किसान की आत्महत्या नहीं व्यवस्थागत हत्या, पीड़ित किसान परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए- किसान प्रतिनीधि मंडल
Farmer's suicide is not a systematic murder, victim farmer's family should be given Rs 50 lakh compensation - Kisan Pratinidhi Mandal

महासमुंद/राजिम : 10 मार्च 2025 की रात ग्राम- सिंघनपुर, तहसील- झलप, जिला- महासमुन्द (छ.ग.) के कृषक पुरण निषाद पिता सुधराम निषाद उम्र 55 साल द्वारा अपने खेत में स्थित नीम पेड़ में फांसी लगाकर खुदकुशी कर लिया था. जिसका पंचनामा और अंतिम संस्कार 11 मार्च को हुआ.
इस मामले में बुधवार को किसान प्रतिनीधियों का एक प्रतिनीधि मंडल पीड़ित परिवार मृतक की पत्नि पंचवती निषाद, पुत्र कुलेश्वर निषाद, टिकेश्वर निषाद और बडे़ भाई पुराणिक निषाद से ग्रामीणों हेमंत निषाद, हीरालाल साहू, प्रेम साहू आदि की मौजूदगी में मुलाकात कर हालात की पूरी जानकारी ली.
पीड़ित परिवार से मिली जानकारी के मुताबिक मृतक किसान के पास करीब पौने तीन एकड़ खुद की किसानी जमीन है और करीब दो एकड़ रेग में लेकर खेती किसानी करता था. जो इस साल रबी फसल धान बोया था. सिंचाई के लिए खुद के नाम स्थायी बिजली कनेक्शन है. पुराने बोर में मोटर पंप फंस जाने की वजह से उसमें दूसरा मोटर पंप लगाकर सिंचाई करता था. इस तरह खेती करने के लिए मृतक किसान द्वारा ग्रामीण बैंक शाखा झलप में करीब एक लाख पचपन हजार रुपये का केसीसी कर्ज हो गया. इसके अलावा करीब दो लाख रुपये साहूकारी कर्ज होना बताया है. बिजली की लो वोल्टेज की परेशानी की वजह से खेतों की सिंचाई पूरी नहीं होने की वजह से धान की फसल सुख रही थी. जिससे किसान बहुत ही ज्यादा परेशान रहता और अपने परिवार से हमेशा चर्चा किया करता था कि फसल नहीं होने से कर्ज कैसे चुकायेंगे. इस बात से यह माम्लुम होता है कि किसान कर्ज और लो वोल्टेज की परेशानी और फसल खराब होने की वजह से मानसिक रुप से ज्यादा ही परेशान था और मूल रुप से लो वोल्टेज बड़ी परेशानी है.
पीड़ित परिवार से मुलाक़ात के बाद प्रतिनिधि मण्डल ने कलेक्टर की गैरहाजिरी में अपर कलेक्टर रवि साहू जिला महासमुंद को पत्र देकर मांग किया कि सिर्फ पुरण निषाद ही नहीं बल्कि क्षेत्र के सभी किसान लो वोल्टेज की परेशानी से ग्रसित हैं. जिसके लिए जिम्मेदार बिजली विभाग है. इसलिए विभागीय अधिकारियों के खिलाफ हत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज कर संस्थागत हत्या माना जाकर पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया जाए.
बिजली विभाग राज्य सरकार के अधीन है. इसलिए राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को राशि पचास लाख रुपये मुआवजा प्रदान किया जाए. प्रतिनिधि मण्डल में जागेश्वर जुगनू चंद्राकर जिलापंचायत सदस्य महासमुंद क्रमांक 1, तेजराम विद्रोही प्रदेश महासचिव भारतीय किसान यूनियन (टिकैत ) छत्तीसगढ़ अमर अरुण चंद्राकर पूर्व क़ृषि सभापति एवं जिला पंचायत सदस्य महासमुंद क्रमांक 2 और पवन चंद्राकर सदस्य किसान संगठन खरोरा शामिल रहे.
प्रतिनिधि मण्डल ने बीस हजार रुपये की पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान किया. साथ ही जुगनू चंद्राकर ने सभी जिला पंचायत सदस्यों से अपील किया कि कम से कम एक महीने की मानदेय राशि पीड़ित परिवार को प्रदान कर मदद करें.
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