संसद में अफरा तफरी फैलाने वाली घटना में 6 लोगों के नाम उजागर...

नई दिल्ली : संसद में अफरा तफरी फैलाने वाली घटना में प्रारंभिक तौर पर 6 लोगों के नाम उजागर हुए थे। जिसमें से 5 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और छठे आरोपी की तलाश की जा रही है। ललित झा

संसद में अफरा तफरी फैलाने वाली घटना में 6 लोगों के नाम उजागर...

नई दिल्ली : संसद में अफरा तफरी फैलाने वाली घटना में प्रारंभिक तौर पर 6 लोगों के नाम उजागर हुए थे। जिसमें से 5 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और छठे आरोपी की तलाश की जा रही है। ललित झा नाम के इस आरोपी की पहचान कर ली गई लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। आरोपियों ने कथित तौर पर दोपहर 1 से 2 बजे के बीच व्हाट्सऐप पर अपने सहयोगी को इस घटना का वीडियो भेजा। आरोपी ललित झा ने कथित तौर पर हमले के तुरंत बाद अपने सहयोगी से संपर्क साधा। उसका सहयोगी पश्चिम बंगाल स्थित एक एनजीओ का संस्थापक और एक छात्र है। उसका नाम नीलाक्ष आइच है।

रिपोर्ट के मुताबिक, नीलाक्ष आइच ने कहा कि ललित ने मुझे फोन नहीं किया, लेकिन उसने मुझे व्हाट्सऐप पर संसद के बाहर सड़क पर धुंए वाली मशालों का उपयोग करते हुए प्रदर्शनकारियों का एक वीडियो भेजा। उसने मुझे दोपहर 1-2 बजे के बीच वीडियो भेजा। मैं उस समय कॉलेज में था। जब मैंने बाद में अपना फोन चेक किया तो मैंने उससे इसके बारे में पूछा।ललित झा को हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता है। रिपोर्ट के मुताबिक, वह बंगाल स्थित एक एनजीओ से जुड़ा हुआ है।

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ललित झा ने अपने सहयोगियों को बताया कि उसने ग्रामीण बंगाल में विशेष रूप से पुरुलिया और झाड़ग्राम जिलों में एक सक्रिय नेटवर्क बना रखा है। ललित झा के एनजीओ सहयोगी नीलाक्ष आइच ने बताया कि दोनों पहली बार कोलकाता में एक कार्यक्रम में मिले थे। आइच ने कहा, ललित झा ने खुद को एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पेश किया, जो पिछड़े वर्गों के लिए सामाजिक कार्य करना पसंद करता है। इसके अलावा उसने अपने बारे में कुछ नहीं बताया।ललित झा ने आइच के एनजीओ सम्यबादी सुभाष सभा के महासचिव के रूप में काम किया है।

ललित झा को यह पद देने के बारे में आइच ने बताया, जो लोग हमारे संगठन का हिस्सा हैं, वे कॉलेज के छात्र हैं। अक्सर हम झारग्राम और पुरुलिया जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में काम के लिए शारीरिक रूप से वहां नहीं जा सकते। ललित झा ने कहा कि वह शारीरिक रूप से ऐसा कर सकते है।यह पूछे जाने पर कि क्या ललित झा ने हमले से संबंधित अपनी योजनाओं के बारे में कोई संकेत दिया था, आइच ने कहा कि उसने कभी भी इसका सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया था। उन्होंने कहा, हालांकि हमने दिसंबर में एक बैठक की योजना बनाई थी और उसके संबंध में उसने कहा था कि बैठक 12 दिसंबर से पहले होनी चाहिए।

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आइच ने कहा कि संगठन के पास ललित झा के पते और उम्र के बारे में कोई विवरण नहीं है। यही वजह है कि उसे संगठन का सदस्यता कार्ड नहीं दिया गया। ललित झा दो मोबाइल नंबरों के बीच स्विच करता रहता था। जब वह एक नंबर का इस्तेमाल करता था, तो दूसरा नंबर बंद हो जाता था। आइच के मुताबिक, ललित झा की उम्र 25-35 साल के बीच लग रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या ललित झा के किसी राजनीति दल से संबंध हैं, आइच ने बताया कि उसने एक बार पूछा था कि क्या भविष्य में उनके एनजीओ को एक राजनीतिक दल के रूप में रजिस्टर्ड कराने की संभावना है।(एजेंसी)