महिलाओं के साथ हो रहे दुराचार के विरोध में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने महिला कांग्रेस ने बैरिकेड तोड़ा, हुई झूमाझटकी, बघेल- महिलाएं असुरक्षित

To protest against the misbehavior with women Mahila Congress broke the barricade to surround the Chief Ministers residence there was a scuffle Baghel - Women are unsafe

महिलाओं के साथ हो रहे दुराचार के विरोध में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने महिला कांग्रेस ने बैरिकेड तोड़ा, हुई झूमाझटकी, बघेल- महिलाएं असुरक्षित

छत्तीसगढ़ में ट्रेनों के रद्द होने पर नेता प्रतिपक्ष महंत ने उठाए सवाल, कहा- माल लदान और अयोध्या दर्शन की ट्रेन यथावत, लेकिन यात्री ट्रेन रद्द

छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ सालों से लगातार रेल प्रशासन ट्रेनों को रद्द कर रही है. जिसकी वजह से रियल यात्रा बेहद कठिनाई भारी साबित हो रही है. इसे देखते हुए लगातार यात्रियों के द्वारा तो विरोध दर्ज कराया ही जा रहा है. इस पर राजनीतिक पार्टियों भी समय-समय पर विरोध जताती रही है. लेकिन उसके बाद भी रेल प्रशासन के द्वारा अपने रुख पर कायम रहते हुए ट्रेनों को लगातार रद्द किया जा रहा है.
हालांकि पिछले दिनों बिलासपुर रेलवे जोन में हुई सांसदों की बैठक में भी भाजपा और कांग्रेस के सांसदों ने ट्रेनों को रद्द करने के मुद्दे को जोर-जोर से उठाया. और इस पर वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग रखी. लेकिन उसके बाद भी देखा जा रहा है कि रेलवे ट्रेनों को निर्धारित समय पर रद्द कर रहा है.
इसे देखते हुए अब छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष ने भी रेलवे और केंद्र सरकार के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि माल गाड़ियों का परिचालन यथावत किया जा रहा है. अयोध्या दर्शन ट्रेन को यथावत चलाया जा रहा है. लेकिन सिर्फ बिलासपुर से नागपुर रायपुर हावड़ा के लिए ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है. इसमें जरुर कोई गड़बड़ है. आने वाले समय में इसका पता चलेगा.
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महिला कांग्रेस ने बैरिकेड तोड़ा, पुलिस ने रोकने के लिए लगाया दमखम, जमकर हुई झूमाझटकी

रायपुर : छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बेटियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और दुष्कर्म के बढ़ते मामलों पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए महिला कांग्रेस ने एक बार फिर से अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई. राज्य भर से एकत्रित महिला कांग्रेस की नेत्रियों ने राजधानी में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया. जहां उन्होंने भाजपा की सत्तारूढ़ साय सरकार पर जोरदार हमला बोला.
इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष दीदी फूलोदेवी ने इस कार्यक्रम में विशेष रुप से भाग लिया और कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उनके शासनकाल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भारी वृद्धि हुई है और सरकार इन मामलों पर अंकुश लगाने में असफल रही है.
छत्तीसगढ़ महिला कांग्रेस अध्यक्ष सांसद फूलोदेवी नेताम के नेतृत्व में महिला कांग्रेस ने गांधी मैदान कांग्रेस भवन में सभा के बाद मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने कूच किया.
महिला कांग्रेस की इस विशाल रैली में सांसद ज्योत्सना महंत और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ कई विधायकों, पूर्व विधायकों और संगठन के प्रमुख नेताओं ने भी हिस्सा लिया. प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्द ही महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों पर रोक नहीं लगाई गई. तो विरोध और अधिक तीव्र हो जाएगा.
सबसे पहली रुकावट को शहीद विद्याचरण शुक्ल चौक पर बने बेरिकेट को तोड़ते हुए महिला कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता काली माता चौक की तरफ आगे बढ़े. महिला कांग्रेसियों को पहले पड़ाव में रोकने में नाकाम हुई पुलिस ने दूसरे बेरिकेट के पहले ही पूरा दमखम लगाते हुए रोक लिया.
बड़ी तादाद में तैनात महिला पुलिस बल के साथ ही पुरुष बल ने आगे बढ़ने नहीं दिया.  इस दौरान महिला कांग्रेस के पदाधिकायियों और कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए छत्तीसगढ़ में महिलाओं के साथ हो रहे दुराचार के विरोध में नारेबाजी की. इस दौरान पुलिस के साथ जमकर झूमाझटकी हुई. कुछ महिला कांग्रेस के कार्यकर्ता बैरिकेड की तरफ भागने का प्रयास किया गया. लेकिन महिला पुलिस बल ने दबोच लिया.
1 घण्टे के तक जमकर प्रदर्शन के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा हुई. सकारात्मक आश्वासन पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की मौजूदगी में महिला कांग्रेस अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम ने ज्ञापन सौंपा. इसके बाद प्रदर्शन खत्म हुआ. फूलोदेवी नेताम ने कहा कि आज हमारी जीत हुई है. हम 1 बेरिकेट को तोड़ कर दुसरे तक पहुंच गए. इसका मतलब है कि हमने मुख्यमंत्री निवास का घेराव कर लिया. हमने हमारी बातों को प्रशासनिक अधिकरियों के सामनेरख दिया है.
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विरोध की मुख्य मांगे
महिला कांग्रेस ने सरकार से कुछ प्रमुख मांगें रखीं:
1. महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम: प्रदेश में बढ़ते दुष्कर्म और महिला अत्याचार के मामलों को देखते हुए, उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा बल का गठन करने और कानून व्यवस्था में सख्ती लाने की मांग की.
2. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई: महिला कांग्रेस ने यह भी मांग की कि दुष्कर्म के मामलों में दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए. ताकि ऐसे अपराधियों को कड़ा संदेश मिल सके.
3. महिलाओं के लिए न्याय: न्यायिक प्रणाली में तेजी लाने की मांग की गई ताकि पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय मिल सके और अपराधियों को सजा देने में कोई देरी न हो.
यह विरोध प्रदर्शन केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह महिलाओं की पीड़ा और उनके सम्मान के लिए खड़े होने का प्रतीक था. प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस की नेत्रियों ने अपने भाषणों में नारीशक्ति की अहमियत पर जोर दिया और बताया कि महिलाएं केवल शोषण का शिकार नहीं होंगी, बल्कि वे अपने हक के लिए लड़ेंगी और अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगी.
इस कार्यक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि महिला कांग्रेस ने अपने संगठन की ताकत को फिर से एकत्रित कर राज्य की महिलाओं के लिए संघर्ष का बिगुल बजा दिया है. आने वाले दिनों में इस विरोध की गूंज निश्चित रूप से सरकार और प्रशासन तक पहुंचेगी और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लेने के लिए उन पर दबाव डालेगी.
महिला कांग्रेस द्वारा किया गया यह विरोध प्रदर्शन राज्य की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता पर सवाल खड़ा करता है. राज्य में बढ़ते अपराधों के खिलाफ महिलाओं की एकजुटता और उनके हक के लिए खड़े होने की यह भावना एक सकारात्मक संकेत है. इससे यह साफ़ हो गया कि अब महिलाएं अपने अधिकारों के लिए संगठित हो चुकी हैं और सरकार को मजबूर करेंगी कि वह उनके खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाए.
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135 वर्ष पुरानी और ऐतिहासिक धरोहर बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर मोदी सरकार आखिर बुलडोजर क्यों चलाना चाहती है? सरकार बिल्डिंग ही नहीं दिल भी तोड़ रही है -शैलेश

बिलासपुर : बिलासपुर रेलवे स्टेशन देश की एक ऐतिहासिक धरोहर है और इसकी स्थापना 1890 में हुई थी और आज करीब 135 साल हो गये हैं. इस ऐतिहासिक इमारत को बने,जिसमे समय समय पर थोड़े-थोड़े परिवर्तन नागरिकों की सुविधा के लिए होते रहे हैं. और आज अपने पूर्ण रुप में बिलासपुर स्टेशन है और मुंबई हावड़ा मार्ग के मुख्य स्टेशन में आता है जो कि अपनी बेशक़ीमती यादों से भरा हुआ है और बिलासपुर के जज़्बात इस ऐतिहासिक बिल्डिंग से जुड़े हुए हैं. लेकिन मोदी सरकार इस ऐतिहासिक बिल्डिंग में बुलडोजर चलाने की तैयारी में है जो कि बिलासपुर के लिए दिल तोड़ने जैसी बात है. और बिलासपुर के वासियों को ये बात बिलकुल पसंद नहीं आयी है.
पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने उक्त बयान देते हुए कहा कि रेलवे का अपना मनमाना स्वभाव बिलासपुर के लोगो के साथ तानाशाही जैसा रहा है. जबकि बिलासपुर के नागरिकों ने हमेशा ही बिलासपुर के लिए लड़कर अपने अधिकार लिए है. इसलिए आज बिलासपुर स्टेशन यहाँ के लोगों की नस नस में बसा है. यात्रियों की सुविधा के लिए बनाया गया ये स्टेशन से केवल यात्रियों की भावनाएँ ही नहीं जुड़ी है. सिर्फ बल्कि बिलासपुर की जनता की भावनाएँ भी जुड़ी है.
बिलासपुर मण्डल देश का सर्वाधिक आय देने वाला मण्डल रहा है. हमेशा और आज इस सदी में ज़ोन भी बना है. और जोन में भी आय देने में अव्वल है. तो एसे में मोदी सरकार को और भी ध्यान देना चाहिए. न कि बुलडोजर चलाकर भावनाओं को कुचलना चाहिए. आज बिलासपुर में स्टेशन की बिल्डिंग को तोड़ना चर्चा का विषय है और चर्चा ये है कि इसको बचाना चाहिए. और कैसे बचाया जाए. इसके लिए गंभीरता से मंथन हो रहा है. रेलवे के अधिकारी भी इस विषय पर चिंता कर रहे होंगे और उन्हें बिलासपुर की भावना को समझना होगा न कि नाजीवाद जैसे तानाशाह बनकर फैसला लेना चाहिए.
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