पत्रकार मुकेश चंद्राकर की सेप्टिक टैंक में मिली लाश, CM साय ने जताया शोक, पत्रकारों में आक्रोश, बीजापुर बंद का आह्वान, आज होगा चक्काजाम
Journalist Mukesh Chandrakar's body found in a septic tank, CM Sai expressed grief, journalists angry, call for Bijapur bandh, road blockade to take place today
बीजापुर : तीन दिन से लापता पत्रकार मुकेश चंद्राकर की लाश घर से 2 किमी और बीजापुर थाने से पांच किमी की दूरी पर चट्टानपारा इलाके में सेप्टिक टैंक में मिली है. लाश मिलने की खबर पर पुलिस ने मौके की घेराबंदी कर जांच में जुट गई.
बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में रायपुर प्रेस क्लब और छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने कैंडल मार्च निकालकर हत्यारों को फांसी देने की मांग की है. दुर्ग में रायपुर प्रेस क्लब के सदस्यों नें कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है. और इस घटना ने राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने सरकार से मांग की कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए.बता दें कि NDTV के लिए काम करने वाले स्वतंत्र पत्रकार मुकेश की हत्या से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है. पत्रकारों ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कठोर से कठोर सजा दोषियों को देने की मांग की है.
युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में आज शनिवार 4 जनवरी को बीजापुर बंद का आह्वान किया गया है. हत्या के विरोध में अस्पताल चौक में दो घंटे का सांकेतिक चक्का जाम किया जाएगा.
ये मांगें है
1.बीजापुर सहित बस्तर संभाग में सुरेश चंद्राकर की जितनी भी संपत्तियां है उसे जब्त कर सरकारी संपत्ति घोषित की जाए.
2.हत्याकांड में संलिप्त सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर और अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत FIR तथा फांसी की सजा हो.
3.सुरेश चंद्राकर की सुरक्षा में लगाए जवानों को हटाया जाए
4.सुरेश चंद्राकर को जारी सभी टेंडर रद्द किया जाए. सभी बैंक खाते, पासपोर्ट सील किए जाए.
5.घटना स्थल चट्टान पारा में बने अवैध बाड़ा को फौरन निस्तेनाबूत किया जाए, गंगालूर रोड पर स्थित प्लांट सील किया जाए और गाड़ियों को राजसात किया जाए.
6.पुलिस अधीक्षक बीजापुर जितेंद्र सिंह को फौरन सस्पेंड या तबादला किया जाए.
7.युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर को शहीद का दर्जा दिया जाए.
उक्त मांगें नहीं माने जाने पर 5 जनवरी से बीजापुर में अनिश्चिकालीन चक्का जाम किया जाएगा.
रायपुर प्रेस क्लब के सदस्यों ने जय स्तंभ चौक स्थित शहीद वीरणारायण की प्रतिमा स्थल पर मुकेश को श्रद्धांजलि दी और 2 मिनट का मौन रखा. इस दौरान पत्रकारों ने मुकेश के हत्यारों को फांसी देने की मांग की.
रायपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर और महासचिव डॉ. वैभव शिव पांडेय ने कहा कि बीजापुर के युवा पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर की हत्या हमारे लिए स्तब्ध करने वाली बेहद दुखद घटना है. बस्तर में पत्रकारिता हमेशा से चुनौतियों से भरी रही है. लेकिन ताजा घटना ने बता दिया है कि एक भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने की कीमत जान दे कर चुकानी होती है. साथी मुकेश चंद्राकर की हत्या से प्रदेश भर के पत्रकारों में गहरी पीड़ा और आक्रोश है.
रायपुर प्रेस क्लब ने इस हत्याकांड की एसआईटी से जांच और हत्यारों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही राज्य सरकार से बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है. शोक की इस घड़ी में रायपुर प्रेस क्लब ने साथी मुकेश चंद्राकर के परिवार के साथ खड़े रहने का संकल्प लिया है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की दुखद मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की. मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के निर्देश दिये हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक मुकेश चंद्राकर बस्तर जंक्शन’ नामक यूट्यूब चैनल के एडमिन थे. वो 1 जनवरी की शाम टी-शर्ट और शॉर्ट्स में घर से बाहर निकले थे. कुछ देर के बाद उनका फोन स्विच ऑफ हो गया. रात तक घर नहीं लौटने पर उनके भाई और पत्रकार युकेश चंद्रकार ने करीबियों के घर, शहर में अलग-अलग जगह पता लगाया. कोई खबर नहीं मिलने पर युकेश चंद्रकार ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी.
मुकेश के गुमशुदगी रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए IG सुंददराज पी ने बताया था कि टीम को पड़ताल के लिए एक्टिव किया गया है. जानकारी पर एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही थी. इसके अलावा पुलिस की एक टीम को दिल्ली रवाना किया गया था.
सड़क निर्माण से जुड़े भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर मुकेश चंद्राकर के विवाद की संभावना जताई जा रही है. भ्रष्टाचार को लेकर मुकेश चंद्राकर ने अपनी जांच रिपोर्ट्स और सामग्री साझा की थी.
जो ठेकेदारों और अधिकारियों के लिए असहज हो सकती थी. इससे उनकी हत्या के पीछे का कारण साफ होता है कि शायद यह हत्या मुकेश चंद्राकर के सख्त रुख और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके कदम उठाने के कारण हुई.
उनकी हत्या ने न सिर्फ बस्तर क्षेत्र बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. उनकी मौत एक बड़ी चेतावनी बनकर सामने आई है. जिससे यह साफ़ होता है कि पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपनी आवाज़ उठाने की कीमत चुकानी पड़ सकती है.
इस जघन्य हत्या के सभी पहलुओं को सुलझाने के लिए ठेकेदार और अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस ने ठेकेदार के भाई रितेश चंद्राकर को दिल्ली से हिरासत में लिया है और पूछताछ जारी है.
मुकेश के परिवार ने ठेकेदार पर हत्या का आरोप लगाया है. उनके भाई यूकेश ने बताया कि 1 जनवरी को आखिरी बार मुकेश ने बताया था कि ठेकेदार का भाई रितेश उन्हें लेने आ रहा है. इसके बाद उनका फोन बंद हो गया. वहीं, कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने भी घटना की गहराई से जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की.
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मोबाइल फोन का लॉस्ट लोकेशन ठेकेदार के घर के पास मिला।ठेकेदार पूरे परिवार समेत फरार
मुकेश चंद्राकर एक जनवरी की शाम से लापता थे. काफी देर तक कोई जानकारी ना मिलने पर उनके भाई ने पुलिस को खबर किया. इसके बाद उनकी तलाशी शुरु हुई तो मोबाइल की आखिरी लोकेशन एक बाड़े में बने सेप्टिक टैंक में मिली. इसके बाद वहां जाकर देखा गया तो उनकी लाश बरामद हुई.
लाश जिस सेप्टिक टैंक से बरामद हुई. वह टैंक एक ठेकेदार के परिसर में बना हुआ था. लाश की हालत काफी खराब हो गई थी. फूलने की वजह से लाश सड़ने लगी थी. पत्रकार की पहचान शुरुआती तौर पर कपड़ों से की गई. बताया जा रहा है कि मुकेश का इसी ठेकेदार से पहले विवाद भी हुआ था. विवाद की जड़ें भ्रष्टाचार से जुड़ी हुई बताई जा रही हैं.
लाश को सेप्टिक टैंक में डालने के बाद उसे पूरी तरह से कांक्रीटीकरण कर दिया गया था. आमतौर पर सेप्टिक टैंक में एक हिस्सा खुला छोड़ा जाता है. जिस पर ढक्कन लगाया जाता है. आरोपियों ने लाश को छिपाने के लिये पूरी तरह से कांक्रीटीकरण कर दिया था.
इसी बीच पुलिस ने मुकेश चंद्राकर के मोबाइल का लास्ट लोकेशन चेक किया तो उसके फोन का लॉस्ट लोकेशन ठेकेदार के घर के पास मिला. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर देखा तो सेप्टिक टैंक में किसी का शव दिखा.
मुकेश की तलाश के लिए परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उनका कहना था कि मुकेश को नये साल पर एक जनवरी एक युवक घर पर बुलाने आया था. उसके बाद से उसका मोबाइल बंद बता रहा था. चर्चा है कि मुकेश को ले जाने वाला युवक फिलहाल दिल्ली में है. वहीं सूत्रों के मुताबिक सड़क निर्माण में गड़बड़ी को लेकर मुकेश चंद्रकार की ठेकेदार सुरेश चंद्राकर से अनबन चल रही थी. उन्होंने उस ठेकेदार के खिलाफ भ्रष्टाचार की खबर को उजागर किया था. ठेकेदार सुरेश चंद्राकर पहले एसपीओ था. इतना ही नहीं वह हेलिकॉप्टर से बारात लेकर जगदलपुर गया था. तब चर्चा में आया था.
ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के छोटे भाई रितेश चंद्राकर की CG20 3333 नंबर की कार रायपुर एयरपोर्ट पर खड़ी है और गुरुवार को 6:40 बजे दिल्ली फ्लाइट में फरार हुआ है. ठेकेदार पूरे परिवार समेत फरार है. सुरेश चंद्राकर का सबसे छोटा भाई पुलिस हिरासत में है. पुलिस पूछताछ कर रही है.
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