भाजपा महापौर प्रत्याशी का जाति प्रमाण पत्र विवाद, मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सपा प्रत्याशी ने कोर्ट में दाखिल की याचिका, सर्टिफिकेट की वैधता पर उठे सवाल

Caste certificate controversy of BJP mayor candidate, matter reached High Court, SP candidate filed petition in court, questions raised on validity of certificate

भाजपा महापौर प्रत्याशी का जाति प्रमाण पत्र विवाद, मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सपा प्रत्याशी ने कोर्ट में दाखिल की याचिका, सर्टिफिकेट की वैधता पर उठे सवाल

बिलासपुर : बिलासपुर नगर निगम में महापौर पद की भाजपा प्रत्याशी एल. पदमजा ऊर्फ पूजा विधानी के ओबीसी जाति प्रमाण पत्र को लेकर विवाद गहरा गया है. कांग्रेस द्वारा प्रमाण पत्र की वैधता पर सवाल उठाए जाने के बाद अब यह मामला हाईकोर्ट पहुंच चुका है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी आकाश मौर्य ने जाति प्रमाण पत्र को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है.
बसपा प्रत्याशी आकाश मौर्य ने अधिवक्ता लवकुश साहू के जरिए हाईकोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के लिए आवेदन दिया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि निर्वाचन अधिकारी (RO) ने भाजपा प्रत्याशी के जाति प्रमाण पत्र से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए. जिसके चलते यह मामला अदालत में पहुंचा. हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने याचिका को पंजीकृत कर लिया है और मंगलवार को सुनवाई की उम्मीद है.
कांग्रेस ने शुरुआत से ही पूजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का आरोप है कि उनका प्रमाण पत्र आंध्रप्रदेश से जारी हुआ है. जो छत्तीसगढ़ में मान्य नहीं होना चाहिए. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग में आपत्ति दर्ज कराई थी. लेकिन आयोग ने इसे खारिज कर दिया.
भाजपा की महापौर प्रत्याशी पूजा विधानी ने कहा कि उनका जाति प्रमाण पत्र 1995 में वैध रूप से बना है. जो नियमों के मुताबिक है. हालांकि चुनाव के बाद भी यह मुद्दा पूरी तरह खत्म होने की संभावना कम है. क्योंकि राजनीतिक दल इसे लगातार मुद्दा बना रहे हैं.
अब हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं. अगर अदालत जाति प्रमाण पत्र को लेकर कोई अहम फैसला देती है. तो यह बिलासपुर महापौर चुनाव की तस्वीर को प्रभावित कर सकता है.
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