राजनीतिक संरक्षण के कारण माफियाओं के हौसले बुलंद, तेजराम विद्रोही- पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र पर हमला, रेत माफियाओं पर हो सख्त कार्रवाई
Mafias are emboldened due to political protection, Tejram Vidrohi- Attack on journalists is an attack on democracy, strict action should be taken against sand mafia

गरियाबंद/राजिम : गरियाबंद जिले में रेत माफियाओं का आतंक चरम पर पहुंच चुका है. कल 9 जून 2025 को पिताईबंद क्षेत्र में पत्रकारों पर रेत माफियाओं के गुर्गों द्वारा किया गया जानलेवा हमला और हवाई फायरिंग लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला है. जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) छत्तीसगढ़ के प्रदेश महासचिव तेजराम विद्रोही ने इस निंदनीय घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना एक साल के अंतराल में दूसरी बार हुई है. जिससे साफ है कि रेत माफियाओं को प्रशासन या कानून का कोई डर नहीं रह गया है.
> “जब जिले में कोई वैध रेत खदान संचालित नहीं हो रही है. तो फिर सड़कों पर रेत से लदे वाहन कैसे बेरोकटोक चल रहे हैं? क्या नदियों के एनीकट में जानबूझकर पानी नहीं रोका जा रहा ताकि अवैध खनन जारी रह सके?” — तेजराम विद्रोही
उन्होंने सवाल उठाया कि जब पत्रकार सच्चाई उजागर कर रहे हैं तो क्या उन्हें अपनी जान की कीमत चुकानी पड़ेगी? अगर सरकार सचमुच "विष्णु शासन" के आदर्शों को लागू करना चाहती है. तो सबसे पहले राजनीतिक संरक्षण, कमीशनखोरी और माफिया राज पर रोक लगानी होगी.
हमारी मांगें:
1. पत्रकारों पर हमले के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर दंड दिया जाए.
2. गरियाबंद जिले में संचालित सभी अवैध रेत खनन की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच हो.
3. रेत माफियाओं को संरक्षण देने वाले जनप्रतिनिधियों की जांच हो.
4. पत्रकारों को सुरक्षा प्रदान की जाए और मीडिया की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए.
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