बच्चों के लिए भेजे सामान में धांधली उजागर, आंगनबाड़ी केंद्रों में कुतरे साबुन, जंग लगे नेल कटर और टूटे टब की सप्लाई, जांच के आदेश जारी
Fraud in the goods sent for children exposed, broken soaps, rusted nail cutters and broken tubs supplied in Anganwadi centres, orders issued for investigation

दुर्ग : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए भेजा गया सामान घटिया निकला. साबुन के पैकेट चूहों द्वारा कुतरे गए. नेल कटर जंग लगे थे और बाल्टी, टब, कंघी टूटे-फूटे मिले. करीब 750 केंद्रों में ऐसी शिकायतें मिलीं. अफसर जिम्मेदारी से बचते नजर आए. कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
महिला बाल विकास पूरी तरह से धांधली का अड्डा बन चुका है. जहां बच्चो को स्वास्थ्य वाले सामानों में भी जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े अपने साथ सचिव को लेकर आंगनबाड़ियों का औचक निरीक्षण कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर जिस तरह रौब दिखा रही है. क्या इस तरह इन भ्रष्ट अधिकारियों पर भी नकेल कस पाएगी या नही? यह बड़ा सवाल अब उठने लगा है.
दरअसल दुर्ग जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चो के स्वास्थ्य और उनकी रक्षा की देखभाल के लिए जो समान भेजे गए. उसमें घटिया निम्न स्तर की सामग्री भेजकर बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है. बच्चो के हाथ धोने के लिए साबुनों की हालत यह है कि सारे पैकेट को चूहों ने कुतर दिया है. वही जंग लगे हुए नेलकटर, टूटे हुए टब और टूटी हुई कंघी टूटे टॉयलेट क्लीनर की बोतले सप्लाई की गई है. यह हालात सिर्फ दुर्ग जिले का ही नही है मसलन यही हालात हर आंगनबाड़ी केंद्रों का है.
बताते चले कि प्रदेश भर के 33 जिलों में 39815 आंगनबाडी केंद्र स्वीकृत हैं. इन आंगनबाड़ी केन्द्र की अगर बारीकी से जांच कराई जाए तो यह मंजर हर आंगनबाड़ी केंद्रों में नजर आएगा. मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े जिनको अपना मंत्रालय और सचिवालय जिसको टाइट करना चाहिए वह आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर रौब दिखाती नजर आती हैं. यही नही इस विभाग की सचिव जिनके घर बीते दिनों सीबीआई ने दबिश दी. वह भी मंत्री मेडम के अंदाज के कार्यकर्ताओ को फटकारती नजर आ रही हैं. मगर इस सारे भ्रष्टाचार और धांधली में जब सवाल पूछा जाए तो वह चुप्पी साध लेती हैं.
उक्त मामले में बच्चो के स्वास्थ्य और उनके जीवन से खिलवाड़ करने वालो पर कार्रवाही किया जाना चाहिए. मगर मंत्री जी अपने विभाग की सचिव को ही साधने की जुगत में लगी हुई है. कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
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