अंबुजा अडानी सीमेंट प्लांट के मजदूर पर जानलेवा हमला, लाठी-डंडों से किया पीछा, वारदात कर मोटरसाइकिल सवार हमलावर फरार

Deadly attack on laborer of Ambuja Adani Cement Plant chased with sticks attacker riding motorcycle absconds after committing the crime

अंबुजा अडानी सीमेंट प्लांट के मजदूर पर जानलेवा हमला, लाठी-डंडों से किया पीछा, वारदात कर मोटरसाइकिल सवार हमलावर फरार

बलोदा बाजार/अर्जुनी : अंबुजा अदानी सीमेंट संयंत्र में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त और संयंत्र के अधिकारियों के लापरवाही की वजह से संयंत्र के तीसरे विस्तार परियोजना (प्रोजेक्ट) में लगे मजदूर पर रात अज्ञात लोगों के द्वारा चाकू से जानलेवा हमला कर फरार होने का मामला सामने आया. घटना संयंत्र के प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूर के कॉलोनी के बाहर रात्रि 8 से 8.30 बजे होने का बताया जा रहा है.
मोटरसाइकिल सवार थे हमलावर
मजदूर रात में भोजन कर मोबाइल से बात करते हुए मजदूर कॉलोनी के बाहर टहल रहा था कि तभी अज्ञात लोगों के द्वारा मोटर साइकिल से आकर मजदूर दिनेश कुमार 24 साल पर अचानक हमला कर दिया. जिसमें मजदूर दिनेश कुमार को गंभीर छोटे आना बताया जा रहा है. वारदात होने के बाद साथ में काम करने वाले मजदूरों द्वारा संयंत्र के आला अधिकारियों को इसकी खबर दी गई. इसके बाद पीड़ित को अंबुजा हॉस्पिटल लाया गया जहां से बलौदा बाजार स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया जाता है कि वारदात के बाद रात 12 बजे कुछ लोग कालोनी परिसर में और आए थे.
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी और भी वारदात
बता दें की पहले भी इस तरह की वारदात हो चुकी है. जिसमें स्थानीय मजदूर गौकरण साहू को कुछ लोगों द्वारा कॉलोनी परिसर में लाठी डंडे लेकर दौड़ाया गया था. जिसकी लिखित में शिकायत संयंत्र के अधिकारियो के पास दर्ज कराई गई थी. इसके अलावा कॉलोनी परिसर के आसपास कुछ लोगों के द्वारा बाहरी मजदूरों से मोबाइल लूटमार की वारदात भी हो चुकी है. शिकायत होने के बावजूद संयंत्र के अधिकारी मूकदर्शक बनीं हुए हैं. जो कि संयत्र का अपने मजदूरों के सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही को दर्शा रहा है.
दीगर राज्यों के हजारों मजदुर कार्यरत
संयंत्र के तीसरे विस्तार परियोजना प्रोजक्ट में लगभग दो से 3000 मजदूर यूपी, बिहार, झारखंड, राजस्थान, ओड़ीसा, बंगाल आदि अनेकों राज्यों से आकर काम कर रहे हैं. मजदूरों की रहने की व्यवस्था संयंत्र द्वारा ग्राम भद्रापाली के मुख्य मार्ग के पास कालोनी बनाकर दिया गया है.
मजदूरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि संयंत्र के कालोनी परिसर के आसपास कुछ लोगों के द्वारा गांजा शराब की बिक्री की जा रही है. जिसकी वजह से बाहरी लोग नशे के हालात में कॉलोनी परिसर के आसपास भटकते रहते हैं. जिसकी वजह से मजदूरों से वाद -विवाद की स्थिति भी पैदा हो गई है.
मंडराते रहता है खतरा
संयंत्र के अधिकारियो को इसके बारे में समय-समय पर मजदूरों द्वारा अवगत कराया गया है लेकिन संयंत्र द्वारा इस समस्या का निराकरण नहीं किया गया है. संयंत्र के मजदूर कॉलोनी के पास हमेशा और सामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है. जिससे मजदूरों के साथ मारपीट लड़ाई झगड़ा होने का खतरा हमेशा बना रहता है.
कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे
संयंत्र के मजदूर कॉलोनी में करीब 3000 मजदूर रहते हैं. जहां की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रहा है. कॉलोनी की सुरक्षा में सिर्फ 2 सुरक्षा गार्ड लगाया गया है. कॉलोनी परिसर में लाइट की व्यवस्था नहीं किया गया है. जिससे हमलावर रात में अंधेरे का फायदा उठाते हुए हमला कर भाग गए हैं. इसके अलावा कॉलोनी परिसर या कॉलोनी के रास्ते में सीसी कैमरा नहीं लगा हुआ है. कॉलोनी की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रहा है.
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संयंत्र में काम करने वाले बाहरी राज्य के आए हुए मजदूरों ने यह भी आरोप लगाया कि संयंत्र के अधिकारी स्थानीय लोगों को काम में नहीं रखते हैं. संयंत्र के इस प्रोजेक्ट में बाहरी राज्य से आए हुए मजदूरों की तादाद करीब 3000 है. वहीं स्थानीय लोगों की तादाद नाम मात्र है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों में बाहरी राज्य से आए हुए मजदूरों के प्रति काफी रोष व्याप्त है.
स्थानीय लोगों की अनदेखी
संयंत्र के अधिकारियों द्वारा स्थानीय लोगों को काम में नहीं रखने का खामियाजा बाहरी राज्य से आए हुए मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है. संयंत्र के प्रोजेक्ट में बाहरी राज्य से आए हुए मजदूरों के द्वारा घटना के दूसरे दिन सुबह 8 बजे संयंत्र में काम करने से मना करते हुए सुरक्षा व्यवस्था की मांग करते हुए कॉलोनी में ही रुके हुए थे.
एचआरएम हेड की दो टूक जवाब
जिसके फल स्वरुप संयंत्र के प्रोजेक्ट के एचआरएम हेड ज्योत्सना पांडे को मजदूर कॉलोनी में मजदूरों को समझाइस देते हुए कहना पड़ा कि आप लोग भी कुछ कम नहीं हो जब आपके कॉलोनी में सफाई के लिए सफाई कर्मी भेजा जाता है. तो पता चलता है कि आप लोगों के कॉलोनी के अंदर से भारी तादाद में शराब की खाली बोतले बरामद किया जाता है. शराब के नशे में आपस में कौन-कौन लड़ाई झगड़ा करता है. इसकी खबर मुझे भी है. वही मामले को शांत करने के बजाय संयंत्र के सुरक्षा प्रमुख हरवीर सिंह मामले में मूकदर्शक बने हुए दिखे.
इस बारे में तीसरे प्रोजेक्ट के हेड धर्मेंद्र सिंह भदोरिया ने कहा कि ज्योत्सना पांडे जी से बात कर लीजिए वही एच आर एम हेड है.
एच आर एम हेड ज्योत्सना पांडे को मिडिया ने फोन से संपर्क करने का प्रयास किया गया उन्होंने फोन का कोई जवाब नहीं दिया.
संयंत्र के क्लस्टर हेड दिनेश पाठक को मिडिया ने  फोन से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. बार बार जिम्मेदारों से संपर्क करने के बाद अपनी जवाबदेही को नजरअंदाज करने से यह प्रतीत होता है कि संयंत्र के अधिकारियों का अपने कर्मचारियों के सुरक्षा को लेकर लापरवाही पूर्ण रवैया को दर्शाता है.
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