मंत्री टंकराम वर्मा के गृह जिला में बार-बार चक्कर लगाने से परेशान किसान ने खुलेआम खाया जहर, अफसरों में मचा हड़कंप
Troubled by the repeated visits of Minister Tankaram Verma to his home district, a farmer openly consumed poison, creating panic among the officers

बलौदाबाजार : राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के गृह जिला में छत्तीसगढ़ के एक अन्नदाता ने प्रशासन के लेट-लतीफी के चलते जहर खा लिया. किसान ने त्वरित न्याय नहीं मिलने के चलते तहसील कार्यालय से निकलते ही कार्यालय परिसर में ही जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की. मौके पर मौजूद लोगों व तहसीलदार ने तुरंत किसान को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुहेला में भर्ती कराया. जहां उसका इलाज जारी है. फिलहाल उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. वहीं इस खबर के सामने आते ही स्थानीय प्रशासन में हडकंप मच गया है. मामला बलौदा बाजार जिले के सुहेला का है.
मिली जानकारी के मुताबिक किसान हीरालाल साहू, निवासी बुढ़गहन गांव लंबे समय से अपनी जमीन पर कब्जे से जुड़े विवाद को लेकर परेशान था. यह मामला सुहेला तहसील में चल रहा था. कई चक्कर लगाने के बाद आज भी जब उसे अगली पेशी तारीख दी गई. आखिरकार: प्रशासन से मदद न मिलने के चलते परेशान किसान ने कार्यालय से बाहर निकलते ही जहर खा लिया. इस घटना ने स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. फिलहाल डॉक्टरों की टीम किसान की हालत पर नजर बनाए हुए हैं. लेकिन इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों और किसान संगठनों में आक्रोश बढ़ गया है.
सूत्रों के मुताबिक किसान हीरालाल साहू का भूमि कब्जे से जुड़ा एक मामला सुहेला तहसील में पेंडिंग था. वह लगातार तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहा था. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की बेरुखी और मामले के पेंडिंग रहने की वजह से वह मानसिक रुप से टूट चुका था.
ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने पहले ही उचित कार्रवाई की होती. तो यह हालत नहीं होती. किसान पहले से ही आर्थिक और मानसिक दबाव में रहते हैं. ऐसे में प्रशासन की लापरवाही उनके लिए खुदकुशी जैसे गंभीर कदम उठाने की वजह बन जाती है.
किसानों की खुदकुशी की घटनाएं बढ़ रही हैं. और प्रशासन की निष्क्रियता इस समस्या को और विकराल बना रही है. यह घटना एक बार फिर बताती है कि अगर समय पर प्रशासन ने दखल किया होता. तो आज एक किसान अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई नहीं कर रहा होता.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर ने किसान द्वारा खुदकुशी की कोशिश को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण कहा है. उन्होने कहा कि राजस्व मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का किसान राजस्व अधिकारियों की लापरवाही के चलते खुदकुशी की कोशिश करने को मजबूर हो रहे हैं. इससे यह साबित हो रहा है कि सरकार और सरकार के मंत्री संवेदनहीन हो गये हैं. प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है. यह सरकार की नाकामी और मंत्री जी की नाकामी है.
वहीं मामले को लेकर कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि सुहेला तहसील में मामला सामने आया है. किसान ने जहर खुरानी किया है. मामले की जांच के लिए एसडीएम सिमगा अंशुल वर्मा को निर्देशित किया गया है. जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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