गांवों को नशामुक्त बनाने टीआई के जनचौपाल का प्रभाव क्षेत्र में पड़ता जा रहा है. गांव में शांति व्यवस्था कायम रहे इसे लेकर महिलाएं इस मुहिम को चलाने आगे आ रहे हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक 9 जून 2025 को कसडोल विकास खंड के राजादेवरी थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत रिकोकला ने समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. गांव को एक आदर्श ग्राम बनाने शराबबंदी को प्रभावी रुप से लागू करने के लिए महिला कमांडो दल का गठन किया गया.
इस दल की अध्यक्षता रजनी निषाद को सौंपी गई है. सरपंच राज दीवान, उपसरपंच कंचन हिरा दीवान और ग्राम पंचायत के सभी पंचों के नेतृत्व में यह पहल शुरु की गई है. जिसका मकसद गांव को शराब मुक्त और विवाद रहित बनाना. पिछले कुछ समय से रिकोकला गांव में अवैध शराब निर्माण और सेवन की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. जिससे सामाजिक ताना-बाना प्रभावित हो रहा है. महुआ और अंग्रेजी शराब के नशे की गिरफ्त में युवा और विवाहित पुरुष आ चुके हैं. जिससे घरेलू हिंसा, झगड़े और गांव में अशांति की हालत बन गई है. इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पंचायत ने एक निर्णायक कदम उठाया गया.
गांव में पहले ही एक आम सभा आयोजित कर यह फैसला लिया गया था कि शराब पीने वालों पर ₹10,000 और शराब बनाने या बेचने वालों पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया जाएगा. अब इस फैसले को सख्ती से लागू करने के लिए गांव की महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया है. महिला कमांडो अब घर-घर जाकर लोगों को जागरुक करेंगी. साथ ही शराब के अवैध निर्माण और बिक्री पर निगरानी रखेंगी.
सरपंच राज दीवान ने कहा कि हमारा मकसद गांव को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करना है. महिलाएं जब किसी सामाजिक बदलाव की अगुवाई करती हैं तो उसका प्रभाव दीर्घकालिक और गहरा होता है. इस मुहिम में पूरे गांव को साथ लेकर चलना ही हमारी जीत होगी. यह पहल न सिर्फ ग्राम रिकोकला के लिए, बल्कि पूरे कसडोल क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा बन सकती है. जब महिलाएं समाज सुधार की बागडोर संभालती हैं. तो बदलाव निश्चित होता है.रिकोकला की नारी शक्ति अब नशे के खिलाफ परिवर्तन की आवाज बन गई है.
विक्रम प्रताप सूर्यवंशी ने कहा कि कच्ची महुआ शराब की बिक्री यहां चरम पर है. इसके चलते गांव के कई नौजवानों को अपना जान गवाना पड़ा. युवा नशे की गिरफ्त में आते जा रहे हैं. इस गांव के लिए नशा एक बड़ा रुप ले चुका है. यहां नशे के चलते मर्डर तक की नौबत आ रही है. चाहे जो करना पड़े हम करेंगे. लेकिन शराब गांजा बन्द कराएंगे. किसी भी मोहल्लों या घरों में शराब शराब बेचते या पीते को इसकी शिकायत जरुर करें. हम सभी एकजुट होकर ग्राम को नशामुक्त बनाएंगे.
टीआई गोपाल सतपथी ने ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नशा केवल व्यक्ति विशेष को ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करता है. गांव के इस मुहिम को सुनकर मेरा मन गदगद हो गया. इस मुहिम को कामयाब बनाने सामाजिक जागरुकता एक महत्वपूर्ण कार्य है. शराब के चलते घर का जेवर तक बिक जा रहे है. इसके कारण कई परिवार आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याओं और सामाजिक तिरस्कार का सामना करते हैं. गांव को नशामुक्त बनाने आप सभी को कठोर संघर्ष करना पड़ेगा. इस मुहिम के लिए युवा वर्ग को आगे आने की जरुरत है। इसके लिए महिलाओं व युवावों को एक होने की जरुरत है. झूठा ताली के दोष , रात के थाली के दोष, प्याली के दोष से युवा साथी दूर रहे.
मंच पर प्रमुख रुप से जनपद सदस्य रेवाशंकर साहू, उपसरपंच प्रतिनिधि सुरेश राठौर, मंगलू प्रसाद राठौर, श्यामकार्तिक सूर्यवंशी, एनएसयूआई सीपत ब्लॉक के अध्यक्ष प्रितेश पनौरे, रामफल राठौर, पूर्व उपसरपंच मीना देवी कैवर्त सहित अन्य मौजूद रहे.
इस मुहिम में पंच प्रमोद साहू, अभिषेक अवस्थी, रुपसिंह डड़सेना, कविता डड़सेना, पिंकी सोनी, अनुसूईया दीवान, देवला ध्रुव, रेखराम दीवान, उमा ठाकुर, जमुना सोनवानी, राधे ठाकुर सहित ग्राम कोतवाल संकट मोचन सूर्यवंशी की अहम भूमिका रही.
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