पिता के देहांत के बाद छोटी बहन की अर्थी को कंधा देकर अंतिम संस्कार का फर्ज निभाई बड़ी बेटी ब्रह्माकुमारी बहन, नजारे को देखकर लोगों के नहीं रुक रहे थे आंसू
After father death elder daughter Brahmakumari sister shouldered her younger sister bier and performed the last rites Seeing the scene tears of people were not stopping

गरियाबंद/छुरा : छुरा के ग्राम तरिघाट मे नवरात्रि की विजया दशमी को नवाखाई और दुर्गा विसर्जन की तैयारी में समूचा ग्रामीण समाज लगा हुआ था. इसी बीच सुबह करीब 10-11 बजे गांव के वर्मा परिवार से स्व प्यारे लाल वर्मा की सबसे छोटी बेटी कु मनीषा वर्मा उम्र 26 साल जो बचपन से ही मानसिक और शारीरिक तौर से विकलांग थी. उसकी आकस्मिक मौत हो गई. जिससे गांव मे शोक के साथ धार्मिक आयोजन पूजन आदि कार्यक्रम बंद किया गया.
उस समय सबकी आंखे भर आई जब बड़ी बहनो ने कुमारी मनीषा का शव अपनी कन्धो पर लेकर वर्मा समाज और ग्रामवासियो के साथ अंतिम संस्कार की यात्रा के लिये रवाना हुई. इस नजारे को देखकर लोगों के आंसू नहीं रुक रहे थे. जीवन में त्याग, तपस्या के बल पर आध्यात्मिक जीवन को समर्पित समाज को दिशा निर्देशित करने वाली ब्रह्माकुमारी अंशु दीदी पिता के बाद अब बहन की अंतिम संस्कार के क्रिया कर्म खुद कर ग्रामीण समाज मे नारी अस्तित्व की महत्ता को पेश किया. अध्यात्म के साथ, सामाजिक, सांसारिक और पारिवारिक दायित्वो का निर्वहन करते बड़ी बेटी होने का पूरा फर्ज निभाती रही है.
ग्राम तरिघाट वर्मा समाज के चिमन और ग्राम पटैल मुकेश वर्मा ने बताया कि प्यारे लाल वर्मा की सात बेटियां हैं. पिता की मौत के बाद बड़ी बेटी परिवार को संभाल रही है. मां गिरिजा वर्मा बहुत ही मेहनती है. जो घर की खेती संभाल कर सात-सात बेटियो को पढ़ा लिखा कर इस लायक बनाई है. ये समाज के लिये गौरव का बात है.
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