OBC आरक्षण कटौती के खिलाफ आज कांग्रेस का सभी जिला मुख्यालयों में होगा धरना प्रदर्शन, चिटफंड पार्ट-2 हजारों करोड़ की लूट सरकार मौन -डॉ. महंत

Congress will protest in all district headquarters today against OBC reservation cut, Chitfund part-2, loot of thousands of crores, government silent - Dr. Mahant

OBC आरक्षण कटौती के खिलाफ आज कांग्रेस का सभी जिला मुख्यालयों में होगा धरना प्रदर्शन, चिटफंड पार्ट-2 हजारों करोड़ की लूट सरकार मौन -डॉ. महंत

OBC आरक्षण कटौती के खिलाफ कांग्रेस का प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन

रायपुर : छत्तीसगढ़ कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती के खिलाफ आज 15 जनवरी को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना देकर विरोध जतायेगी. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब पूरे प्रदेश में विरोध हो रहा है तो बीजेपी कह रही है कि वह अनारक्षित वर्ग की आधा सीटों में पिछड़ा वर्ग को लड़ायेंगे. पहले पिछड़ों के संवैधानिक अधिकार में डाका डाला. अब जले पर नमक छिड़क रहे हैं. अनारक्षित सीटों पर तो सामान्य, एससी, एसटी, ओबीसी कोई भी लड़ सकता है और जहां पर जैसी परिस्थिति होती है. लोग लड़ते हैं,इसमें भाजपा क्या एहसान कर रही है? भाजपा का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा बेनकाब हो चुका है.
पीसीसी चीफ ने कहा कि बीजेपी सरकार ने जानबूझकर प्रदेश में वर्ग संघर्ष फैलाने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कटौती करने कासाजिश रची है. ताकि प्रदेश की बहुसंख्यक आबादी चुनाव न लड़ सके. पहले तो यह कहा गया पिछड़ा वर्ग के लिए 50% आरक्षण किया जाएगा. जब नियम बनाया तो पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण शून्य की स्थिति में पहुंच गया.
पूरे प्रदेश में जिला पंचायत का एक भी अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित नहीं हुआ है. भाजपाई बेशर्मीपूर्वक कहते हैं पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में कांग्रेस भ्रम फैला रही है. तो भाजपा के नेता और सरकार ही बता दें उनके नये आरक्षण प्रावधान में पिछड़ा वर्ग के लिये क्या व्यवस्था हुई है? पिछड़ा वर्ग का पंचायतों में आरक्षण कम क्यों हो गया? एक भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद में पिछड़ा वर्ग के लिये क्यो आरक्षण नहीं हुआ? भाजपा प्रदेश के आरक्षित वर्ग में वर्ग संघर्ष करवाने यह षड़यंत्र रचा है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान है. सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर सोनहत, बस्तर के 7 जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाडा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित मानपुर मोहला, जशपुर, गैरोला पेंड्रा मरवाही, और कोरबा जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है. इस सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय (त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय) चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है उसके परिणाम सामने हैं.
कांग्रेस के मुताबिक, त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में रायपुर जिला पंचायत में 16 क्षेत्रों में से सिर्फ चार ओबीसी के लिए आरक्षित हैं। बिलासपुर जिले में सदस्यों के 17 में से सिर्फ एक क्षेत्र क्रमांक 1 में ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। ओबीसी पुरुष के लिए 17 में से एक भी सीट आरक्षित नहीं है.
इसी तरह बिलासपुर जिले के चार जनपद पंचायत में दो जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला, एक अनारक्षित महिला और एक जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है. ओबीसी के लिए बिलासपुर जिले के अंतर्गत चार जनपद पंचायतों में से एक भी जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिये आरक्षित नहीं है.
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कांग्रेस के प्रमुख सवाल
1. जिला पंचायत में ओबीसी आरक्षण: छत्तीसगढ़ के 33 जिला पंचायतों में ओबीसी को अध्यक्ष पद पर कितना आरक्षण मिला है?
2. अन्यायपूर्ण प्रतिनिधित्व: बिलासपुर जिला पंचायत में 17 सीटों में केवल एक ओबीसी सीट क्यों?
3. ग्राम पंचायतों में कम आरक्षण: 486 ग्राम पंचायतों में ओबीसी वर्ग को केवल 35 सरपंच सीटें क्यों दी गईं?
केशरवानी ने सवाल उठाया कि यह क्या ओबीसी वर्ग के राजनीतिक अधिकारों को कुचलने की साजिश नहीं है?
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एससी-एसटी वर्गों को भी संविधान द्वारा निर्धारित आबादी के अनुपात में आरक्षण नहीं दिया गया। यह भाजपा सरकार की ‘आरक्षण विरोधी’ मानसिकता को उजागर करता है.
कांग्रेस ने 15 जनवरी को सिविल लाइन थाने में आंदोलन की रणनीति बनाई है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि सभी ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों को आंदोलन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। नगरीय निकाय और पंचायत के प्रतिनिधियों को भी सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया गया है.
जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी और शहर अध्यक्ष विजय पांडे ने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं, अनुषांगिक संगठनों, पूर्व और वर्तमान सांसदों-विधायकों, महापौर, निगम और पंचायत के प्रतिनिधियों से आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया. कांग्रेस सेवादल, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई और किसान कांग्रेस जैसे संगठनों से भी इसमें भाग लेने की अपील की गई है।
कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि यह लड़ाई सिर्फ आरक्षण के आंकड़ों की नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और संवैधानिक अधिकारों की है। भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि आरक्षण कटौती का यह कदम समाज के पिछड़े और वंचित वर्गों की आवाज को दबाने का प्रयास है.
आज 15 जनवरी को होने वाला यह प्रदर्शन न केवल कांग्रेस का राजनीतिक कदम है, बल्कि सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। कांग्रेस ने जनता से इस आंदोलन में बड़ी तादाद में शामिल होने की अपील की है.
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चिटफंड पार्ट-2 हजारों करोड़ की लूट सरकार मौन -डॉ. महंत

छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रामेन डेका को गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों द्वारा प्रदेश की हजारों गरीब महिलाओं और शिक्षित बेरोजगारों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की राशि वापस करने और निवेश के नाम पर बैंकों से दिलवाए गए ऋण को माफ करने के बारे में पत्र लिखा.
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि भाजपा राज में यह चिटफंड पार्ट 2 है. भाजपा की पिछली सरकार में भी प्रदेश के आम गरीब जनों के करोड़ों रुपए चित फंड के नाम पर लूट गए थे. जिसे कांग्रेस की सरकार ने कुछ हद तक गरीबों के रुपये लौटने का काम किया था. वर्ष 2023 में भाजपा की सरकार बनते ही फिर से चिटफंड कंपनियां सक्रिय हो गई है. गरीब, पढ़े लिखें युवा महिलाओ से सिर्फ 1 साल में ही हजारों करोड़ों की धोखाधड़ी हो गयी है. लूटी गयी जनता परेशान है. भाजपा सरकार मौन है.
नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों द्वारा स्व सहायता समूह की महिलाओं एवं शिक्षित बेरोजगारों को निजी क्षेत्र के बैंकों से लोन दिलाने और दिए गए ऋण की राशि को अपनी कम्पनियों में निवेश करवाने के नाम पर प्रदेश के कोरबा, जांजगीर, बालोद समेत छत्तीसगढ़ के 10-12 जिलों की लगभग 40 हजार महिलाओं और शिक्षित बेरोजगार युवकों से हजारों करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी कोरबा की फ्लोरामेक्स कम्पनी और बालोद की सप्तऋषि संस्थान सहित सैकड़ो गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों द्वारा महिलाओं को भरोसा भी दिलाया गया था कि लोन की किश्त की रकम कम्पनी द्वारा भुगतान की जाएगी. ठगो द्वारा शुरुआती किश्त की राशि जमा की गई. और ऋण धारक महिलाओं का सिविल स्कोर बेहतर दिखाकर सभी महिलाओं के नाम 11 निजी क्षेत्र के बैंकों से ज्यादा राशि का लोन लेकर कम्पनी मे इन्वेस्ट करवाया गया और कम्पनियों के कार्यालय बन्द कर कम्पनी संचालक फरार हो गए हैं. और बैंकों से लिए गए ऋण जमा करने के लिए लोन धारक महिलाओं को लगातार नोटिस दिया जा रहा है. भारत के संविधान के अनुच्छेद 46 के मुताबिक राज्य सरकार का यह संवैधानिक उत्तरदायित्व है कि वह जनता के दुर्बल वर्गो के विशिष्टतया अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जन जातियों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितो की विशेष सावधानी से अभिवृद्धि करे और सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से उनकी रक्षा करे. लेकिन सरकार द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर गरीब महिलाओं के आर्थिक हितों की रक्षा करने मे विफल रहने के कारण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यों द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा के चतुर्थ सत्र में दिनांक 17.12.2024 को स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से समाधानकारक कार्यवाही प्रतिवेदन नहीं किया गया तथा स्थगन प्रस्ताव बिना चर्चा किए ही अग्राहय कर दिया गया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि, पीडि़त महिलाएं अपने अधिकार एवं पैसे वापसी हेतु संवैधानिक तरीके से सडक़ की लड़ाई लड़ रही है.
उसी के तहत् 12.01.2024 को कोरबा जिले में धरने पर बैठी पीडि़त महिलाओं द्वारा राज्य सरकार के दो माननीय मंत्री राम विचार नेताम एवं लखनलाल देवांगन जी को दो घंटे से अधिक समय तक धरना स्थल पर घेरकर रखा गया था।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल को पत्र में लिखा है कि, इस गंभीर मामले पर त्वरित रूप से प्रभावित महिलाओं एवं शिक्षित बेरोजगारों की जमा राशि वापस करने एवं बैंको से ली गई ऋण की वसूली रोकने हेतु तथा इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्तियों को सख्ती से रोकने के लिए प्रभावी प्रयास करने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देशित करें.
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भाजपा की सरकार ने पूरे प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक ओबीसी के आरक्षण में कटौती किया -भगवती राजवाड़े

सुरजपुर : ओबीसी आरक्षण शून्य करने के विरोध में जिला कांग्रेस अध्यक्ष भगवती राजवाड़े ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध किया गया है. बताया गया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रावधानों किए गए दुर्भावना पूर्वक संशोधन के चलते ज्यादातर जिला और जनपद पंचायतों में ओबीसी आरक्षण खत्म हो गया है.
प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में जहां पहले 25% सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हुआ करती थी. अब अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है. मैदानी क्षेत्रों में अनेकों पंचायतें ऐसी है जहां पर लगभग 90 से 99% आबादी ओबीसी की है. लेकिन वहां पर भी ओबीसी के लिए सरपंच का पद आरक्षित नहीं है. पंचों का आरक्षण भी जनसंख्या के अनुपात में बहुत कम है. पूर्व में ओबीसी के लिए आरक्षित ये सभी सीटें अब सामान्य घोषित हो चुकी है. साय सरकार के द्वारा आरक्षण प्रक्रिया के नियमों में किए गए दुर्भावना पूर्वक संशोधन के बाद अनुसूचित जिले और ब्लॉकों में जिला पंचायत सदस्य जनपद सदस्य और पंचों का जो भी पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित था. वह अब सामान्य सीटे घोषित हो गई है. बस्तर और सरगुजा संभाग में आरक्षित वर्ग को बड़ा नुकसान है.
सरगुजा संभाग के पांच जिले अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ, चिरमिरी,भरतपुर सोनहत, बस्तर के 7 जिले बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाडा, नारायणपुर, सुकमा,बीजापुर सहित मानपुर मोहला,जशपुर,गैरोला पेंड्रा मरवाही और कोरबा जिले में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं है. इस सरकार के द्वारा स्थानीय निकाय (त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय) चुनाव में आरक्षण के प्रावधानों में जो षडयंत्र पूर्वक ओबीसी विरोधी परिवर्तन किया है. उसके परिणाम सामने हैं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सरपंच और पंचों के आरक्षण में ओबीसी के हक और अधिकारों में बड़ी डकैती इस सरकार ने की है.
त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं में रायपुर जिला पंचायत में 16 क्षेत्रों में से सिर्फ 4 ओबीसी के लिए आरक्षित है बिलासपुर जिले में सदस्यों के 17 में से सिर्फ एक क्षेत्र क्रमांक 1 में ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है,ओबीसी पुरुष के लिए 17 में से एक भी सीट आरक्षित नहीं है.
इसी तरह बिलासपुर जिले के चार जनपद पंचायत में दो जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद अनुसूचित जाति महिला,एक अनारक्षित महिला और एक जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित मुक्त रखा गया है. ओबीसी के लिए बिलासपुर जिले के अंतर्गत चार जनपद पंचायतों में से एक भी जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिये आरक्षित नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी की सरकार के बदनियति से चलते अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं स्थानीय निकाय चुनाव में आरक्षण के संदर्भ में साय सरकार ने जो दुर्भावना पूर्वक संशोधन किया है. वह ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय है.अत्याचार है.
बस्तर,सरगुजा और बिलासपुर संभाग में ओबीसी वर्ग के लिए कुछ बचा ही नहीं जबकि यहां बड़ी आबादी ओबीसी वर्ग की है. भाजपा सरकार ने दुर्भावना पूर्वक संशोधन कर पिछड़ा वर्ग के प्रतिभागियों के अधिकार को कुचल दिया है. भारतीय जनता पार्टी का मूल चरित्र ही आरक्षण विरोधी है. जब ये विपक्ष में थे तब विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित छग नवीन आरक्षण विधेयक को रोका. जिसमें अनुसूचित जनजाति को 32% और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 से बढ़कर 27% आरक्षण देने का प्रावधान था. 2 दिसंबर को पारित यह विधेयक भाजपा के षडयंत्रों के चलते ही आज तक राजभवन में लंबित है अब स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण के नियमों में बदलाव कर ओबीसी अधिकारों में दुर्भावना पूर्वक कटौती किया गया है.
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छग सर्व समाज ओबीसी आरक्षण शून्य करने के विरोध में धरना प्रदर्शन करेगा

बिलासपुर : छग सर्व समाज के प्रदेश अध्यक्ष रमेश यदु द्वारा बिलासपुर में ओबीसी आरक्षण एवं सर्व समाज के आरक्षण के मुद्दे पर बैठक रखी गई. बैठक में सर्व सम्मति से फैसला लिया गया कि सरकार द्वारा जो जिला जनपद पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण में भारी कटौती की गई है. उसके विरोध में बिलासपुर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा. जिसके बाद राजधानी में प्रदेश स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
इस बैठक में प्रमुख रुप से दो कमेटी बनाई गई पहला धरना प्रदर्शन कमेटी और दूसरा न्यायालयीन कार्यवाही कमेटी.. धरना प्रदर्शन कमेटी में प्रमुख रुप से श्याम मूरत कौशिक, लक्ष्मी गहवई, मोहन श्रीवास, रामायण साहू, सुजीत यादव, अनिल यादव ओंकार पटेल एवं कमलेश निर्मलकर और न्यायालयीन कार्यवाही कमेटी में प्रमोद सागर, लक्ष्मी कांत निर्मलकर, टीकम सिंह एवं दुर्गा पटेल शामिल है.
इंजीनियर लक्ष्मी कुमार गहवई संयोजक बनाए गए
बैठक में प्रमुख रुप से रमेश यदु, लक्ष्मी कुमार गहवई श्याम मूरत कौशिक टीकम सिंह अनिल यादव, कमलेश सोनी, पुनाराम कश्यप, राजेश बांधेकर, सुंदर लाल पटेल, दुर्गा पटेल, कमलेश सोनी, लवकुमार बघेल, संतोष श्रीवास, कृष्णा रायकर, संजय कृष, गौरी शंकर यादव, मुकेश वर्मा, पूजा प्रजापति, संध्या प्रणिता रजक रानू सोनी कुसुम सहित बहुत सारे लोग शामिल रहे.
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