एसिड अटैक की कहानी निकली फर्जी, घरवालों की डांट से बचने बच्चे ने गढ़ी थी मनगढ़ंत स्टोरी, मोबाइल पर वीडियो देख आया आइडिया

The story of acid attack turned out to be fake the child had made up the story to avoid being scolded by the family got the idea after watching a video on mobile

एसिड अटैक की कहानी निकली फर्जी, घरवालों की डांट से बचने बच्चे ने गढ़ी थी मनगढ़ंत स्टोरी, मोबाइल पर वीडियो देख आया आइडिया

रायपुर :  17 अगस्त को थाना डीडी नगर में प्रार्थी द्वारा दर्ज करायी गई थी कि वह रायपुरा डी.डी. नगर में रहता है 17 अगस्त 2024 को शाम करीब 4 बजे प्रार्थी टीकम देवांगन की पत्नी ने प्रार्थी को फोन कर बताया कि उनके दोनों बेटे अपने दोस्त के घर खेलने जा रहे थे. जैसे ही दोनों शिवम एजुकेश्नल एकेडमी स्कूल के पास सत्यम विहार पहुंचे थे. तभी चंगोराभाठा तरफ सामने से आ रही बाइक से दो अज्ञात लड़के आए और इनके पास रुककर बाइक में पीछे बैठा लडका कोई ज्वलनशील पदार्थ इनके बड़े बेटे उम्र 15 साल के चेहरे पर फेंक दिया. जिससे उसका मस्तक और दोनों आंख के नीचे झुलस गया है और दर्द हो रहा है.
प्रार्थी अपने घर जाकर देखा तो उसके बड़े बेटे का चेहरा झुलस गया था. जिसे प्रार्थी द्वारा एम्स अस्पताल रायपुर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. प्रार्थी की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ थाना डीडी नगर में अपराध क्रमांक 332/24 धारा 124(1), 3(5) बीएनएस का जुर्म दर्ज किया गया.
घटना को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा गंभीरता से लेते हुए थाना प्रभारी डी.डी.नगर एवं प्रभारी एण्टी क्राईम एण्ड साइबर यूनिट को अज्ञात आरोपियों की पतासाजी कर जल्द से जल्द गिरफ्तार करने निर्देशित किया गया.
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राइम एंड साइबर यूनिट एवं थाना डीडीनगर पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थी, उसकी पत्नी और छोटे बेटे से विस्तृत पूछताछ कर अज्ञात आरोपियों की पतासाजी करना शुरु किया गया.
टीम के सदस्यों द्वारा घटनास्थल और उसके आसपास लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरों के फुटेजों को खंगालने के साथ ही आसपास के लोगों से भी पूछताछ किया गया लेकिन फुटेज को खंगालने के दौरान दोनों भाई घटनास्थल या उसके इर्द-गिर्द कहीं भी नजर नहीं आ रहे थे और टीम के सदस्यों द्वारा घटनास्थल के पास स्थित दुकानों और अन्य व्यक्तियों से भी पूछताछ करने पर इस तरह की कोई भी घटना घटित नहीं होना बताया गया.
पुलिस टीम के सदस्यों द्वारा प्रार्थी के छोटे बेटे से अलग से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया कि 17 अगस्त 2024 को दोनों भाई स्कुल की छुट्टी होने पर दोपहर 12:30 बजे घर आए और घर में उनके मम्मी-पापा नहीं थे. इसी दौरान उसका बड़ा भाई खाना गरम करने के लिए गैस लाईटर से गैस जला रहा था. तभी गैस चूल्हा भभक गया. जिससे उसका चेहरा जल गया. और अपने मम्मी-पापा के डर से झूठी कहानी बनाते हुए वह इसे भी अपने साथ शामिल किया.
उसकी मम्मी जब घर आई तो दोनों भाईयों के द्वारा अपनी मम्मी को झूठी कहानी बताते हुए अज्ञात लड़के द्वारा उसके बड़े बेटे के चेहरे पर ज्वलनशील पदार्थ फेंकना बताया गया.
रायपुर पुलिस आम जनता से अपील करती है कि किसी भी घटना की सत्यता जाने और परखें बिना थाना में झूठी रिपोर्ट दर्ज ना करावें अन्यथा संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है.
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक छोटे बच्चों के साथ माता-पिता को हमेशा सख्ती से पेश नहीं आना चाहिए. बच्चों के साथ ऐसा संबंध बनाना चाहिए जिसमें वे बिना किसी डर के खुलकर अपनी बातें साझा कर सकें. अगर बच्चों के मन में माता-पिता का डर बैठ जाता है. तो वे सच छुपाने और झूठ बोलने लगते हैं. यह अक्सर तब होता है जब अभिभावक छोटी-छोटी बातों पर बच्चों को डांटते या फटकारते हैं. ऐसे में बच्चों के मन में एक डर पैदा हो जाता है. जो आखिरकार उन्हें झूठ बोलने या कहानियाँ गढ़ने के लिए प्रेरित करता है. इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए माता-पिता को बच्चों के साथ नरमी और समझदारी से पेश आना चाहिए. ताकि बच्चे बिना किसी भय के अपनी समस्याओं और भावनाओं को व्यक्त कर सकें.
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