कोटवारों ने बेच दी जीविकोपार्जन के लिए शासन से मिली 300 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन, रजिस्ट्री हुई रद्द, राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई

Kotwars sold more than 300 hectares of land received from the government to earn their living registration cancelled major action by Revenue Department

कोटवारों ने बेच दी जीविकोपार्जन के लिए शासन से मिली 300 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन, रजिस्ट्री हुई रद्द, राजस्व विभाग की बड़ी कार्रवाई

गरियाबंद/देवभोग : गरियाबंद जिले में देवभोग तहसीलदार चितेश देवांगन ने एसडीएम कोर्ट से मिले निर्देश के परिपालन में देवभोग तहसील में बिक्री हो चुके 94.45 हेक्टेयर सेवा भूमि से क्रेताओं का नाम हटा कर राजस्व रिकार्ड में वापस सेवा भूमि दर्ज करने की कार्रवाई किया है. साथ ही सेवा भूमि के बी-वन में इसे अहस्तांतरणीय दर्ज किया है. ताकि भविष्य में इसकी बिक्री ना हो सके.
तहसीलदार देवांगन ने बताया कि एसडीएम कोर्ट से मिले निर्देश के बाद 38 गांव के कोटवारों द्वारा 184 खंडों में विक्रय किए गए भूमि से क्रेताओं का नाम विलोपित किया गया है.
इस मामले में एसडीएम तुलसी दास मरकाम ने बताया कि शासन से जारी निर्देश के आधार पर पिछले 7 महीने पहले मामला दर्ज कर सुनवाई किया गया. खरीददारों के नाम विलोपित होने के साथ स्वमेव रजिस्ट्री शून्य घोषित हो गई है. उच्च कार्यालय के निर्देश पर आवश्यक हुई तो शासन के निर्देश पर वाद दायर भी किया जायेगा. 2022 में हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य शासन ने कोटवारों को मिली सेवा भूमि की बिक्री मामले में संज्ञान लेना शुरु कर दिया था.
बेचीं गई जमीन को वापसी की यह कार्रवाई पूरे प्रदेश में चल रही है. गरियाबंद जिले के 6 तहसील में बेचे गए 300 हेक्टेयर से ज्यादा रकबे की वापसी सेवा भूमि के खाते में किया गया है. जिला भू अभिलेख अधिकारी अर्पिता पाठक ने इसकी पुष्टि की है.
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