रेप के आरोपी जेल से बाहर आकर अपने आश्रम पहुंचे आसाराम बापू, साधकों की उमड़ी भीड़, आश्रम में भक्तों ने बरसाए फूल, खुशी में फोड़े पटाखे
Rape accused Asaram Bapu came out of jail and reached his ashram, crowd of devotees gathered, devotees showered flowers in the ashram, burst crackers in joy

जोधपुर : जेल में 11 साल 7 महीने से बंद आसाराम को आखिरकार जमानत मिल गई. मंगलवार शाम को राजस्थान उच्च न्यायालय से आदेश जारी होने के बाद उसके वकीलों ने तेजी दिखाते हुए जेल में आदेश लागू करवाया और आसाराम को अस्पताल से रिहा करवाया. आसाराम के मंगलवार को ही आश्रम पहुंचने की खबर उसके भक्तों और साधकों को मिल गई थी. इसके बाद आसाराम जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम में पहुंचे. जहां पहले से ही भक्त उसका इंतजार कर रहे थे.
आश्रम के मुख्य द्वार पर रंगोली सजाई गई थी और भक्तों में खुशी का माहौल था. आश्रम में जमकर भक्तों ने पटाखे भी फोड़े. आसाराम के रवाना होने से पहले भक्त ने लाल रंग की पगड़ी पहनाई. जिसे पहन वह अपने आश्रम पहुंचा. आसाराम की रिहाई के बाद उसे तीन चालानी गार्ड भी दिए गए हैं. जो उसकी निगरानी करेंगे. 7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को अंतरिम जमानत दी थी. लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट से राहत मिलने तक वह जेल से बाहर नहीं आ सकते थे. आसाराम की जमानत की याचिकाएं पहले भी खारिज हो चुकी थीं. लेकिन इस बार सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उसकी जमानत को मंजूरी दी. क्योंकि उसे इलाज की जरुरत थी.
चर्चा है कि आसाराम हिंदुओं के सबसे बड़े समागम प्रयागराज महाकुंभ जा सकते हैं. उनकी बड़ी इच्छा है कि वह प्रयागराज जाकर संगम के पवित्र जल में स्नान करें. साथ ही वह अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन भी कर सकते हैं. हालांकि अभी साफ नहीं है कि आसाराम इन दोनों जगहों पर जाएंगे भी या नहीं.
आसाराम के गुरुवार को जोधपुर से अहमदाबाद जाने की संभावना जताई जा रही है. जोधपुर के पाल रोड स्थित आश्रम के अंदर बड़ी तादाद में भक्ति करते नजर आ रहे थे. आश्रम के बाहर पुलिस की व्यवस्था तो नहीं थी. लेकिन आसाराम के भक्त आसाराम के दर्शन करने के लिए वहां पहुंचे रहे थे.
आसाराम को जब निजी अस्पताल से पाल आश्रम की तरफ ले जाया जा रहा था. तब आसाराम अपने पुराने रंग में दिखे आसाराम पहले की तरह लाल पगड़ी पहने और चेहरे पर पुरानी चमक और तेवर लिए नजर आए. आसाराम को कोर्ट ने यह साफ किया है कि आसाराम के साथ तीन सिपाही रहेंगे. तब इन सिपाहियों का खर्चा आसाराम को वहन करना होगा. आसाराम बहुत बड़ी तादाद में भीड़ इकठ्ठा कर प्रवचन नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा सबूत से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे.
आसाराम को 31 अगस्त 2013 को जोधपुर पुलिस ने इंदौर से गिरफ्तार किया था. जब उस पर मथानिया स्थित आश्रम में एक नाबालिग शिष्या के साथ यौन शोषण का आरोप लगा था. न्यायिक हिरासत में रहते हुए उसे 2018 में आजीवन कारावास की सजा दी गई थी. हाल ही में जोधपुर हाईकोर्ट ने उसे इलाज के लिए पैरोल दी थी. इसके बाद आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की. जिसे मंजूर कर लिया गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जोधपुर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई और मंगलवार को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आसाराम को 31 मार्च तक जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.
आसाराम पिछले कुछ दिनों से पैरोल पर शहर के एक आयुर्वेद अस्पताल में भर्ती थे. मंगलवार देर रात वह अपने आश्रम के लिए रवाना हुआ. अंतरिम जमानत की खबर मिलने के बाद अस्पताल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई और बाहर आने पर आसाराम को माला पहनाई. आश्रम पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. आसाराम के वकील निशांत बोरा ने कहा कि इस जमानत अवधि के दौरान आसाराम अपनी मनपसंद जगह पर इलाज कराने के लिए आजाद हैं. हालांकि जमानत की शर्तों का पालन करना होगा. पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को एक दुसरे रेप केस में 31 मार्च तक इसी तरह की राहत देते हुए कहा था कि वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं और इलाज की जरुरत है.
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