पुलिस हिरासत में मौत, दोषियों पर हत्या मामला दर्ज करने की मांग, इंसाफ नहीं मिलने पर मृतक के परिजनों ने दी आत्मदाह की चेतावनी

Death in police custody, demand to register murder case against the culprits, family members of the deceased threatened to commit suicide if justice is not given

पुलिस हिरासत में मौत, दोषियों पर हत्या मामला दर्ज करने की मांग, इंसाफ नहीं मिलने पर मृतक के परिजनों ने दी आत्मदाह की चेतावनी

राजनांदगांव : धमतरी जिले के अर्जुनी थाना में पुलिस अभिरक्षा में दुर्गेन्द्र कठौलिया की मौत के मामले को लेकर परिजनों ने 15 दिन के भीतर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर जांच कर दोषियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की. वरना जनआंदोलन की चेतावनी दी.
मृतक की पत्नी दुर्गा कठौलिया, पिता लक्ष्मण कठौलिया और माता सुशीला कठौलिया ने ज्ञापन के जरिए कहा कि दुर्गेन्द्र कठौलिया राजनांदगांव के भंवरमरा का निवासी था. जिसे धमतरी जिले के अर्जुनी थाना प्रभारी द्वारा भिलाई में स्थित डी-मार्ट से 29 मार्च को शाम करीव 5 बजे अभिरक्षा में उसकी पत्नी और उनके नाबालिग बच्चों की मौजूदगी अर्जुनी थाना उसके कार सहित जबर्दस्ती ले जाया गया. उसकी पत्नी द्वारा विरोध करने पर उसे भी गिरफ्तार करने की धमकी दी गई. अभद्र व्यवहार कर गाली-गलौज कर उसको गिरफ्तार कर पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने के नाम पर ले गए. 
दूसरे दिन 30 मार्च को मृतक दुर्गेन्द्र कठौलिया के माता-पिता और पत्नी व उसके अधिवक्ता पतासाजी करते धमतरी में रुद्री थाना, कोतवाली थाना के अलावा अर्जुनी थाना गए. तब पता चला कि अर्जुनी में थाना प्रभारी द्वारा दुर्गेन्द्र को पूछताछ के लिए लाया गया है.
पुलिस अभिरक्षा में मुलाकात करने के बाद वे सभी वापस ग्राम भंवरमरा आ गए. जैसे ही दुर्गेन्द्र के माता-पिता और पत्नी वापस गांव पहुंचे। वैसे ही थाना प्रभारी अपने पुलिस अधिकारियों तथा कृषकों के साथ मृतक को साथ लेकर रात में भंवरमरा पहुंचे और बगैर कोई महिला आरक्षक और सर्च वारंटी के घर में घुसकर महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार और गाली-गलौज करते मृतक के माता-पिता व उसकी पत्नी को गिरफ्तार करने की धमकी देते उनके ही सामने दुर्गेन्द्र के साथ लोहे का सांकल से मारपीट करने लगे. साथ ही घर के सभी जरुरी दस्तावेजों को बगैर बताए, लाईसेंसी रिवाल्वर व उसके 3 जिंदा कारतूस को साथ लेकर चले गए.
दूसरे दिन सुबह दुर्गेन्द्र को बगैर गिरफ्तारी की खबर परिवार वालों को दिए. 31 मार्च को अदालत में पेश कर 4 अप्रैल तक के लिए रिमांड लिया गया. जब अदालत में मृतक दुर्गेन्द्र को पेश किया तब उसका फर्जी डॉक्टरी मुलाहिजा रिपोर्ट पेश कर पुलिस ने रिमांड लिया गया. रिमांड में 31 मार्च को मृतक दुर्गेन्द्र को लेने के बाद उसी दिन शाम को पूछताछ के नाम पर उसे प्रताडि़त व मारपीट किया. और 31 मार्च को उसकी पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई. मौत के बाद उसे करीब 8 बजे जिला चिकित्सालय धमतरी ले जाया गया. जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया.
मौत की जानकारी पुलिस द्वारा मृतक के परिजनों को एक अप्रैल को सुबह करीब 7 बजे दी गई. खबर देने गए पुलिस द्वारा मृतक की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर उसके माता-पिता और पत्नी को अपने साथ धमतरी ले जाने की कोशिश की गई. वे लोग नहीं गए. तब कुछ देर बाद मर्ग सूचना की जानकारी देते उक्त दस्तावेज पर बेवजह पुलिसिया दबाव बनाकर दस्तखत ले लिया गया. तब पता चला कि मृतक दुर्गेन्द्र की पुलिस अभिरक्षा में मौत हो गई. शाम करीब 5 बजे मृतक का पोस्टमार्टम न्यायिक जांच अधिकारी की मौजूदगी में किया गया. इसके बाद शव को मृतक के परिजनों को सौंपा गया. दूसरे दिन 2 अप्रैल को दाह संस्कार गृह ग्राम भंवरमरा में किया गया.
उन्होंने मांग करते कहा कि इस आवेदन पर 15 दिन के भीतर जरुरी जांच को पूरी करते थाना प्रभारी शन्नी दुबे के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करते पीड़ित परिवार के सदस्यों को अंतरिम सहायता के तौर पर मुआवजा की रकम 10 करोड़ रुपए प्रदान किया जाए. वरना समयावधि 15 दिन बाद मृतक के परिजन क्रमिक भूख हड़ताल आमरण-अनशन व आत्मदाह करने विवश और लाचार होंगे. जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की होगी.
बताया जा रहा है कि पुलिस हिरासत में अपने बेटे की मौत के बाद उसके लिए इंसाफ की मांग करते बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और बच्चियां भटक रहे हैं. कलेक्टर के जरिए राज्यपाल, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री, आईजी के नाम ज्ञापन देकर उन्होने इंसाफ दिलाने की मांग की है औरइंसाफ नहीं मिलने पर परिवार सहित सामूहिक आत्मदाह करने की चेतावनी दी है.
पिता ने बताया कि जब उन्होने अपने बेटे का शव देखा तो उसका हाथ कांधे से टूटा हुआ था. पसलियां टूटी थी. पैर टूटा था. शरीर में 25 जगहों पर गंभीर चोंट के निशान थे.
मृतक की पत्नी दुर्गा कठौलिया ने कहा कि अभी तक पीएम रिपोर्ट भी नहीं दी गई. वहीं किसी भी तरह की जानकारी धमतरी जिले में नहीं दी जा रही है. इसके लिए वह राजनांदगांव में आवेदन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनके पति घर के अकेले कमाने वाले थे. अब परिवार की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई है.
मृतक के परिजनों ने कहा कि कांग्रेस के सात सदस्यीय विधायकों की टीम विधायक गुण्डरदेही कुंवर सिंह निषाद के नेतृत्व में मामले की जांच के लिए आई थी. लेकिन एक महिना गुजर जाने के बाद भी नतीजा शुन्य ही रहा.
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