रायपुर में नशे के लिए पैसे न देने पर अज्ञात बदमाशों ने 12 साल के मासूम के चेहरे पर फेंका एसिड पाउडर, बुरी तरह से झुलसा चेहरा, जांच में जुटी पुलिस

In Raipur unknown miscreants threw acid powder on the face of a 12-year-old innocent for not giving money for drugs his face got badly burnt police engaged in investigation

रायपुर में नशे के लिए पैसे न देने पर अज्ञात बदमाशों ने 12 साल के मासूम के चेहरे पर फेंका एसिड पाउडर, बुरी तरह से झुलसा चेहरा, जांच में जुटी पुलिस

रायपुर : राजधानी रायपुर के डीडी नगर थाना क्षेत्र के सत्यम विहार में शनिवार की दोपहर को एक 12 साल के नाबालिग पर अज्ञात बदमाशों ने ज्वलनशील पाउडर फेंककर फरार हो गए. इस हमले में बच्चे का चेहरा बुरी तरह झुलस गया. हमले के बाद उसे फौरन एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसका इलाज जारी है.
प्रदेश की राजधानी में दिन दहाड़े हुई इस वारदात से सनसनी फैल गई है. वहीं वारदात की खबर के बाद डीडी नगर पुलिस ने अज्ञात आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है. पुलिस का कहना है कि वे सभी सुरागों को खंगाल रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
पुलिस ने घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है. बच्चे के पिता टीकम देवांगन ने बताया कि करीब 4 महीने पहले भी बदमाशों ने उनके बेटे और उसके साथियों से पैसों की मांग की थी. लेकिन इस बारे में किसी को नहीं बताया गया था. फिलहाल बच्चे का इलाज एम्स में किया जा रहा है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है.
बताया जा रहा है कि मेकेनिक टीकम देवांगन का 12 साल का बेटा अपने छोटे भाई और दोस्त के साथ खेलने जा रहा था, तभी दो अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने उनसे नशा करने के लिए पैसे मांगे.
जब पीड़ित बच्चे ने पैसे देने से इंकार कर दिया. तो बदमाशों ने अपनी जेब से ज्वलनशील पाउडर निकालकर बच्चे के सिर पर फेंक दिया. बच्चे को दर्द से तड़पता देखकर भी बदमाशों ने दया नहीं दिखाई और उसके चेहरे पर भी पाउडर फेंककर फरार हो गए.
घटना के बाद बच्चा डर गया और अपने भाई से किसी से न कहने की बात कहते हुए घर चला गया. जब उसकी मां घर लौटी तो उसने देखा की उसका बच्चा कम्बल ओढ़ कर बिस्तर पर लेटा हुआ है. मान ने जब कम्बल हटाया तो बच्चे का झुलसा हुआ चेहरा देख कांप गई और फौरन उसने अपने पति को फ़ोन किया और दोनों ने इसकी खबर डीडी नगर थाना में दी और बच्चे को एम्स में भर्ती कराया.
यह घटना पुलिस के नशा मुक्ति अभियान की नाकामयाबी को दर्शाती है और सुप्रीम कोर्ट की एसिड बिक्री पर पाबन्दी के बावजूद इसकी खुलेआम बिक्री को उजागर करती है. इस घटना ने एक बार फिर से एसिड की बेरोकटोक बिक्री का मुद्दा उठा दिया है. जो अब तरल के साथ-साथ पाउडर के रूप में भी उपलब्ध है. पुलिस और प्रशासन को इस पर फौरन कार्रवाई करने की जरुरत है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
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