लोन घोटाला में पुलिस पर लगे आरोप, 400 गरीब महिलाओं से करोड़ की ठगी, मचा हाहाकार, पूर्व जनपद सदस्य का गैंग फरार, कार्रवाई की मांग
Police accused in loan scam, crores of rupees defrauded from 400 poor women, uproar, former district member's gang absconding, demand for action

बिलासपुर/सीपत : गरीब महिलाओं को झांसा देकर एक करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन निकलवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पूर्व जनपद सदस्य प्रमिल दास मानिकपुरी और उसकी पत्नी रंजना मानिकपुरी ने 400 से ज्यादा महिलाओं के नाम पर लोन लिया और गांव छोड़कर फरार हो गए. गांव में जब बैंकों के अधिकारी लोन वसूली के लिए पहुंचे. तो महिलाओं को ठगी का एहसास हुआ. बैंक वाले लगातार किस्त चुकाने का दबाव बना रहे हैं और न चुकाने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दे रहे हैं. ठगी से परेशान महिलाओं ने पहले सीपत थाने में शिकायत की. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मजबूर होकर सैकड़ों महिलाएं सोमवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं और जमकर प्रदर्शन किया.
फर्जी लोन की साजिश, गरीबों के नाम पर लाखों का घोटाला…!
ग्राम नरगोड़ा पोड़ी निवासी रंजना मानिकपुरी ने महिलाओं को इंदिरा आवास योजना का फायदा दिलाने और गांव में विकास कार्यों के नाम पर लोन लेने के लिए तैयार किया. फिर उनके नाम से फर्जी तरीके से कई बैंकों से लोन लिया गया.
महिलाओं की आपबीती: “अब कहां जाएं, किडनी बेचने या जहर खाने को मजबूर!”
इंसाफ की गुहार लगाने कलेक्ट्रेट पहुंची मीना बाई धीवर ने बताया कि मेरे नाम पर तीन लोन निकाले गए– 1 लाख, 45 हजार और 40 हजार। अब मैं इन्हें चुकाने में असमर्थ हूं. बैंक वाले लगातार दबाव बना रहे हैं.
वहीं शीला मानिकपुरी ने कहां कि मेरे नाम पर 5 लोन निकाले गए– 1 लाख, 70 हजार, 50 हजार, 15 हजार। अब बैंक वाले धमका रहे हैं. गांव की 400 महिलाएं इस ठगी का शिकार हो चुकी हैं. वहीं दीप मानिकपुरी ने कहां कि मेरे नाम से 55 हजार और 40 हजार का लोन लिया गया. अब बैंक के अधिकारी गाली-गलौज कर रहे हैं. और कह रहे हैं कि किडनी बेचो या जहर खा लो.
साथ ही ठगी के शिकार गौतराम साहू ने बताया कि मेरे खेत के दस्तावेजों पर 1.5 लाख का लोन लिया गया और कागजात भी हड़प लिए गए. अब बैंक वाले लगातार धमका रहे हैं.
सीपत पुलिस पर लापरवाही के आरोप, प्रशासन ने दिया कार्रवाई का भरोसा……
पीड़ित महिलाओं ने आरोप लगाया कि जब सीपत पुलिस के पास शिकायत की गई तो कोई कार्रवाई नहीं हुई. उल्टा उन्हें भगा दिया गया. मजबूर होकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करना पड़ा. प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन ने जांच और सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया. अब सवाल यह उठता है कि क्या ठगों पर कोई ठोस कार्रवाई होगी या गरीब महिलाएं यूं ही लुटती रहेंगी?
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