इंसानियत को किया शर्मसार, 65 साल की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म!, अस्पताल में हुआ चौकाने वाला खुलासा, कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

Humanity shamed, 65 year old woman gang raped! Shocking revelation in the hospital, questions raised on law and order

इंसानियत को किया शर्मसार, 65 साल की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म!, अस्पताल में हुआ चौकाने वाला खुलासा, कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

बिलासपुर/सरकंडा : छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग महिला से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आने से इलाके में हड़कंप मच गया. वही सरकंडा पुलिस पर इतने गंभीर अपराध मे घोर लापरवाही बरतते हुए 307 के तहत मामला दर्ज कर मामले को दबाने की कोशिस के आरोप लग रहे हैं.  बुजुर्ग महिला के परिजनों का आरोप है कि मामले मे आरोपियों को बचाने के लिए पुलिस अलग खेल खेल रही है.
परिजनों और आसपास के लोगो से मिली जानकारी के मुताबिक 65 साल की बुजुर्ग महिला जो पेंशन के दम पर सरकंडा क्षेत्र मे अकेले रहती थी. उस पर कुछ लोगो ने जानलेवा हमला कर पत्थर से उसके सिर और छाती पर गंभीर वार कर उसकी हत्त्या करने की कोशिश भी की.
मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे जब क्षेत्र मे रहने वाले लोगो ने लहुलुहान हालत में महिला को घर के बाहर नग्न अवस्था में देखा तो इसकी खबर उनके परिजनों और पुलिस को दी. आसपास के लोगो ने दावा किया कि बुजुर्ग महिला के जिस्म पर किसी तरह का कोई कपड़ा नही था. किसी तरह डायल 112 की गाड़ी घटनास्थल मे होने के बाद भी नाजुक हालत मे ऑटो के जरिए सिम्स अस्पताल मे करीब सुबह साढ़े 9 बजे भर्ती करवाया गया. जिसके बाद महिला की हालत नाजुक होने की वजह से रायपुर एम्स रिफर कर दिया गया..जहाँ उसकी हालत खबर लिखे जाने तक नाजुक बनी हुई है.
एक बुजुर्ग महिला के साथ सामूहिक दुराचार की घटना मे सरकंडा पुलिस की घोर लापरवाही देखने को मिली है. घटनास्थल पर नग्न अवस्था मे घायल महिला के मिलने की पुख्ता जानकारी होने के बाद भी थाना प्रभारी ने इस मामले मे धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया. जिसकी वजह से महिला से संबंधित गंभीर आरोप पर पुलिस की कार्यवाही शक के घेरे में है..?
महिला को मंगलवार की सुबह सिम्स अस्पताल भेजा गया था और मंगलवार को ही रात 9 बजे रायपुर रेफर कर दिया गया था. सुबह जब मीडिया को इंसानियत को शर्मसार करने वाली दरिदंगी और हैवानियत की खबरों की जानकारी लगी तो तो इसकी जानकारी लेने पर थाना प्रभारी निलेश पांडे ने सामूहिक दुष्कर्म के परिजनों के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए सिर्फ महिला पर जानलेवा हमले की पुख़्ता पुष्टि की.. !
वही मीडिया की टीम ने पूरे मामले में सिम्स अस्पताल जाकर प्रबन्धन से मिली जानकारी में चौकाने वाला खुलासा हुआ है. सिम्स प्रबन्धन से मिली जानकारी के मुताबिक महिला को कल रात ही उसकी हालत को देखते हुए रायपुर के एम्स रिफर कर दिया गया. मीडिया संस्थानों को बुजुर्ग महिला से सामूहिक अनाचार की घटना में दिलचस्पी को देखते हुए पुलिस की लापरवाही को दबाने के लिए आनन-फानन में करीब 2 बजे के आसपास आशंका जताई कि महिला के साथ कुछ गलत काम किया गया है. सिम्स अस्पताल मे भर्ती करवाये जाने के करीब 28 घंटे के बाद आए थाने से आए कागज से सिम्स प्रबन्धन भी असमंजस में आ गया. क्योकि तब तक महिला को रायपुर भेजा जा चुका था. 
डाक्टर ने भी माना कि पुलिस ने इस मामले मे गंभीर लापरवाही बरती है और अगर परिजनों ने पुलिस से किसी घटना का शक जाहिर किया था तो फौरन पुलिस को इस पर एक्शन लेना चाहिए. साथ ही डाक्टरो ने बातचीत मे जानकारी दी कि समय बीत जाने के बाद मेडिकली सबूत भी नष्ट हो जाते हैं. और मेडिकली अदालत मर दुष्कर्म साबित करना मुश्किल होता है. शायद यही वजह रही होगी कि पुलिस ने इस मामले को दबाने और आरोपियों को बचाने के लिए महिला सबन्धित अपराध होने के बाद भी मेडिकल परीक्षण नही करवाया होगा..?
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