विधान सभा में गरमाया 324 करोड़ के मुआवजा घोटाला, चरणदास महंत ने कहा CBI जांच नहीं तो हाई कोर्ट जाउंगा, विपक्ष ने किया सदन से बहिर्गमन
The compensation scam of 324 crores heated up in the Vidhan Sabha, Charandas Mahant said if there is no CBI inquiry then I will go to the High Court, the opposition walked out of the house

रायपुर : भारत माला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापटनम इकानामिक कारीडोर के लिए भूअर्जन में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला सदन में गूंजा. नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत ने कहा कि रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के चार गांव का मुआवजा मामला है. 43 करोड़ 19 लाख रुपये का आर्थिक नुकसान केंद्र सरकार को कराया गया है. भारत माला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में बन रहे सड़कों में 350 करोड़ से भी ज्यादा का भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की.
डा. मंहत ने विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह से कहा कि यह तो आपका क्षेत्राधिकार का मामला है. विधायकों की समिति से जांच का आदेश दें. नेता प्रतिपक्ष ने सदन के भीतर विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से दो टूक कह दिया कि अगर आप पूरे मामले की जांच सीबीआई से नहीं कराएंगे तो मुझे निराश होकर हाई कोर्ट की शरण में जाना होगा. नेता प्रतिपक्ष के इस खुलासे के बाद सीबीआई से जांच ना करने के विरोध में कांग्रेस के विधायकों ने बर्हिगमन कर दिया.
डा महंत ने कहा कि राजस्व अफसरों ने 13 मूल खातेदारों के खसरों को 54 टुकड़ाें में बांटा दिया. रायपुर जिले के अभनपुर तहसील के चार गांव का मुआवजा मामले में 43 करोड़ 19 लाख का आर्थिक नुकसान केंद्र सरकार को कराया गया है. बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार की जांच का मुद्दा उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भारत माला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में बन रहे सड़कों के लिए भू अर्जन में अफसरों ने 350 करोड़ से ज्यादा का घोटाला किया है. उन्होंने सवाल उछाला कि बड़े पैमाने में किए गए घोटाले की जांच सीबीआई से कराने में सरकार को क्यों आपत्ति हो रही है. राजस्व मंत्री से डा महंत ने कहा कि दोषी अफसरों के खिलाफ एफआईआर कराएं और जेल में डालें.
राजस्व मंत्री ने भू अर्जन में गड़बड़ी की बात को किया स्वीकार
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने भारत माला परियोजना के तहत भू अर्जन की प्रक्रिया में गड़बड़ी की बात को कबूल भी किया. राजस्व मंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय राजमार्ग में भूअर्जन में गड़बड़ी की गई है. रायपुर विशाखापटनम इकानामिक सड़क निर्माण में गड़बड़ी को लेकर कृष्णकुमार साहू व हेमंत देवांगन ने शिकायत की थी.
मंत्री ने कहा कि इस परियोजना में दो तीन तरह की गड़बड़ी हुई है. अधिसूचना जारी करने के बाद जमीनों को टुकडों में बांट दिया गया. ट्रस्ट की जमीन का मुआवजा ट्रस्ट के बजाय निजी व्यक्ति को दिया गया है. इस मामले में अब भी लगातार शिकायतें मिल रही है. डिप्टी कलेक्टर, पटवारी, तहसीलदार और अपर कलेक्टर को सस्पेंड किया गया है. जांच चल रही है और कार्रवाई भी हो रही है. मंत्री टंकराम ने बताया कि भू अर्जन में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद राज्य शासन ने इस पर प्रभावी ढंग से रोकने लगाने के लिएअधिनियम पारित किया है.
राजस्व मंत्री के जवाब से नाखुश नेता प्रतिपक्ष डा महंत ने पूछा कि अफसरों के खिलाफ एफआईआर कराने में क्यों दिक्कतें आ रही है. जाल ऐसा है कि मायाजाल कहिए या फिर अधिकारियों का जाल कहिए. इसे काटकर अफसर फिर आ जाते हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाते हैं. हम सचेत नहीं हुए तो लोकतंत्र में इसका अच्छा संदेश नहीं जाएगा. जांच कराने में क्या दिक्कत है.
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