अवैध रेत खदान में कवरेज करने गए पत्रकारों को जान से मारने की कोशिश, पुलिस बल के साथ मोके पर पहुंचे SDM, 3km दौड़कर बचाई जान, चार गिरफ्तार
Attempt to kill journalists who went to cover illegal sand quarry, SDM reached the spot with police force, saved their lives by running 3km, four arrested

गरियाबंद/राजिम : गरियाबंद जिले मे अवैध तरीके से रेत खदान चलाने वालों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि कवरेज करने गए पत्रकारों पर हमला करने, मारपीट करने में भी उन्हें कोई गुरेज नहीं घटना पिताईबंद में हुई जहां पहले बहस और मारपीट के बाद हालत ऐसी हो गई कि पत्रकारों को जान बचाने कई किलोमीटर पैदल भागना पड़ा और आख़िरकार खेत की झाड़ियां में छिपकर जान बचाने प्रशासन से वीडियो भेजकर गुहार लगानी पड़ी. बड़ा सवाल यह कि इतना सब करने की हिम्मत खदान माफिया को किसके संरक्षण से मिल रही है? कौन है इसका असली जिम्मेदार?
राजिम के सुंदरलाल शर्मा चौक एकजुट पत्रकारों की आवाज़ से गूंज उठा. रेत खदान में रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों पर हुए हमले के विरोध में पत्रकारों ने मोर्चा खोल दिया। स्वतंत्र पत्रकारिता पर हुए इस हमले के खिलाफ दर्जनों मीडियाकर्मी धरने पर बैठ गए. और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की.
“पत्रकारों को चुप नहीं कराया जा सकता” – नारों से गूंजा चौक
घटना से आक्रोशित पत्रकारों ने हाथों में तख्तियां लेकर नारेबाजी की –
“पत्रकारों पर हमला नहीं सहेंगे”,
“रेत माफिया मुर्दाबाद”,
“स्वतंत्र प्रेस की हत्या बंद करो।”
1️⃣ हत्या के प्रयास की धाराएं: हमला केवल साधारण नहीं था, फायरिंग और हथियारों के साथ की गई यह घटना हत्या के इरादे से की गई थी.
2️⃣ खनिज अधिकारी रोहित साहू को हटाओ: लगातार फोन किए जाने के बावजूद मौके पर न पहुंचने वाले खनिज अधिकारी की भूमिका संदेह के घेरे में है.
3️⃣ अवैध खदानें बंद करो: गरियाबंद जिले में संचालित सभी अवैध रेत खदानों को तत्काल प्रभाव से सील किया जाए.
गरियाबंद राजिम का सुंदरलाल शर्मा चौक इस वक्त मीडिया के रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. पितईबंद में रेत माफियाओं द्वारा पत्रकारों पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में गरियाबंद जिले के सभी पत्रकार धरने पर बैठ गए. हर आंख में आक्रोश, और हर नारे में इंसाफ की मांग नजर आई.
सुंदरलाल शर्मा चौक पर पत्रकारों ने काला बिल्ला, पोस्टर, और लाइव कवरेज के साथ विरोध प्रदर्शन किया। और सभी की नजरें अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा पर टिकी हैं. क्या पत्रकारों की कलम को रेत माफिया की बंदूक से कमजोर समझा जाएगा? या फिर अब होगा बड़ा एक्शन?
सोमवार राजिम क्षेत्र के पितईबन्द क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन की जानकारी जुटाने गये पत्रकारों को रेत माफिया के गुर्गों ने धमकाया. उनके साथ मारपीट कर जान से मारने की कोशिश की. पत्रकारों ने भागकर अपनी जान बचाई. इस घटना से जिला व प्रदेश के पत्रकारों में बेहद नाराजगी है. सैकड़ों पत्रकारों ने राजिम बस स्टैंड के पास जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार को दोपहर राजिम से 5-7 किमी दूर पिताईबंद में चल रहे अवैध रेत खनन और परिवहन की न्यूज कवरेज करने गए पत्रकारों पर रेत खदान चला रहे हैं दबंगईयों ने जानलेवा हमला कर दिया था. पहले पत्रकारों को कवरेज करने से रोका. उनके साथ बदसलूकी की और फिर मारपीट कर दी. पत्रकारों को मौके से किसी तरह जान बचाकर भागना पड़ा. इस दौरान दबंगईयों ने उनके बाइक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. सोशल मिडिया में पत्रकारों के साथ हुई घटना का विडियो सामने के बाद पूरा प्रशासन सकते में आ गया.
इस मामले की जानकारी पत्रकार ईमरान ने किसी तरह व्हाट्सएप ग्रुप में लाइव आकर जिला प्रशासन को दी. मामला गंभीर होने के चलते कलेक्टर बीएस उइके और पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा के निर्देश में राजिम एसडीएम विशाल महाराणा तत्काल राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम के साथ मौके पर पहुंचे.
पहले उन्होंने पत्रकारों को सुरक्षित स्थान में पहुंचाया और फिर तत्काल अवैध रेत घाट के खिलाफ कार्रवाई की. मौके पर दो चैन माउंटेन मशीन को जप्त किया गया. इसके अलावा अवैध रेत परिवहन में संलिप्त दो हाईवा भी जप्त की गई. राजिम थाने में पत्रकारों के द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई.
प्रार्थी नेमीचंद बंजारे और उनके साथी जितेन्द्र सिन्हा, शेख इमरान, थानेश्वर बंजारे, आदी चक्रधारी के साथ झगड़ा विवाद और मारपीट करने का आरोपियों के खिलाफ BNS की धाराओं में मामला दर्ज कर मामला जांच में लिया गया.जिले के अन्य पत्रकारों के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों से फौरन कार्यवाही की मांग की गई.
इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की खोजबीन शुरु की.
इस मामले की गंभीरता को देखते हुये वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा थाना प्रभारी राजिम को आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के लिए में दिशा निर्देश दिया गया.
महज कुछ ही घंटे में घटना में रायपुर की तरफ भाग रहे चारों आरोपी उत्तम भारती पिता स्व आशाराम भारती उम्र 22 साल, मयंक सोनवानी पिता स्व देवनाथ सोनवानी उम्र 19 साल, चंद्रभान बंजारे उर्फ भानु पिता ईतवारी राम उम्र 27 साल साकिनान पितईबंद थाना राजिम जिला गरियाबंद और शशांक गरड उर्फ शानु रॉव पिता दानी राम रॉव उम्र 23 साल साकिन चंगोराभाठा रायपुर थाना डी.डी. नगर रायपुर जिला रायपुर को पुलिस टीम के द्वारा घेराबंदी कर धर दबोचा गया.
रोपियों के खिलाफ अलग से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही भी की जा रही है. इधर जिला प्रशासन द्वारा भी अवैध रेत परिवहन की शिकायत पर दो चैन माउंटेन गाड़ी और दो हाइवा को जप्त किया गया.
एसडीएम विशाल महाराणा ने बताया कि पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना के बाद दो चैन माउंटेन मशीन और दो युवक को जप्त किया गया है. पुलिस एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है. मारपीट में शामिल चारों आरोपी गिरफ्तार किया जा चुके हैं.
आखिर किस राजनेता के इशारे पर चल रहा है रेत का ये अवैध कारोबार?” अगर पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं. और पुलिस माफियाओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही तो साफ है कि:???? रेत माफिया को कहीं ना कहीं सत्ता का संरक्षण मिल रहा है.????️♂️ अब कुछ अहम सवाल जो जनता पूछ रही है:
1. क्या गरियाबंद में कोई स्थानीय विधायक या पूर्व मंत्री इस रेत कारोबार का “मूक समर्थन” कर रहा है?
2. क्या खनिज विभाग और पुलिस विभाग ऊपर से दबाव में है. इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही है?
3. क्या इस खेल में कांग्रेस, भाजपा या किसी अन्य पार्टी के नेता सीधे या परोक्ष रुप से जुड़े हैं?
???? No Chaatukaarita की खुली चुनौती:> “अगर प्रशासन और नेता नहीं बताएँगे कि इस अवैध कारोबार के पीछे कौन है. तो हम नाम लेकर सामने लाएँगे. दस्तावेज़ों और गवाहों के साथ.”
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