छत्तीसगढ़ में सीमेंट के दरों में बेतहाशा वृद्धि, कांग्रेस करेगी आज धरना प्रदर्शन, भाजपा सरकार में बेटी पढ़ाओ नहीं बल्कि डराओ नीति चल रही

Wild increase in cement rates in Chhattisgarh Congress will protest today the policy of scare and not educate daughters is going on in the BJP government

छत्तीसगढ़ में सीमेंट के दरों में बेतहाशा वृद्धि, कांग्रेस करेगी आज धरना प्रदर्शन, भाजपा सरकार में बेटी पढ़ाओ नहीं बल्कि डराओ नीति चल रही

प्रदेश सरकार चाहती है कि अन्याय के खिलाफ कोई आवाज ना उठाए और अगर उठाया तो जेल जाए

बिलासपुर : बुधवार को बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभयनारायण राय, एनएसयूआई के मणि वैष्णव, राहुल जायसवाल,राजू यादव ने कहा कि प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार चाहती है कि अन्याय के खिलाफ कोई आवाज ना उठाए और अगर उठाया तो जेल जाए. इस बात को साय सरकार बार-बार जनता को याद दिला रही है. चाहे सतनामी समाज के लिए आवाज उठाने वाले विधायक देवेंद्र यादव की बात हो चाहे हसदेव बचाने की मांग करने वाले आदिवासियों की बात हो या फिर मासूम छात्राओं के लिए आवाज उठाने वाले राहुल हंसपाल की बात हो.
बिलासपुर के पचपेड़ी छात्रावास में जो घटना हुई वह बेहद दुखद है. खराब भोजन की शिकायत करने पर अधीक्षिका बच्चियों को बाथरुम के विडियो वायरल करने की धमकी देती है. बच्चे इसके खिलाफ धरने पर बैठते हैं तो तहसीलदार जेल भेजने की धमकी देती है.
मामले को संज्ञान में लेकर एनएसयूआई के छात्र नेता बच्चों के बीच पहुंचते हैं तो इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाती है. छात्राओं को जेल भेजने की धमकी देने वाली तहसीलदार का विरोध करने पहुंचे छात्रनेता पर FIR दर्ज कर दी जाती है.
उन्होंने कहा कि बिलासपुर के मस्तूरी विधानसभा अंतर्गत छात्रावास में छात्राओं द्वारा चक्काजाम और महिला तहसीलदार द्वारा छात्राओं को जेल भेजने का वीडियो वायरल होने के अन्य के खिलाफ फर्जी मामलों में FIR दर्ज कर दी गयी. बाद वहाँ विरोध करने पहुँचे NSUI छात्रनेता राहुल हँसपाल व छात्रनेता छात्राओं के साथ मिलकर बी ओ शिवराम टंडन, तहसीलदार माया आंचल और छात्रावास अधीक्षिका संगीता टंडन को निलंबित करने की मांग और छात्रावास में सुरक्षा की मांग कर रहे थे.
विरोध प्रदर्शन और धमकी की वीडियो वायरल होने के बाद छात्रावास अधीक्षिका को निलंबित तो कर दिया गया. मगर कुछ देर बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा पचपेड़ी थाना में कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई. जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए FIR भी दर्ज कर दी गयी. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को 5 घंटे थाने में बिठाने के बाद मुचलके में रात 10 बजे छोड़ा गया.
साय सरकार को अगर अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने से इतनी ही परेशानी है तो उन्हें लिखित तौर पर एक सरकारी आदेश जारी कर देना चाहिए कि साय सरकार के खिलाफ कोई भी आवाज ना उठाये. भाजपा की साय सरकार कितना भी दमन करने का प्रयास कर ले. कांग्रेस के लोग जनता के साथ खड़े हैं और उनके हक के लिए आवाज उठाने के लिए सब कुछ सहने को तैयार हैं.
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छत्तीसगढ़ में सीमेंट के दरों में बेतहाशा वृद्धि : सुनील सिंह

रायपुर : छत्तीसगढ़ में जब से डबल इंजन की सरकार बनी है. छत्तीसगढ़ की जनता चक्की के दो पाटों के बीच पीस रही है. जहां एक तरफ अपराधों से हर वक्त जनता को जूझना पड़ रहा है. वहीं बढ़ती महंगाई भी जनता को परेशान कर रही है. सीमेंट के कीमतों में एक चौथाई की भारी भरकम वृद्धि कर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने यह साबित कर दिया है कि सरकार कमीशन खोरी और मुनाफाखोरों की सरकार है.
सीमेंट उत्पादन के लिए तमाम कच्चा माल लाइमस्टोन हमारे छत्तीसगढ़ का हमारा कोयला हमारी जमीन हमारी बिजली और सीमेंट हमें महंगे दामों पर खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसा काम भारतीय जनता पार्टी भी कर सकती है. छत्तीसगढ़ में विष्णु भोग के लिए विष्णु देव साय की सरकार में आम जनता से प्रति बोरी ₹50 अतिरिक्त दाम वसूली जा रही है सीमेंट के दर अचानक बढ़कर 260 से 310 रुपए प्रति बोरी कर दी गई है. लेकिन छत का वादा करने वाली सरकार छत्तीसगढ़ शासन में भवन निर्माण सामग्रियों की लगातार वृद्धि कर रही है. सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी मध्यम वर्गीय परिवारों के अपने घरों के सपनों पर करारी चोट है. पीएम आवास योजना पर इससे विपरीत का असर पड़ेगा. देश और प्रदेश के विकास इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में सीमेंट अत्यंत आवश्यक है. सीमेंट के दाम में वृद्धि से निजी के साथ-साथ सरकारी प्रोजेक्ट की लागत बढ़ेगी रियल एस्टेट सेक्टर में भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2014 की तुलना में आधा है. फिर भी डीजल पेट्रोल का दाम दोगुना वसूला जा रहा है. भूखंडों की रजिस्ट्री में 30% की छूट प्रदेश की भाजपा सरकार ने खत्म कर दी है. बिजली बिल दुगना आ रहा है. और सीमेंट किस तरह से बढ़ती कीमतें महंगाई की मार सीधे जनता पर पड़ रही है.
कांग्रेस पार्टी ने यह मांग किया है कि सीमेंट पर बढ़ी हुई दरों को सरकार वापस ले और सीमेंट को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कमोडिटी की तरह सूची में शामिल करें. इन्हीं मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार के जनविरोधी नीतियों रवैया के विरोध में जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन आगामी 12 सितंबर 2024 को किया जाना है. जो हमारे जिले में भी आयोजित होगी. कांग्रेस द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी महामंत्री जितेंद्र गुप्ता भी मौजूद थे.
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बिलासपुर : हाल ही में सीमेंट  के दामों में अचानक हुई वृद्धि ने प्रदेश में सियासी बहस छेड़ दी है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के  बिलासपुर प्रभारी, सुबोध हरितवाल, ने सीमेंट की कीमतों में 50 रुपए प्रति बोरी की वृद्धि पर कड़ा विरोध जताया है और इसे प्रदेश की जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ करार दिया है। उन्होंने यह सवाल उठाया है कि यह वृद्धि किस प्रकार का टैक्स है और सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इसे ‘विष्णुभोग टैक्स’ कहें या ‘चौधरी टैक्स’?
छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक राज्य है, जहां हर महीने लगभग 30 लाख टन से अधिक सीमेंट का उत्पादन होता है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि प्रदेश की भाजपा सरकार के संरक्षण में सीमेंट की कीमतों में इस प्रकार की अचानक वृद्धि जनता के साथ अन्याय है। हरितवाल का कहना है कि इस वृद्धि से राज्य के नागरिकों, विशेषकर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर सीधा आर्थिक बोझ पड़ेगा। उनके अनुसार, सीमेंट के दाम में 50 रुपए प्रति बोरी की वृद्धि से प्रदेश के विकास कार्यों, विशेषकर आवास योजना और इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण परियोजनाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा.
हरितवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के शासन में भवन निर्माण सामग्रियों की कीमतों में निरंतर वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीनों में रेत के दाम चार गुना, स्टील की कीमतें दुगनी हो चुकी हैं, और अब सीमेंट की बढ़ती कीमतों ने लोगों के घर बनाने के सपनों पर गहरा असर डाला है। यह वृद्धि न केवल निजी निर्माण परियोजनाओं बल्कि सरकारी निर्माण कार्यों की लागत को भी बढ़ाएगी, जिससे सड़क, पुल, भवन और अन्य बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
सीमेंट उद्योग और रियल एस्टेट क्षेत्र में सीमेंट की कीमतों का सीधा असर दिखता है। हरितवाल के अनुसार, कृषि के बाद रियल एस्टेट रोजगार सृजन में दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। लेकिन सीमेंट की कीमतों में इस अप्रत्याशित वृद्धि से रियल एस्टेट व्यवसाय की कमर टूटने का खतरा है, जिससे हजारों लोगों के रोजगार पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर सीमेंट की मूल्य वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि सीमेंट को ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम’ के तहत सूचीबद्ध किया जाना चाहिए ताकि इसके दाम नियंत्रित किए जा सकें और जनता को अनियंत्रित मूल्य वृद्धि से बचाया जा सके। इसके साथ ही, कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि डबल इंजन की सरकार जनता के हितों की अनदेखी कर रही है और इसे लूटने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है.
हरितवाल ने यह भी कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने 28% जीएसटी लगाकर पहले से ही भारी बोझ डाल रखा है और अब प्रदेश सरकार के संरक्षण में सीमेंट की कीमतों में वृद्धि जनता पर एक और चोट है। उन्होंने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 2014 की तुलना में कम होने के बावजूद, पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए जा रहे हैं.
सुबोध हरितवाल के साथ बिलासपुर के अन्य कांग्रेस नेता जैसे जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, विधायक अटल श्रीवास्तव, पूर्व विधायक शैलेश पांडेय, महापौर रामशरण यादव, और प्रदेश प्रवक्ता अभय नारायण राय मौजूद रहे.
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मो. अकबर के खिलाफ एफआईआर भाजपा सरकार की खीझ

रायपुर : पूर्व मंत्री मो. अकबर के खिलाफ किये गये एफआईआर को कांग्रेस ने भाजपा सरकार का राजनैतिक षड़यंत्र बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता मो. अकबर के खिलाफ भाजपा सरकार ने गलत और विद्वेषपूर्वक मुकदमा दर्ज कराया है। भाजपा सरकार 8 महीने में ही अलोकप्रिय हो चुकी है। सरकार से कानन व्यवस्था नहीं संभल रही है। बिगड़ते कानून व्यवस्था के कारण सरकार की बदनामी हो रही है. अतः सरकार खीझ में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ षड़यंत्रपूर्वक झूठे मुकदमे दर्ज कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश के खिलाफ विद्वेषपूर्वक मुकदमा दर्ज किया गया. विधायक देवेन्द्र यादव को जेल भेजा गया. अब पूर्व मंत्री के खिलाफ बिना किसी आधार के एफआईआर दर्ज किया गया है.
पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के खिलाफ एफआईआर को घिनौना राजनैतिक षड़यंत्र करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि अपनी नाकामी पर परदेदारी करने के लिए भाजपा की सरकार के इशारे पर पूर्व मंत्री के खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है. बिना जांच के पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना राजनैतिक षड़यंत्र का प्रमाण है. जब नौकरी लगने के नाम पर ठगी के मामले में आरोपी देवेंद्र के खिलाफ डोंडी थाने, जिला बालोद में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी. उसमें मोहम्मद अकबर का नाम नहीं था. जब डोंडी थाने के थाना प्रभारी के नाम पर मृतक देवेंद्र ने लिखित कथन दिया था उसमें तक मोहम्मद अकबर का नाम नहीं था. फिर अचानक एक सुसाइड नोट आता है. जिसमें ना नाम है. ना तिथि है. बिना जांच के उस संदिग्ध पत्र के आधार पर पूर्व मंत्री पर एफआईआर दर्ज करना भाजपा सरकार के प्रशासनिक आतंकवाद और दमनकारी नीतियों का प्रमाण है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि साय सरकार की पुलिस के द्वारा अगर नौकरी लगने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी के खिलाफ समय रहते कार्यवाही कर ली गई होती. आरोपी को समय पर गिरफ्तार कर लेते तो पीड़ितों को भी न्याय मिल गया होता और देवेंद्र की आत्महत्या जैसी घटना भी शायद नहीं होती. अपनी नाकामी को छुपाने के लिए भाजपा की सरकार कांग्रेस के नेताओं पर दुर्भावनापूर्वक एफआईआर करना भाजपा के प्रशासनिक आतंकवाद का प्रमाण है.
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पूर्व मंत्री मो. अकबर के खिलाफ एफआईआर सरकार का राजनीतिक षडयंत्र -बघेल

रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि पूर्व मंत्री मो. अकबर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। यह दुर्भाग्य जनक है बिना जांच किये एफआईआर दर्ज किया गया है। इस मामले में मृतक ने थाने में जो आवेदन दिया है उसमें कहीं मो. अकबर का नाम नहीं है। पुलिस जिस सुसाईड नोट की बात कर रही है, उसमें भी मृतक के हस्ताक्षर नहीं है। बिना हैंड राईटिंग एक्सपर्ट की राय के बिना पत्र के हस्ताक्षर मिलाये कैसे एफआईआर दर्ज किया गया यह सरकार का षडयंत्र है।
बिना हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराए आप एफआईआर नहीं कर सकते। इतनी जल्दी कैसे कर ली जबकि दूसरे तरफ संतोष पटेल दोंदेकला निवासी धरसींवा विधान सभा वह सुसाइड नोट लिखकर मरा है। भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता आत्महत्या कर लिया उसके सुसाइड नोट सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहा है। उसके लिए कांग्रेस पार्टी ने भी और पटेल समाज ने भी धरना दिया। लेकिन आज तक के वह सुसाइड नोट सार्वजनिक नहीं हुआ। परिवार और मृतक के परिवार के लोग मांग रहे है उसको नहीं दिए तो इसका मतलब यह है कि आप निष्पक्ष नहीं हूं पुलिस को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए।
9 महीने में भारतीय जनता पार्टी के पास बताने के लिये कुछ नहीं है। सरकार के पास बताने के लिये कुछ नहीं है और न ही पार्टी के पास बताने के लिये कुछ नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद और विधायक खुद चिट्ठी लिखने लग गये है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल, सांसद विजय बघेल, विधायक पुरंदर मिश्रा चिट्ठी लिख रहे है। सरकार अपने सरकार से निराश हाथ लग रही है तो इनके पास बताने के लिये कुछ नहीं है और लोगो के ध्यान भटकाने के लिये है। पूर्व मंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ कार्यवाही, कभी मो. अकबर के खिलाफ कार्यवाही, कभी डॉ. शिवकुमार डहरिया और देवेन्द्र यादव के खिलाफ कार्यवाही करते है। यह हमारे कांग्रेस नेता के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर करने का और जेल भेजने और गिरफ्तार करने और उसके खिलाफ मीडिया में चलाने यह भाजपा सरकार का काम हैं।
सरकार द्वारा धान खरीदी के लिये लोन लेने पर उन्होंने कहा कि पहले कहते थे केन्द्र धान खरीदती है अब क्यों लोन ले रहे? पहले झठ बोले थे या अब झूठ बोल रहे है। राज्य सरकार जो मार्कफेड को गांरटी देती है और मार्कफेड उसी के आधार पर लोन देती है बैंक से, बाजार से लोन देती है। धान खरीदती है राज्य सरकार और मीलिंग करने बाद उसको केन्द्र सरकार को देती है। केन्द्र सरकार तय करती है कि वो कितना टन चावल लेंगे। भारतीय जनता पार्टी फस चुकी है कि 37000 करोड़ धान खरीदी का कर्ज ले रहे हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयानो पर उन्होंने कहा कि भाजपा को बुरा लगता है राहुल गांधी देश की बेरोजगारी की बात करते है। अब तक का सबसे दुर्भाग्यजनक बात तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। उन्होंने कहा विदेश की धरती में जाकर मेरा दुर्भाग्य है कि भारत में पैदा हुआ इससे ज्यादा भारत विरोधी कोई दूसरा बयान मिल सकता है। इससे बड़ा बयान दूसरा नहीं हो सकता है जो बोलते हैं कि इस मिट्टी में पैदा होना उनका दुर्भाग्य था जिस मिट्टी ने उसको मुख्यमंत्री बनाया प्रधानमंत्री बनाया उसके बारे में सब भारत भूमि में तो देवता भी जन्म लेने के लिए तरसते हैं जहां वे प्रधानमंत्री ये बोलते हैं कि मेरा दुर्भाग्य उसके बारे में विष्णु जी हो और कोई भी हो.
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भाजपा सरकार में बेटी पढ़ाओ नहीं बल्कि डराओ नीति चल रही

रायपुर : प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने तहसीलदार माया अंचल के द्वारा बेटियों को जेल भेजने की धमकी देने की कड़ी निंदा की उन्होंने सरकार से कड़ी कार्यवाही की मांग की उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बेटी पढ़ाओ नहीं बल्कि बेटियों को डराओ नीति पर काम कर रही।बेटियां पढ़ना चाहती है लेकिन स्कूल में शिक्षक नहीं है हॉस्टल में सुविधा नहीं है और जब बेटियां स्कूल के लिए शिक्षक और हॉस्टल के लिए सुविधाओं की मांग करती है तब भाजपा सरकार में उन बेटियों को वीडियो जारी करने की धमकी देकर डराया जाता है उन्हें जेल भेजने की धमकी दी जाती हैं। छात्रो के पक्ष में खड़े होने वाले कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के नेता, कार्यकर्ताओं के खिलाफ यह सरकार दुर्भावनापूर्वक एफआईआर करती है। राजनांदगांव के डीईओ ने शिक्षक की मांग करने पर बेटियों को जेल भेजने की धमकी दिया था। इस मामले में माननीय न्यायालय ने भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। बिलासपुर जिला के तहसीलदार माया अंचल ने पचमढ़ी हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्राओं को जेल भेजने की धमकी दी। राजधानी रायपुर के प्राथमिक शाला पंडरी में मासूम बच्चीयों के साथ यौन शोषण के मामले में प्रशासन लीपापोती करती रही, मामला दबाने का कुत्सित प्रयास किया गया, पीड़ित छात्राओं का विडियों वायरल होने पर विलंब से कार्यवाही हुई। भिलाई डीपीएस का मामला सर्वविदित है। गरियाबंद जिले के स्कूल में शिक्षक नहीं होने से छात्र एवं पालकों ने स्कूल में तालाबंदी कर दी। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था लचर हो गई है स्कूल में न शिक्षक है न हॉस्टल में सुविधा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 9 महीने में ही भाजपा की सरकार अलोकप्रिय हो चुकी है। सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ उठ रहे आवाज को दबाने के लिए तानाशाही रवैया अपना रही है लोकतंत्र की हत्या कर रही है । सरकार में बैठे लोगों में आलोचना सुनने का साहस नहीं है। विपक्ष और पत्रकार जब सरकार के कुशासन के खिलाफ जनता की आवाज उठती है आम लोगो के लिए सुविधा और सुरक्षा की मांग करती है तब विपक्षी दल के नेताओ कार्यकर्ताओं एवं पत्रकारों के खिलाफ षड्यंत्र रचकर फर्जी एफआईआर दर्ज की जाती है। पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखकर उन्हे फंसाया जाता है। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। 9 महीने में प्रशासनिक आतंक दिखने लग गया है।
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