छत्तीसगढ़ में पढ़ने वाले बच्चों पर रहेगी अब शासन की सीधी नजर, रायपुर में स्थापित हुआ विद्या समीक्षा केंद्र, ई-आफिस प्रणाली की शुरुआत

Now the government will keep a direct eye on the children studying in Chhattisgarh Vidya Samiksha Kendra established in Raipur e-office system started

छत्तीसगढ़ में पढ़ने वाले बच्चों पर रहेगी अब शासन की सीधी नजर, रायपुर में स्थापित हुआ विद्या समीक्षा केंद्र, ई-आफिस प्रणाली की शुरुआत

ई-आफिस प्रणाली की शुरुआत

रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने तीन पोर्टलों ई-ऑफिस प्रणाली, मुख्यमंत्री कार्यालय ऑनलाइन पोर्टल और स्वागतम पोर्टल का शुभारंभ किया.
सरकारी काम-काज में ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए अधिकाधिक क्षेत्रों में आईटी का उपयोग किया जा रहा है. ये तीनों ऑनलाईन पोर्टल तैयार किए गए हैं. जिसका शुभारंभ मंत्रालय महानदी भवन में बटन दबाकर मुख्यमंत्री ने किया. इस दौरान मुख्यमंत्री साय ने मुख्य सचिव को सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने के निर्देश देने संबंधी फाइल का डिजिटल अनुमोदन कर ई-ऑफिस प्रणाली का शुभारंभ किया.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आमजन की सुविधा के लिए एक साथ तीन-तीन ऑनलाइन प्रणाली का शुभारंभ किया है. ई-ऑफिस प्रणाली से फाइलों के निराकरण में अनावश्यक देरी नहीं होगी. गलती की गुंजाइश कम होगी. फाइल किस स्तर पर है. इसकी ट्रेकिंग हो सकेगी.
इसी तरह मंत्रालय में मुख्यमंत्री, मंत्रीगणों और अधिकारियों से मिलने जो आंगतुक आते है, उनकी सुविधा के लिए स्वागतम पोर्टल भी शुरू किया गया है. इसके माध्यम से सरकार की योजनाओं, कार्यक्रमों, जनहितैषी फैसलों और काम-काज की जानकारी आम लोगों को मिलेगी.
ई-ऑफिस प्रणाली शुरुआती चरण में सामान्य प्रशासन विभाग में लागू किया गया है. जिसे क्रमशः सभी विभागों में लागू किया जाएगा. ई-आफिस प्रणाली में आफिस के दस्तावेज डिजिटल किये जाएंगे. दस्तावेज में हेरफेर किये जाने की गुंजाईश खत्म हो जाएगी. दस्तावेजों के खोने या गायब होने की दिक्कत नहीं रहेगी. डिजिटल माध्यम में दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे. उन्होंने कहा कि अब तय समय-सीमा पर फाइलों का निराकरण हो सकेगा. इससे अधिकारियों के कामकाज की मॉनिटरिंग भी आसान हो सकेगी. ई-आफिस सिस्टम आने से आम जनता के लिए भी अपने आवेदनों के निराकरण की स्थिति जानने में आसानी होगी.
इसी तरह मंत्रालय में प्रवेश के लिए स्वागतम पोर्टल के जरिए आगंतुकों के प्रवेश की व्यवस्था आसान हो जाएगी. आगंतुकों से संबंधित विवरणों के संधारित हो जाने से मंत्रालय परिसर की सुरक्षा सुदृढ़ होगी.
इसके साथ ही सीएमओ पोर्टल का भी शुभारंभ किया गया. सीएमओ पोर्टल के माध्यम से सरकारी योजनाओं की जानकारी एक क्लिक पर लोगों को मिल सकेगी. इस पोर्टल के जरिए छत्तीसगढ़ के कला संस्कृति इतिहास और अन्य विशेषताओं के बारे में लोग जान पाएंगे. छत्तीसगढ़ के कई जिलों और उससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां इस पोर्टल पर उपलब्ध होगी.
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, विधायक मोतीलाल साहू, गजेंद्र यादव, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद, बसवराजू एस,  सुशासन एवं अभिसरण विभाग के सचिव राहुल भगत, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव मुकेश बंसल, अन्बलगन पी. सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे.
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पढ़ने वाले बच्चों पर रहेगी अब शासन की सीधी नजर, रायपुर में स्थापित हुआ विद्या समीक्षा केंद्र

रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के प्रदर्शन पर नजर रखने के लिए राजधानी रायपुर में विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित किया गया है. जिसमें स्कूलों के साथ उनमें पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे के प्रदर्शन पर भी अब सीधी नजर रखी जाएगी. सॉफ्टवेयर एवं मोबाइल एप्प का विकास और कॉल सेंटर के जरिए मॉनिटरिंग आई.आई.टी. भिलाई की मदद से किया जा रहा है.
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं की ऑनलाईन मॉनिटरिंग एवं आंकड़ों के विश्लेषण करने के लिए रायपुर स्थित पेंशन बाड़ा में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना की गई है. इस केन्द्र के जरिए शासन की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू एवं मॉनिटरिंग करने में आसानी होगी. स्कूल और उनमें पढ़ने वाले एक-एक बच्चों के प्रदर्शन का रीयल टाइम ब्यौरा मुहैया कराएगा.
विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना से शासन की विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं से संबंधित जानकारी एवं सुविधाओं को विद्यार्थियों, पालकों एवं शिक्षकों तक आसानी से उपलब्ध हो सकेगी. शालाओं में मूलभूत संरचनाओं की उपलब्धता, मरम्मत, उपयोगिता आदि की सतत् मॉनिटरिंग की जाएगी. ताकि विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए उचित एवं पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो सके और बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सके. इसके द्वारा शिक्षकों की पदस्थापना से सबंधित जानकारियों की भी मॉनिटरिंग की जा रही है.
विद्या समीक्षा केन्द्र के अंतर्गत शिक्षकों का विवरण, यूडाइस डाटा, मध्यान्ह भोजन, शिक्षक प्रशिक्षण से सबंधित मॉनिटरिंग, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति, अधिकारियों के द्वारा शालाओं का निरीक्षण, विद्यार्थियों का मूल्यांकन आदि तथा केन्द्र सरकार से सबद्ध शैक्षिक योजनाओं की नियमित आनलाइन मानिटरिंग की जाएगी. योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए काल सेंटर स्थापित किया गया है. विद्यार्थियों, पालकों एवं शिक्षकों की शैक्षिक गतिविधियों से संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिये एक टोल-फ्री नम्बर भी जारी किया जाएगा.
स्कूल में मूलभूत सुविधाएँ जैसे शाला भवन, शौचालय, विद्युत् व्यवस्था आदि उपलब्ध है या नहीं है के बारे में एआई आधारित माड्यूल के उपयोग से जानकारी ली जा रही है. मिली जानकारियों की लिस्ट के साथ की सहायता से स्कूलों का चिन्हांकन भी किया जा रहा है.
एआई के उपयोग से ही बच्चों को दी जाने वाली मध्यान्ह भोजन की जानकारी ली जा रही है. एआई के जरिए ही मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत बच्चों को परोसी जानी वाली सामग्रियों की गुणवत्ता का विश्लेषण किया जाएगा. जिससे बच्चों को पर्याप्त मात्रा में भोजन मिल रहा है कि नहीं इसकी जानकारी भी मिल सकेगी.
एआई (Artificial Intelligence) के उपयोग से शिक्षकों के डाटा के विश्लेषण की सुविधा भी विद्या समीक्षा केन्द्र के अंतर्गत तैयार की गई है। विषयवार शिक्षकों की जानकारी, अतिशेष शिक्षकों की जानकारी, एकल शिक्षकों की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी.
भविष्य में एआई के उपयोग से विद्यार्थियों के अकादमिक आंकलन/मूल्यांकन का विश्लेषण किया जाएगा. जिससे कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष फोकस किया जा सकेगा. शाला में उपलब्ध सुविधाएँ, शिक्षकों की जानकारी तथा विद्यार्थियों के अकादमिक गतिविधियों के आंकड़े के आधार पर एआई आधारित विश्लेषण किया जाएगा. मिली जानकारी और विभिन्न पैरामीटर के आधार पर शालाओं की रैंकिंग की जाएगी.
ज्ञातव्य है कि एन.सी.ई.आर.टी. के द्वारा 12-13 अगस्त 2024 को नई दिल्ली में विद्या समीक्षा केंद्र के सम्बन्ध में कार्यशाला का आयोजन किया था. जिसमें छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के नोडल आफिसर शामिल हुये थे. उक्त कार्यशाला में विद्या समीक्षा केंद्र छत्तीसगढ़ द्वारा विकसित एआई-मॉड्यूल की जीवंत प्रस्तुतीकरण किया गया. जिसकी भारत शासन, शिक्षा मंत्रालय द्वारा सराहना की गई.
छत्तीसगढ़ के एआई-मॉड्यूल को राष्ट्रीय स्तर पर विशेष कार्य करने तथा अन्य राज्यों के साथ साझा करने के सम्बन्ध में भारत शासन से ई-मेल मिला है. जल्द ही एआई-मॉड्यूल को विकसित रुप भारत शासन, शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के सामने पेश किया जायेगा.
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