छत्तीसगढ़ में फिर झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से डायरिया पीड़ित दो महिलाओं की गई जान, 6 महीने की मासूम बच्ची हुई अनाथ
In Chhattisgarh two women suffering from diarrhea lost their lives due to the treatment of a quack doctor a 6-month-old innocent girl became an orphan
महासमुंद : महासमुंद जिले में संचालित अवैध क्लीनिक और झोलाछाप डॉक्टरों की शिकायत और निरीक्षण के बाद भी खुलेआम अपनी दुकानदारी चला रहे हैं. जबकि झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज के बाद लोगों की तबियत बिगड़ने और मौत तक हो चुकी है. ऐसा ही मामला महासमुंद जिले पिथौरा ब्लाक ग्राम दुरुगपाली पंचायत का है. जहां उल्टी दस्त डायरिया बुखार से दो महिलाओं की मौत हो गई.
ग्रामीण मृतक के परिजन का आरोप है कि ग्राम के उप स्वास्थ्य केंद्र बंद था. तीज पर्व में गए थे. जिसकी वजह से ग्राम के ही धर्मेंद्र गोस्वामी के निजी चिकित्सक के पास इलाज के लिए ले जाया गया. जहां उन्हें इंजेक्शन और दो ग्लूकोस बोतल चढ़ने के बाद मरीज की हालत नाजुक हो गई. जिसके बाद परिजनों द्वारा मरीज की नाजुक हालत को देखते हुए पिथौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां रमा कांति बरीहा उम्र करीब 26 साल जिनकी अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई. जिसकी 6 माह की बच्ची अनाथ हो गई. दूसरी मृतक रमा कांति की पड़ोसी नुवाडाई उम्र 65 जिनकी बुखार उल्टी दस्त ग्राम के निजी चिकित्सक के इलाज के दौरान मौत हो गई.
इस मामले को लेकर बीवी कोसरिया खंड चिकित्सा अधिकारी पिथौरा ने बताया कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कैंप लगाकर डायरिया मरीज की पहचान किया जा रहा है. ग्राम का उप स्वास्थ्य केंद्र बंद नहीं था. मरीज की हालत ग्राम के ही निजी चिकित्सक के इलाज के दौरान बिगड़ी. और पिथौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाने के पहले ही मरीज की मौत हो चुकी थी. ग्राम में इस तरह के निजी झोलाछाप डॉक्टर के ऊपर कलेक्टर के आदेश के मुताबिक ताबड़तोड़ कार्रवाई की बात कही है.
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