10 हजार चंदा नहीं देने पर गणेश समिति के सदस्यों ने महिला के बेटे और पति से की मारपीट, राज्य महिला आयोग में हुई सुनवाई

Ganesh Samiti members beat up woman son and husband for not giving Rs 10000 donation hearing held in State Womens Commission

10 हजार चंदा नहीं देने पर गणेश समिति के सदस्यों ने महिला के बेटे और पति से की मारपीट, राज्य महिला आयोग में हुई सुनवाई

रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आयोग के कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों पर सुनवाई की. इसमें गणेश समिति के सदस्यों ने चंदा नहीं देने पर महिला के घरवालों से मारपीट मामले में सुनवाई हुई.
इस दौरान एक मामले पर सुनवाई हुई. जिसमें रायपुर के राजेंद्र नगर क्षेत्र में गणेश समिति के सदस्यों ने अवेदिका के घरवालों से मारपीट की. अवेदिका की तरफ से लगाए गए आवेदन के मुताबिक सभी अनावेदकगण गणेश समिति के सदस्य है. तेलीबांधा के इन्द्रा आत्मा नगर पुरेना राजेन्द्र नगर थाने में हर साल गणेश बैठाया जाता है. और सभी अनावेदकगण यही के गणेश समिति के सदस्य है. जिनकी तरफ से गणेश चंदा के नाम पर 10 हजार रुपए की मांग आवेदिका से की गई और गणेश चंदा न मिलने पर अनावेदकगणों ने आवेदिका के बेटे और पति के साथ मारपीट की. 
सुनवाई में मौजूद अनावेदक ने भी अवेदिका पर आरोप लगाया कि आवेदिका के बेटे ने उसके साथ हाथापाई की थी. जिससे उसकी गर्दन में नाखून से खरोच आ गई थी.
इस मामले में थाना राजेन्द्र नगर के सिपाही का नाम भी आवेदिका ने लिया. जिसके बाद आयोग ने इस मामले में राजेन्द्र नगर थाना प्रभारी से 1 महीने के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मंगाई है. ताकि मामले का निराकरण किया जा सके.
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अवैध संबंध को लेकर समझाइश
एक अन्य मामले में आवेदिका के पति का अन्य महिला से बारे होने की शिकायत आवेदिका ने की थी. आवेदिका ने बताया कि उसके पति का अन्य महिला से अवैध संबंध है. जो कि गैर कानूनी है. आयोग के सामने दूसरी महिला ने यह बात कबूल की. उसे आवेदिका के पति से किसी भी तरह का संबंध न रखने की समझाइश देते हुए दो महीने के लिए नारी निकेतन भेजा गया. आवेदिका और उसके बेटों को कहा गया कि अगर उनके पिता अन्य महिला के साथ देखे गए तो फोटो खींचकर आयोग में काउंसलर के पास जमा करे. ताकि अन्य महिला के ऊपर कड़ी कार्रवाई की जा सके. साथ ही अनावेदक को अपने दोनो बच्चों को प्रति माह 8 हजार रुपए भरण-पोषण देने कहा गया और मामले 1 साल के लिए निगरानी में रखा गया है.
शादी का प्रस्ताव देकर धोखाधड़ी मामले की सुनवाई
एक अन्य मामले में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ धोखाधड़ी और शादी का प्रस्ताव देकर शारीरिक, आर्थिक शोषण व प्रताड़ना की शिकायत की थी और आवेदिका से करीब साढ़े तीन लाख रुपए भी अनावेदक ने लिए थे. अनावेदक का विवाह हो चुका है और वह अपने आपको निर्दोष बताने की कोशिश कर रहा है. आयोग ने दोनो पक्षों को समझाइश दी कि वह दोनों अपने कॉल डिटेल वर्ष 2019 से अब तक का निकालकर देंगें. जिसमें एक-दूसरे के मोबाइल नंबर से कब-कब बातचीत हुई है. इसका विवरण होना चाहिए. अगर लेन-देन हुआ है तो उसकी डिटेल भी बैंक से लेकर आए. अगर कोई भी पक्ष आदेश का पालन नहीं करता तो यह माना जाएगा कि वह आयोग से तथ्यों को छुपा रहा है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
बता दें आज आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में 282 सुनवाई की गई. अब तक रायपुर जिले में कुल 133 जनसुनवाई हो चुकी है.
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