कोटवार को हटाने ग्रामीण हुए एकजुट, तीन सौ से ज्यादा ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाकर उप तहसील का घेराव कर दी आंदोलन की चतावनी
Villagers united to remove the Kotwar, more than three hundred villagers surrounded the sub-tehsil by making serious allegations and warned of agitation

महासमुंद : बसना विकासखंड के सबसे बड़े गांव बड़े साजापाली के लोग कोटवार को हटाने के लिए सुशासन तिहार समाधान शिविर में आवेदन दिए थे. लेकिन पूरे बसना विकास खंड में 27 मई को समाधान शिविर खत्म होने के बाद भी कोटवार को हटाने के लिए किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं होने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए. गांव में ग्रामीणों की मीटिंग बुलाई गई और गांव में काम बंद कर कोटवार को हटाने के लिए उप तहसील कार्यालय भंवरपुर पहुंचने का फैसला लिया गया. जिसके तहत 300 से ज्यादा ग्रामीण गांव के कोटवार को हटाने के लिए उप तहसील कार्यालय भंवरपुर के घेराव करने पहुंचे.
उन्होंने नायब तहसीलदार अर्पण कुर्रे को ज्ञापन सौंपकर 15 दिन के भीतर गांव के कोटवार को हटाने की मांग रखी. नायब तहसीलदार ने बसैकड़ों की तादाद में पहुंचे ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जो शिकायत पत्र आप लोगों के द्वारा दिया गया है. उसकी जांच के बाद एक महीना के भीतर कार्रवाई की जाएगी. नायब तहसीलदार के आश्वासन के बाद आक्रोशित ग्रामीण अपने गांव बड़ेसाजापाली चले गए.
ग्रामीणों ने अपने शिकायत पत्र में बताया कि बड़ेसाजापाली के कोटवार अगरदास मानिकपुरी, पिता स्व गणेशदास ने कोटवारी सेवा भूमि खसरा नं. 537 को बेचकर अपना निजी जीवन में उपयोग किया जा रहा है. जो कि पिछले साल अगरदास मानिकपुरी ने खसरा नं. 537 में बना मकान / दुकान को किराये में दिया हूँ कहकर ग्रामवासी को गुमराह किया गया. जबकि वर्तमान सुशासन तिहार में शिकायत दर्ज करने के बाद संबंधित खसरा नं. 537 में मकान व दुकान के मालिक मोरध्वज साहू और रेखनी साहू और सीताराम साहू का ग्राम पंचायत सरपंच / पंचगण / ग्रामवासी व पटवारी मेघनाथ बरिहा के सामने पंचनामा लिया गया. जिसमें मकान मालिक द्वारा उक्त जमीन को कोटवार अगरदास मानिकपुरी से खरीदकर निर्माण किया जाना कबुल किया गया.
ऐसे अन्य और व्यक्तियों को कोटवारी जमीन को विमल साव पिता स्व गंगाराम साव के पास 5 डिसमिल को 2300000 रु. (तेइस लाख रुपये) में बेचा गया. कन्हैया अजय ग्राम हेड्सपाली निवासी के पास 5 डिसमिल को 650000रू. (छः लाख पचास हजार रु.) में बेचा गया. जिस पैसे से अगरदास मानिकपुरी सरकारी सम्पत्ति को बेचकर दुरुपयोग किया जा रहा है. और अन्य सरकारी जमीन को ग्राम प्रमुख सरपंच को बिना जानकारी के करीब 4.5 एकड़ को ग्राम नौकर सेवा भूमि में पटवारी से मिलकर खसरा नं. 67 जो कि पूर्व में खेल मैदान में ग्रामवासी उपयोग किया जा रहा था. जिसे अपने कोटवारी सेवा भूमि में दर्ज किया गया है. जिसकी जानकारी होते ही ग्राम सभा आयोजित किया गया जिसमें ग्रामवासी द्वारा कोटवार के खिलाफ यह बताया गया कि मुनादी करने के दौरान स्पष्टता के अभाव में ग्रामीणों के द्वारा किस बात की मुनादी कर रहे हो. जानकारी पुछे जाने पर कोटवार के द्वारा अभद्र व्यवहार जाता है. जिस कारण सभी ग्रामवासी द्वारा फैसला लिया गया कि ग्राम कोटवार के खिलाफ शासन को अवगत कराते हुए फौरन कोटवार पद से हटाया जाए. जिसका ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पारित किया गया है.
जिसकी शिकायत सुशासन तिहार में किया गया था. लेकिन प्रशासन के द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं किए जाने से ग्रामीण आक्रोशित हो गए. और उपतहसील कार्यालय भंवरपुर का घेराव करने पहुंचे थे. अब देखना होगा कि आक्रोशित ग्रामीणों की शिकायत एवं मांग पर प्रशासन क्या कार्रवाई करती है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर कोटवार को हटाने के लिए किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होती है. तो अगला कदम अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन जैसे आंदोलन किया जाएगा.
"बड़ेसा जापाली के ग्रामीणों के द्वारा कोटवारी सेवा भूमि को बेचने का आरोप लगाते हुए कोटवार को हटाने के लिए सुशासन त्यौहार में आवेदन दिया गया था. 9 मई को आयोजित समाधान शिविर में सरपंच श्रीमती ईश्वरी कुर्रे को प्रशासनिक प्रक्रिया से अवगत कराया गया था. कोटवार के खिलाफ मिले आवेदन पर मामला दर्ज किया गया है. आज बड़ी तादाद में ग्रामीण उप तहसील कार्यालय पहुंचे थे. ग्रामीणों के बीच सार्थक चर्चा हुई है. प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत एक महीना के भीतर शिकायत की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी -अर्पण कुमार कुर्रे, नायब तहसीलदार भंवरपुर
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