बाउंस चेक थमाकर किसानों के साथ खेला, चार साल बाद जारी हुआ मुआवजे का चेक बाउंस होने से किसानों में आक्रोश, बाबू मांग रहा रिश्वत
Farmers were played with by giving bounced cheques, farmers were angry as the compensation cheque issued after four years bounced, Babu is demanding bribe

गरियाबंद : चार साल बाद जारी हुआ मुआवजे का चेक बाउंस होने से किसानों में आक्रोश है. पीड़ित किसान ने आरोप लगाया कि चेक क्लियरेंस के एवज में एसडीएम कार्यालय का बाबू रिश्वत मांग रहा है. पैसे न देने पर तीन बार चेक बाउंस हो चुका है. शिकायत मिलते ही जिला पंचायत अध्यक्ष गौरी शंकर कश्यप फौरन मैनपुर एसडीएम कार्यालय पहुंच गए.
मामला भेजीपदर डायवर्जन सिंचाई योजना से जुड़ा है. जिसके तहत वर्ष 2021 में किसानों की कृषि भूमि अधिग्रहित की गई थी. योजना का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. लेकिन अब तक किसानों को मुआवज़े की पूरी रकम नहीं मिल पाई है.
अमलीपदर निवासी किसान शिवकुमार मिश्रा को अप्रैल 2024 में 13.63 लाख रुपये का चेक जारी किया गया था. उनके बेटे आदित्य मिश्रा ने बताया कि चेक को क्लियर कराने के लिए उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा, मैनपुर में कई बार संपर्क किया. लेकिन हर बार चेक बाउंस हो गया.
आरोप है कि चेक क्लियर करने के एवज में एसडीएम कार्यालय का बाबू रिश्वत की मांग कर रहा है. जिन लोगों ने रिश्वत दी. उनके चेक क्लियर हो गए. लेकिन उन्होंने रिश्वत देने से इंकार किया. इसलिए उनका चेक अब तक नहीं क्लियर हुआ. आदित्य ने बताया कि भू-अर्जन अधिकारी यानी देवभोग एसडीएम द्वारा जारी किया गया चेक 24 अप्रैल, 1 मई और 6 मई को तीन बार बाउंस हो चुका है. इस रकम के लिए वह अमलीपदर से मैनपुर (करीब 70 किमी) तक अब तक 20 बार चक्कर लगा चुके हैं.
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