9 महीने के बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स, फ्लोरिडा के समंदर में हुई स्प्लैश लैंडिंग, घेर सकते हैं ये रोग, जानें कैसे होगी रिकवरी

Sunita Williams returned to earth after 9 months, splash landing in the sea of ​​Florida, these diseases can surround you, know how recovery will happen

9 महीने के बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स, फ्लोरिडा के समंदर में हुई स्प्लैश लैंडिंग, घेर सकते हैं ये रोग, जानें कैसे होगी रिकवरी

नौ महीने से अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की धरती पर वापसी हो चुकी है. अंतरिक्ष यात्रियों को लाने के लिए स्पेस एक्स ने क्रू मिशन लॉन्च किया था. भारतीय समय के मुताबिक सुनीता विलियम्स बुधवार की सुबह करीब 3:27 बजे लौटीं. यान अमेरिका में फ्लोरिडा के तट के पास उतरा. स्पेस एक्स का ड्रैगन कैप्सूल जैसे ही अमेरिका के फ्लोरिडा में समुद्र तल पर उतरा नासा और स्पेस एक्स के केंद्र पर मौजूद वैज्ञानिकों और अन्य कर्मचारियों ने इस सफलता का तालियां बजाकर स्वागत किया.
सुनीता विलियम्स बिल्कुल स्वस्थ्य है. जो कैप्सूल उन्हें लेकर धरती पर लौटा है वो फ्लोरिडा के पास समंदर में लैंड किया गया. ये लम्हा बेहद खास था. क्योंकि इसमें मनुष्य और विज्ञान की यात्रा का अविश्वसनीय पल देखने को मिला था. इस ऐतिहासिक पल को देश और दुनिया में हजारों लोग देख रहे थे. नासा ने इस पल का लाइव टेलीकास्ट भी किया था. जैसे है कैप्सूल समुद्र में गिरा वैसे ही तेज छपाक की आवाज आई.
इस मिशन के कामयाब होने के बाद सॉस में नौ महीनों से फंसी सुनीता विलियम्स अपने साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के साथ सुरक्षित लौट आई. सुनीता को लेकर लौटा कैप्सूल भारतीय समय के मुताबिक सुबह तीन बजकर 27 मिनट पर समुद्र में गिरा. इसकी गति को काबू में करने के लिए इसके साथ पैराशूट भी जुड़े हुए थे. जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल ने समुद्र में एंट्री की. वैसे ही कैप्सूल भी पानी में गिर गए. नासा ने इसके बाद घोषणा की.
सुनीता और बुच को फिलहाल ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाया गया है. जहां दोनों एस्ट्रोनॉट कुछ दिनों तक स्वास्थ्य जांच के लिए रहेंगे. घर जाने से पहले नासा कि डाक्टर सभी की हेल्थ पर नजर रखेंगे. मेडिकल जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों अंतरिक्ष यात्री मिशन के दौरान अपने अनुभव, चुनौतियां और उपलब्धियों के बारे में बताएंगे.
बता दें कि सुनीता विलियम्स समेत उनके साथी जून 2024 में स्टारलाइनर स्पेस क्रॉफ्ट के ज़रिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे थे. स्टारलाइनर में आई खऱाबी की वजह से अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी नहीं हो पाई थी.
नौ महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स गुजरात के गृह मंत्री रहे दिवंगत भाजपा नेता हरेन पंड्या की चचेरी बहन हैं. हरेन पंड्या की 2003 में हत्या हो गई थी. जिसमें उनकी ही पार्टी के उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों का हाथ बताया जाता है. 
बहरहाल सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से सकुशल वापसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पत्र लिख कर भारत आने न्योता दिया है. 
सुनीता 2013 में भी भारत आई थीं और उन्होंने गुजरात में अपने रिश्तेदारों के साथ समय बिताया था. उनकी उस यात्रा के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी ने उनसे मिलना चाहा था. लेकिन सुनीता ने इंकार कर दिया था. मुख्यमंत्री कार्यालय की तमाम कोशिशों के बावजूद सुनीता मुख्यमंत्री से मिलने के लिए राजी नहीं हुई थीं.
यही नहीं, उन्होंने एयरपोर्ट पर उन्हें लेने आई सरकारी गाड़ी में बैठने से भी इंकार कर दिया था. उनकी इस बेरुखी से खिन्न होकर ही गुजरात सरकार ने उन्हें राजकीय अतिथि का दर्जा देने का फैसला भी रद्द कर दिया था.
सुनीता विलियम्स ने मोदी जी से मिलने को लेकर जो बेरुखी दिखाई थी, उसे हरेन पंड्या हत्याकांड को सामने रख कर समझा जा सकता है?
मांसपेशियों और हड्डियों में कमजोरी
धरती पर गुरुत्वाकर्षण के कारण हमारी मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत बनी रहती हैं. लेकिन अंतरिक्ष में शरीर को वजन सहने की जरुरत नहीं होती. जिसकी वजह से खासतौर पर पैर, पीठ और गर्दन की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं. इसके अलावा अंतरिक्ष में हड्डियों पर दबाव नहीं पड़ता. जिससे बोन डेंसिटी कम हो जाती है और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक हर महीने हड्डियों का घनत्व करीब 1% कम हो सकता है. जिसकी वजह से अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर लौटने के बाद खड़े होने, चलने और दौड़ने में कठिनाई महसूस हो सकती है. पूरी ताकत वापस पाने के लिए पावर ट्रेनिंग, कैल्शियम ,विटामिन डी रिच डाइट के साथ महीनों तक थेरेपी भी दी जा सकती है.
सूंघने की क्षमता प्रभावित
अंतरिक्ष में खून का बहाव ऊपर की तरफ होता. जिससे चेहरा फूलने के साथ नाक बंद होने की संभावना बढ़ जाती है. यह हालत व्यक्ति के सूंघने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है. स्पेस में लंबी समय तक रहने से ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है. जिससे नाक के आसपास परतें जमने लगती हैं और धीरे-धीरे गंध पहचानने की क्षमता कम हो जाती है.
खून की कमी
यूनिवर्सिटी ऑफ ओटावा के एक अध्ययन के अनुसार अंतरिक्ष में रहने से खून की लाल रक्त कोशिकाओं की तादाद कम हो जाती है. इस शोध में 14 अंतरिक्ष यात्रियों का अध्ययन किया गया. जिसमें पता चला कि अंतरिक्ष में रहने से शरीर में ज्यादा रेड ब्लड सेल्स नष्ट हो रहे थे. यह कमी पूरे मिशन के दौरान बनी रही और जब वे धरती पर लौटे. तो उनमें कमजोरी और थकान देखी गई. लाल रक्त कोशिकाओं की तादाद कम होने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह भी प्रभावित होता है. जिससे कमजोरी और सुस्ती महसूस होने लगती है.
ब्लड प्रेशर की समस्या
अंतरिक्ष में खून सिर और छाती की तरफ चला जाता है. जिससे चेहरे पर सूजन आने के साथ पैरों में तरल की कमी होने से वे सिकुड़ जाते हैं. ऐसे में जब अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर लौटते हैं. तो गुरुत्वाकर्षण खून को नीचे की तरफ खींचता है. जिससे ब्लड प्रेशर अचानक गिर सकता है और व्यक्ति को चक्कर या बेहोशी हो सकती है.
धरती पर लौटने के बाद कैसी होगी रिकवरी?
नासा अंतरिक्ष यात्रियों को इन चुनौतियों से निपटने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग और रिहैबिलिटेट सेवाएं देता है. इसके अलावा उन्हें विशेष डाइट और एक्सरसाइज भी करवाई जाती है.
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