छत्तीसगढ़ में आरक्षण नीति के विरोध में उतरा पिछड़ा वर्ग मोर्चा, रैली निकालने के बाद आरक्षण नहीं तो वोट नहीं के नारों के साथ एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
Backward class front came out in protest against reservation policy in Chhattisgarh, after taking out a rally, a memorandum was submitted to SDM with the slogan of no reservation, no vote

बलरामपुर : बलरामपुर जिले में पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने आरक्षण की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। मोर्चा के सदस्य पूरे शहर में रैली निकालने के बाद राजपुर एसडीएम कार्यालय का घेराव करने पहुंचे। एसडीएम को राज्य शासन के नाम पर आवेदन सौंपने के बाद उन्होंने अपना प्रदर्शन समाप्त किया। हालांकि, मोर्चा के लोग 13 जनवरी को चक्का जाम और अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दे चुके हैं.
पिछड़ा वर्ग मोर्चा के सदस्य त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव, नगर पालिका चुनाव और सरकारी नौकरी में आरक्षण के अभाव को लेकर आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि उन्हें सिर्फ कागजों में आरक्षण दिया गया है. जबकि वास्तविकता में इसका फायदा नहीं मिल रहा है. प्रदर्शनकारियों ने पूरे शहर में “आरक्षण नहीं तो वोट नहीं” के नारे लगाए और सरकार से आरक्षण की सही तरीके से लागू करने की मांग की.
अगर सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो ओबीसी मोर्चा ने चुनावों में वोट नहीं देने का संकल्प लिया है. 13 जनवरी को चक्का जाम और अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है, जो इस आंदोलन को और तेज करने का संकेत है.
छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होना है ऐसे में मौजूदा सरकार ने आरक्षण का पैंतरा खेल दिया दिया है. इस आरक्षण पैंतरे से बस्तर और सरगुजा संभाग में मुख्य रूप से ओबीसी वर्ग के लोगों नुकसान होने जा रहा है. ऐसे में सरकार के खिलाफ ओबीसी मोर्चा अब अपने हक की लड़ाई के लिए जमीन पर उतर कर लड़ाई लड़ने को कमरकस ली है.आज इसका विरोध बलरामपुर जिले के राजपुर में देखने को मिला.ओबीसी वर्ग के लोग सैकड़ों की संख्या में इस त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बहिष्कार करते हुए राजपुर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. वहीँ अपनी मांगों को लेकर आगामी 13 जनवरी को राष्ट्रीय मुख्य मार्ग 343 पर चक्का जाम करने का फैसला किया है.
पिछड़ा वर्ग के द्वारा आज आरक्षण नीति के विरोध में राजपुर महुआपारा हाई स्कूल मैदान में भारी संख्या में महिलाएं पुरुष और युवा वर्ग इकठ्ठा होकर एकजुटता दिखाते हुए सभी आरक्षण नहीं तो वोट नहीं के नारो के साथ उन्होंने पूरे शहर में रैली निकालकर प्रदर्शन किया और राजपुर एसडीएम को ज्ञापन सौंप सरकार को जगाने का प्रयास किया. उन्होंने आगामी 13 जनवरी को मुख्य मार्ग में चक्का जाम एवं अनिश्चितकालीन आंदोलन की चेतावनी दी है.
मौजूदा सरकार के आरक्षण नीति से नाराज ओबीसी मोर्चा को अब अपनी भविष्य की चिंता सताने लगी है.ओबीसी वर्ग का मानना है कि सरकार धीरे-धीरे ओबीसी वर्ग की उपेक्षा कर रही है. संविधान में जब सभी वर्गों को उनकी संख्या के आधार पर आरक्षण दिया गया है. उसमें ओबीसी वर्ग को छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभाग में उपेक्षित किया जा रहा है. जबकि पुरे छत्तीसगढ़ में ओबीसी वर्ग की संख्या 2011 की जनगणना के मुताबिक 41% और समान्य रुप से 52% आंकी गई है. जिसके बाद भी सरकार के द्वारा ओबीसी वर्ग को आरक्षण का लाभ नही दिया जाना दूर्भाग्यपूर्ण बात है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से लेकर शिक्षा, सरकारी नौकरी,व्यवसाय आदि में सरकार ओबीसी वर्ग को लाभ देना शून्य करते जा रही जिससे ओबीसी वर्ग के लोगों को भविष्य की चिंता सता रही है. पिछले कुछ दशकों से कई सरकारों के द्वारा धीरे-धीरे ओबीसी वर्ग को सभी क्षेत्रों से शून्य किया जा रहा था. जिसे बड़ी ही आसानी से उस वर्ग के कबूल भी करते आ रहे थे लेकिन अब उस वर्ग को उनके भविष्य की चिंता सताने लगी है.
उनका मानना है कि आने वाले समय में ओबीसी वर्ग का अस्तित्व खत्म कर दिया जाएगा और आने वाले समय में पेशा कानून से भी ओबीसी वर्ग को समस्याएं होने वाली है. अपने आने वाली पीढ़ी को संवारने और उनकी भविष्य की चिंता दूर करने के आज छत्तीसगढ़ का पुरा ओबीसी वर्ग एक जुट हो कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अपनी मांगों को लेकर राजपुर के ओबीसी मोर्चा आगामी 13 जनवरी को सरकार के विरोध में बृहद रुप से राष्ट्रीय राज्य मार्ग 343 पर चक्का जाम कर प्रदर्शन करने जा रही है. जिसमें सैकड़ों की तादाद में महिला पुरुष मौजूद रहेंगे. इस आंदोलन से कहीं ना कही मौजूदा सरकार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नुकसान होने का पुरा अनुमान लगाया जा है.
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